उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश पर प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में जिले की महाकाल घाटी स्थित मकान में पतंग की दुकान को जमींदोज करने की कार्रवाई को अंजाम देने निगम व पुलिस की टीम पहुंची. लेकिन टीम अपनी एक गलती से घिर गई और कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा. मां का थाना क्षेत्र का बदमाश मंजूर मोहम्मद जुआ सट्टा चलाता था जिस पर आज कार्रवाई की जानी थी.
बदमाश मंजूर मोहम्मद के घर पर कार्रवाई
निगम व पुलिस की टीम महाकाल थाना क्षेत्र का कुख्यात बदमाश मंजूर मोहम्मद के घर पहुंची. जिस पर जिले के अलग-अलग थानों में कई अपराध दर्ज है. निगम व पुलिस की संयुक्त टीम जब मौके पर पहुंची तो परिजनों ने पुलिस प्रशासन को डॉक्यूमेंट दिखाया. प्रशासन ने यह कहकर टाल दिया कि यह सब नकली है. यहां से सामान खाली करो कार्रवाई करना है. कार्रवाई के दौरान मकान और दुकान के ताले तोड़ दिए गए. जिसमें भारी नुकसान किया गया. लेकिन जब विरोध होने लगा तो अधिकारी भी अलर्ट हो गए और व्यवस्था संभालने में जुट गए. इसी बीच राजनीतिक नेताओं का मौके पर जमावड़ा लग गया. डॉक्यूमेंट को कायदे से देखा तो उसमें किसी और के नाम पर मकान होना पाया गया. जिसके बाद निगम को पुलिस बल की कमी व राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा.
डॉक्यूमेंट दिखाने पर भी गिरा दिया मकान
मकान मालिक सैयद आरिफ अली ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिना नोटिस के टीम हमारे घर आई और तोड़फोड़ करने लगी. हमारे मकान का नोटिस होता तो हम एक्शन लेते. हमने कोई एक्शन लिया ही नहीं क्योंकि हमें नोटिस मिला ही नहीं. टीम ने मकान दुकान को तोड़कर नुकसान किया है. हमने मकान के डॉक्यूमेंट भी टीम को दिखाए, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था. निगम अधिकारी पीयूष भार्गव ने बताया कि जो हमारे पास जिला प्रशासन की ओर से सूची आती है. उसके आधार पर ही कार्रवाई की गई है. डॉक्यूमेंट में 10 नाम में अंतर होने की वजह से कार्रवाई को रोका गया है. डॉक्यूमेंट मांगे गए हैं, जिसको लेकर परीक्षण किया जा रहा है. कार्रवाई मंजूर मोहम्मद के घर ही होनी थी, नाम भी मंजूर है. लेकिन यहां कोई साबरा बी के नाम से मकान होना पाया गया है.