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भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट मामले में 7 आरोपियों को मौत की सजा, 1 को हुई उम्रकैद

भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए ब्लास्ट में मदद पहुंचाने के मामले में 7 दोषियों को फांसी और 1 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

bhopal ujjain train blast
भोपाल उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट
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Published : Mar 1, 2023, 9:36 AM IST

भोपाल उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट

उज्जैन। साल 2017 में हुए भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट मामले में मंगलवार को लखनऊ की विशेष एनआईए कोर्ट में फैसला सुनाया गया. कुल 9 आरोपियों में से 7 को फांसी 1 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. वहीं 1 आतंकी सैफुल्ला की मुठभेड़ में मौत होना बताया गया है. फैसला आते ही ईटीवी भारत ने उज्जैन के उस परिवार से संपर्क किया, जिसके 20 सदस्य इस ट्रेन में सफर कर रहे थे. परिवार के लोग शादी समारोह में शामिल होने के बाद सीहोर से अपने घर उज्जैन लौट रहे थे. आइए जानते हैं परिवार के सदस्यों से उनकी आखों देखी घटना जिसे उन्होंने बयां किया.

मुंह जुबानी सुनिए घटना की कहानी: उज्जैन निवासी 65 साल के बुजुर्ग जगदीश पटवा ने ने बताया कि, "घटना शाजापुर जिले के कालापीपल के पास जबड़ी स्टेशन के पास का है. जब ये घटना हुई तो मैं मेरे परिवार के 20 सदस्यों के साथ सीहोर से उज्जैन शादी समारोह से लौट रहा था. इसी दौरान 09:37 बजे ट्रेन जबड़ी स्टेशन से रवाना हुई. रवाना होते ही जोरदार धमाके की आवाज आई. हम ट्रेन में पीछे से 5वें कोच में बैठे थे. ट्रेन 250 मीटर दूरी पर जाकर अचानक रुकी और 4 लोग उसमें से कूद कर भागते नजर आए. जब धमाके की आवाज से हमने देखा तो एक बुजुर्ग खून में लथपथ दिखाई दिया, फिर कुछ दूरी पर एक बच्ची के भी ऐसे ही हालात में नजर आई. पूरी ट्रेन में हाहाकार मच गया था. आज भी वो खौफनाक मंजर आंखों के सामने अचानक आ जाता है, जब कभी ट्रेन में बैठते हैं तो. कभी ना भुलने वाला वो दृश्य आज भी परिवार के सभी लोगों को याद है. हमारा परिवार किस्मत से बचा था." उज्जैन निवासी मॉन्टी भी उसी ट्रेन में सवार था. मॉन्टी ने बताया कि, "धमाके की जोरदार आवाज आई. तेज धुंआ निकलने लगा. कई लोग खून से लथपथ, हर तरफ घायल लोग नजर आ रहे थे. जिसके बाद भगत की कोठी ट्रेन आई और उसमें शिफ्ट कर सबको भेजा गया."

भोपाल उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट से जुड़ी खबरें यहां पढ़ें...

जानिए कब और कैसे दिया घटना को अंजाम: 7 मार्च 2017 को मध्यप्रदेश के शाजापुर के पास सुबह 9:37 बजे जबड़ी रेलवे स्टेशन पर भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट में 9 लोग घायल हो गए थे. इस पूरे मामले की जांच को केंद्र सरकार ने एनआईए को सौंप दी थी. एनआईए ने लखनऊ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी. पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर अनुसार 7 मार्च 2017 को भोपाल उज्जैन पैसेंजर 59320 में जबड़ी स्टेशन के पास सुबह 09:40 करीब ये ट्रेन ब्लास्ट हुआ था. कोर्ट ने आतंकियों के विरुद्ध कई सारी धाराओं के तहत अपराध लगाया था. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, तत्काल इंटेलिजेन्स अलर्ट कर मध्यप्रदेश पुलिस ने पिपरिया से दोपहर 1:30 बजे चलती बस से 3 युवकों को अरेस्ट किया. इन्होंने लखनऊ, कानपुर, इटावा में नाम साथियों के होने में साक्ष्य दिए. कानपुर से 3 आरोपी पकड़ाए जिनके पास से आईएसआईएस से जुड़े साक्ष्य मिले थे. अन्य दो को भी धर दबोचा गया. इंटेलिंजेस ने 1 की मौत मौके पर होना बताया है.

सजा मिलने पर घायल हुई महिला ने जताई खुशी: इस हादसे में घायल हुए सीहोर की जिया कुशवाह ने आरोपियों को सजा सुनाने पर खुशी जताई है. वह अपने बेटे और सास के साथ दर्शन करने के लिए बोलई ही जा रही थी. इसी दौरान हादसे में घायल हुई जिया ने बताया कि वो इस खतरनाक ब्लास्ट को कभी भूल नहीं पाएंगी. इस हादसे में मेरा मिसकैरेज हुआ. मेरे कान के पर्दे फट गए थे, उंगली टूट गई थी, शरीर में कई जगह चोट आई. 25 हजार मुआवजा मिला था, आज आरोपियों को सजा हुई तो बहुत खुशी है.

