उज्जैन। मकर संक्रांति की अलसुबह से उज्जैन की शिप्रा नदी में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण इस पर्व को मकर संक्रांति का कहा जाता है. जिसे देशभर में धूम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति पर्व पर देश की पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. साथ ही ऐसा माना जाता है कि इस दिन नदियों में स्नान करने पर सभी पापों से मुक्ति मिलती है.
श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
उज्जैन की शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. यहां सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. धर्म और आस्था के इस त्योहार पर लोग दान करने में भी पीछे नहीं हटते हैं. जिसमें हर वर्ग के लोग बच्चें, बुजुर्ग, महिला सभी ठंड को दरकिनार करते हुए आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.
मकर संक्रांति की ये है मान्यताएं
मान्यता है कि, मकर संक्रांति के दिन तिल के साथ स्नान और तिल दान करने से दुखों से मुक्ति मिलती है. परंपरा है कि, महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए आज के दिन सुहाग की सामग्री दान करती हैं. शिप्रा के तट पर संक्रांति के दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है. मकर संक्रांति पर घरों में तिल के लड्डू, गजक और अन्य पकवान बनाए जाते हैं.