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मकर संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं ने शिप्रा नदी में लगाई आस्था की डुबकी

उज्जैन की शिप्रा नदी में मकर संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं ने अलसुबह आस्था की डुबकी लगाई. मान्यता है कि, आज के दिन स्नान कर तिल का दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है.

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Published : Jan 15, 2020, 9:59 AM IST

Updated : Jan 15, 2020, 11:47 AM IST

Devotees bathe in Shipra River on Makar Sankranti
शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

उज्जैन। मकर संक्रांति की अलसुबह से उज्जैन की शिप्रा नदी में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण इस पर्व को मकर संक्रांति का कहा जाता है. जिसे देशभर में धूम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति पर्व पर देश की पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. साथ ही ऐसा माना जाता है कि इस दिन नदियों में स्नान करने पर सभी पापों से मुक्ति मिलती है.

शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

उज्जैन की शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. यहां सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. धर्म और आस्था के इस त्योहार पर लोग दान करने में भी पीछे नहीं हटते हैं. जिसमें हर वर्ग के लोग बच्चें, बुजुर्ग, महिला सभी ठंड को दरकिनार करते हुए आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.

मकर संक्रांति की ये है मान्यताएं

मान्यता है कि, मकर संक्रांति के दिन तिल के साथ स्नान और तिल दान करने से दुखों से मुक्ति मिलती है. परंपरा है कि, महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए आज के दिन सुहाग की सामग्री दान करती हैं. शिप्रा के तट पर संक्रांति के दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है. मकर संक्रांति पर घरों में तिल के लड्डू, गजक और अन्य पकवान बनाए जाते हैं.

उज्जैन। मकर संक्रांति की अलसुबह से उज्जैन की शिप्रा नदी में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण इस पर्व को मकर संक्रांति का कहा जाता है. जिसे देशभर में धूम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति पर्व पर देश की पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. साथ ही ऐसा माना जाता है कि इस दिन नदियों में स्नान करने पर सभी पापों से मुक्ति मिलती है.

शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

उज्जैन की शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. यहां सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. धर्म और आस्था के इस त्योहार पर लोग दान करने में भी पीछे नहीं हटते हैं. जिसमें हर वर्ग के लोग बच्चें, बुजुर्ग, महिला सभी ठंड को दरकिनार करते हुए आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.

मकर संक्रांति की ये है मान्यताएं

मान्यता है कि, मकर संक्रांति के दिन तिल के साथ स्नान और तिल दान करने से दुखों से मुक्ति मिलती है. परंपरा है कि, महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए आज के दिन सुहाग की सामग्री दान करती हैं. शिप्रा के तट पर संक्रांति के दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है. मकर संक्रांति पर घरों में तिल के लड्डू, गजक और अन्य पकवान बनाए जाते हैं.

Intro:उज्जैन शिप्रा नदी पर स्नान श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर अलसुबह से लगा रहे हैं आस्था की डुबकी


Body:उज्जैन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण मनाया जाने वाला पर्व मकर संक्रांति की आज से देशभर में धूम में मकर संक्रांति पर्व पर आज देश की सभी पवित्र नदियों में स्नान किया जा रहा है आज स्नान व दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है उज्जैन की शिप्रा नदी मैं आस्था की श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई यहां सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालु का शिप्रा नदी ताता लगा हुआ है


Conclusion:उज्जैन धर्म और आस्था के इस त्योहार पर लोग दान पूर्ण करने में भी पीछे नहीं हटते हैं पंडितों के अनुसार इस बार योग्य 15 जनवरी को मकर सक्रांति का योग आया है और इसके चलते श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते नजर आ रहे हैं जिसमें हर वर्ग के लोग बच्चे बुजुर्ग महिला सभी ठंड को दरकिनार करते हुए आस्था की डुबकी लगाते नजर आ रहे हैं मान्यता है कि आज के दिन तिल के साथ स्नान व तिल दान करने से दुखों से मुक्ति मिलती है महिला द्वारा अपने पति की लंबी आयु के लिए आज सुहाग की सामग्री दान करने की परंपरा है शिप्रा के तट पर आज पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जा रहा है मकर संक्रांति पर घरों में तिल्ली के लड्डू गजक व अन्य पकवान बनाए जाते हैं



बाइट---राकेश जोशी पंडित
बाइट--- श्रद्धालु
Last Updated : Jan 15, 2020, 11:47 AM IST
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