भोपाल उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट

उज्जैन। साल 2017 में हुए भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट मामले में मंगलवार को लखनऊ की विशेष एनआईए कोर्ट में फैसला सुनाया गया. कुल 9 आरोपियों में से 7 को फांसी 1 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. वहीं 1 आतंकी सैफुल्ला की मुठभेड़ में मौत होना बताया गया है. फैसला आते ही ईटीवी भारत ने उज्जैन के उस परिवार से संपर्क किया, जिसके 20 सदस्य इस ट्रेन में सफर कर रहे थे. परिवार के लोग शादी समारोह में शामिल होने के बाद सीहोर से अपने घर उज्जैन लौट रहे थे. आइए जानते हैं परिवार के सदस्यों से उनकी आखों देखी घटना जिसे उन्होंने बयां किया.

मुंह जुबानी सुनिए घटना की कहानी: उज्जैन निवासी 65 साल के बुजुर्ग जगदीश पटवा ने ने बताया कि, "घटना शाजापुर जिले के कालापीपल के पास जबड़ी स्टेशन के पास का है. जब ये घटना हुई तो मैं मेरे परिवार के 20 सदस्यों के साथ सीहोर से उज्जैन शादी समारोह से लौट रहा था. इसी दौरान 09:37 बजे ट्रेन जबड़ी स्टेशन से रवाना हुई. रवाना होते ही जोरदार धमाके की आवाज आई. हम ट्रेन में पीछे से 5वें कोच में बैठे थे. ट्रेन 250 मीटर दूरी पर जाकर अचानक रुकी और 4 लोग उसमें से कूद कर भागते नजर आए. जब धमाके की आवाज से हमने देखा तो एक बुजुर्ग खून में लथपथ दिखाई दिया, फिर कुछ दूरी पर एक बच्ची के भी ऐसे ही हालात में नजर आई. पूरी ट्रेन में हाहाकार मच गया था. आज भी वो खौफनाक मंजर आंखों के सामने अचानक आ जाता है, जब कभी ट्रेन में बैठते हैं तो. कभी ना भुलने वाला वो दृश्य आज भी परिवार के सभी लोगों को याद है. हमारा परिवार किस्मत से बचा था." उज्जैन निवासी मॉन्टी भी उसी ट्रेन में सवार था. मॉन्टी ने बताया कि, "धमाके की जोरदार आवाज आई. तेज धुंआ निकलने लगा. कई लोग खून से लथपथ, हर तरफ घायल लोग नजर आ रहे थे. जिसके बाद भगत की कोठी ट्रेन आई और उसमें शिफ्ट कर सबको भेजा गया."

भोपाल उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट से जुड़ी खबरें यहां पढ़ें...

जानिए कब और कैसे दिया घटना को अंजाम: 7 मार्च 2017 को मध्यप्रदेश के शाजापुर के पास सुबह 9:37 बजे जबड़ी रेलवे स्टेशन पर भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट में 9 लोग घायल हो गए थे. इस पूरे मामले की जांच को केंद्र सरकार ने एनआईए को सौंप दी थी. एनआईए ने लखनऊ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी. पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर अनुसार 7 मार्च 2017 को भोपाल उज्जैन पैसेंजर 59320 में जबड़ी स्टेशन के पास सुबह 09:40 करीब ये ट्रेन ब्लास्ट हुआ था. कोर्ट ने आतंकियों के विरुद्ध कई सारी धाराओं के तहत अपराध लगाया था. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, तत्काल इंटेलिजेन्स अलर्ट कर मध्यप्रदेश पुलिस ने पिपरिया से दोपहर 1:30 बजे चलती बस से 3 युवकों को अरेस्ट किया. इन्होंने लखनऊ, कानपुर, इटावा में नाम साथियों के होने में साक्ष्य दिए. कानपुर से 3 आरोपी पकड़ाए जिनके पास से आईएसआईएस से जुड़े साक्ष्य मिले थे. अन्य दो को भी धर दबोचा गया. इंटेलिंजेस ने 1 की मौत मौके पर होना बताया है.

सजा मिलने पर घायल हुई महिला ने जताई खुशी: इस हादसे में घायल हुए सीहोर की जिया कुशवाह ने आरोपियों को सजा सुनाने पर खुशी जताई है. वह अपने बेटे और सास के साथ दर्शन करने के लिए बोलई ही जा रही थी. इसी दौरान हादसे में घायल हुई जिया ने बताया कि वो इस खतरनाक ब्लास्ट को कभी भूल नहीं पाएंगी. इस हादसे में मेरा मिसकैरेज हुआ. मेरे कान के पर्दे फट गए थे, उंगली टूट गई थी, शरीर में कई जगह चोट आई. 25 हजार मुआवजा मिला था, आज आरोपियों को सजा हुई तो बहुत खुशी है.

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