उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल की सवारी समय-समय पर निकाली जाती है. सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बाबा महाकाल की कार्तिक महीने की तीसरी सवारी निकाली गई. ठीक 4 बजे बाबा महाकाल की सवारी मंदिर से निकली और बाबा ने शहर भ्रमण कर भक्तों के हाल जानें. इससे पहले बैकुंठ चतुर्दशी पर बाबा महाकाल की दूसरी सवारी रात 11 बजे गोपाल मंदिर तक निकाली गई थी.
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल समय-समय पर अपने भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलते हैं. महाकाल सावन और भादो महीने, दशहरा और दिवाली के बाद कार्तिक महीने में तीसरी बार भ्रमण पर निकले. यह सवारी एक हरिहर मिलन के रूप में थी, इसीलिए इसे तीसरी सवारी कह सकते हैं. हर बार की तरह सबसे पहले मंदिर प्रांगण में बाबा महाकाल का पूजन-अभिषेक किया गया. और आरती के बाद ठीक 4 बजे मंदिर प्रांगण से महाकाल नगर भ्रमण के लिए निकले.
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बाबा को दिया गार्ड ऑफ ऑनर
मंदिर के मुख्य गेट पर बाबा को पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इस दौरान बहुत ज्यादा संख्या में भक्तजन शामिल हुए और फूलों की बारिश कर बाबा महाकाल का स्वागत किया. नियमों के मुताबिक बाबा की पालकी मंदिर से शिप्रा नदी तक पहुंची, जहां बाबा का पूजन अभिषेक किया गया. इसके बाद दोबारा बाबा को पालकी में ही मंदिर लाया गया. अब आगे बाबा की दो सवारी और निकाली जाएंगी.
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मन महेश रुप में दिए बाबा ने दर्शन
महाकाल मंदिर के पुजारी यश ने बताया कि ये कार्तिक महीने की तीसरी सवारी है, जिसमें बाबा ने मन महेश के रूप में दर्शन दिए हैं.
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