उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में उत्तर भारतीयों का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा बनाया गया. मां शिप्रा के तट पर रविवार शाम से ही उत्तर भारतीयों का जमावड़ा लगा रहा. लोगों द्वारा मां शिप्रा के जल में उतरकर सूर्य को अर्घ्य दिया गया. बता दें कि छठ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड सहित भारत के अन्य राज्यों में बड़े उत्साह के साथ बनाया जाता है. यह पर्व सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली के लिए मनाया जाता है.
शिप्रा के तट पर आस्था का सैलाब: उज्जैन के मां शिप्रा नदी के घाट और 16 सागरों पर जैसे विष्णु सागर, गोवर्धन सागर, विक्रम विश्वविद्यालय के विक्रम सरोवर में उत्तर भारतीयों ने छठ पूजा का पर्व मनाया. जिसमें उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. क्योंकि यह पर्व उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से बनाया जाता है, और उत्तर प्रदेश और बिहार के जो लोग मध्य प्रदेश में रहते हैं वह यहीं पर पर्व मनाकर अपने परिवार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं.
सूर्य को अर्घ्य के साथ महाव्रत का समापन: महाकाल की नगरी उज्जैन में आज सोमवार की सुबह से उत्तर भारतीय लोगों ने शिप्रा के तट पर एकत्रित होकर पूजा की. एक सूपड़े में फलों को रखा गया. जिसके बाद एक घंटे तक पूजा अर्चना की गई. छठ पर्व के चौथे और आखिर दिन सुबह उगते सूर्य को घाटों किनारे दूध और जल से अर्घ्य देकर महाव्रत का समापन हुआ. इस दौरान शिप्रा नदी पर खासी भीड़ रही.