उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में ठेकेदार द्वारा सीलिंग वर्क, आर्टिफिशियल ग्लास वर्क, एल्युमिनियम शीट, वाल डेकोरेशन, इलेक्ट्रिक वर्क व अन्य कार्य कराए गए हैं. इस पूरे मामले में जिला कलेक्टर व मंदिर समिति के अध्यक्ष आशीष सिंह ने संज्ञान लिया है और 4 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर ठेकेदार को कोई भी गलत कदम नहीं उठाने व निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
वादा किया था कि काम होने के बाद पेमेंट कर देंगे : इंदौर की फर्म सिग्निफाय प्रेमी वुड के मालिक भरत पटवा हैं. उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन से पूर्व साज-सज्जा का कार्य मंदिर समिति द्वारा सौंपा गया. मंदिर समिति को ठेकेदार ने 6 बिंदुओं के आधार पर 44 लाख 91 हज़ार 768रुपए का कोटेशन बिल बताया. पटवा का कहना है कि उससे कोटेशन के आधार पर माल मंगवा कर काम करने की स्वीकृति मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ व मंदिर की भावना व्यास द्वारा मिली. भावना व्यास व प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि कुछ भुगतान चलते कार्य के दौरान व बाकी का कार्य पूरा होने के 7 दिन के अंतराल में कर देंगे.
सुनवाई नहीं हुई तो जान दे दूंगा : ठेकेदार ने बताया कि उसने समय से पहले ही कार्य करके दे दिया. जब बिल लगाए तो मंदिर के ऑडिट विभाग ने इतना बिल देखकर माल की गुणवत्ता पर सवाल उठा दिए और कहा कि ये सिर्फ 20 से 21लाख का कार्य है. इससे ज्यादा पेमेंट नहीं होगा. ठेकेदार का कहना है कि अगर गुणवत्ता जांचना थी तो काम के वक़्त क्यों नहीं जाँची गई. बिल 44 लाख से अधिक का कोटेशन में साफ था. बावजूद इसके कार्य पूरा होने व बिल भूगतान के समय मुझे बिल पर आपत्ति लगाकर परेशान किया जा रहा है. मुझे जवाब चाहिए वरना मैं आत्महत्या करूँगा, क्योंकि मुझे भी दूसरा का पैसा देना है. मेरा भुगतान नहीं हुआ तो मैं कोर्ट भी जाऊंगा और सुनवाई नहीं हुई तब आत्महत्या करूँगा.
मंदिर प्रशासक ने दी सफाई : इस मामले में महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ का कहना है कि फर्म ने काम किया है लेकिन ऑडिट विभाग ने इस पर गुणवत्ता को लेकर आपत्ति जताई है. आपत्ति पर जांच करवाई गई है. जांच में जो कार्य है, उसका सिर्फ 20 से 21 लाख बन रहा है. बता दें कि सवाल उठता है कि शासकीय कार्य एक लाख रुपए से अधिक होने पर मंदिर के प्रशासक और भावना व्यास ने कोटेशन के आधार पर क्यों करवाए. इस काम के लिए निविदा आमंत्रित क्यों नहीं की गई.
जिला कलेक्टर ने लिया संज्ञान ; उज्जैन कलेक्टर व मंदिर समिति अध्यक्ष आशीष सिंह ने कहा कि मामले को गंभीरता से लेते हुए 4 सदस्यीय जांच टीम गठित की है. इसमें 2 पीडब्ल्यूडी व 2 यूडीए के इंजीनियर शामिल हैं, जो रिपोर्ट पेश करेंगे और उसके बाद जो दोषी होगा. उसके विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन ठेकेदार को दिया है. कलेक्टर ने कहा कि समय कम था, इसलिए टेंडर प्रक्रिया नहीं हो पाई. जांच के बाद निश्चित कार्रवाई करेंगे. Contractor ruckus in Mahakal Temple, Contractor ruckus for payment, Decoration in Mahakal Temple, Contractor threatening suicide