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महाशिवरात्रि से पहले महाकाल का अनूठा श्रृंगार - बाबा महाकाल मंदिर

महाशिवरात्रि पर्व की तैयारी शुरू हो गई है, जहां प्रथम दिन बाबा महाकाल का चंदन, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड, छत्र से श्रृंगार किया गया.

Baba Mahakal decorated
बाबा महाकाल का श्रृंगार
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Published : Mar 3, 2021, 8:56 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 9:10 PM IST

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारी शुरू हो गई है. इसे शिवनवरात्र के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. शिवनवरात्र के पहले दिन माता पार्वती और बाबा महाकाल का चंदन, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड, माल छत्र से विशेष और अद्भुत सिंगार किया गया.

विश्व भर के 12 ज्योर्तिलिंग में से एक उज्जैन एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां तांत्रिक क्रिया के अनुसार बाबा महाकाल को दक्षिण मुखी पूजा प्राप्त है. सुबह भस्म आरती की जाती है. महाशिवरात्रि के बाद हजारों श्रद्धालुओं को मंदिर समिति के पंडित-पुजारियों द्वारा बाबा महाकाल के विवाह उपरांत रिसेप्शन भी दिया जाता है.

बाबा महाकाल का श्रृंगार

आज से महाकाल का विवाहोत्सव, शिवरात्रि की तैयारियां शुरू

9 दिन तक बाबा महाकाल का होगा पूजन
शिवनवरात्र में पहले दिन कोटि तीर्थ कुंड स्थित कोटेश्वर महादेव पर शिव पंचमी का पूजन किया गया. बाबा का अभिषेक सुबह 8 बजे से 9 बजे तक किया गया. प्रति वर्ष अनुसार, इस वर्ष भी 11 ब्राह्मण और दो सहायक पुजारियों को एक-एक शॉल प्रदाय की गई. कोटेश्वर महादेव के पूजन आरती के बाद महाकाल का अभिषेक और 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशीनी रुद्राभिषेक किया गया. इसके उपरांत भोग आरती की गई. देर शाम भगवान महाकाल का संध्या पूजन कर चंदन और भांग का सिंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड, माल छत्र से बाबा को अद्भुत रूप दिया गया. देव श्याम बाबा के आंगन में हरि कीर्तन भी किए गए, जिसका भरपूर आनंद श्रद्धालुओं ने उठाया.

बाबा महाकाल का होगा श्रृंगार
4 मार्च को शेषनाग का श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
5 मार्च को घटा टॉप श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
6 मार्च को छविना श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
7 मार्च को होल्कर श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
8 मार्च को मनमहेश श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
9 मार्च को उमा महेश श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
10 मार्च को शिव तांडव श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
11 मार्च को महाशिवरात्रि पर सतत जलधारा रहेगी.
12 मार्च सप्तमधाम श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
13 मार्च को कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारी शुरू हो गई है. इसे शिवनवरात्र के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. शिवनवरात्र के पहले दिन माता पार्वती और बाबा महाकाल का चंदन, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड, माल छत्र से विशेष और अद्भुत सिंगार किया गया.

विश्व भर के 12 ज्योर्तिलिंग में से एक उज्जैन एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां तांत्रिक क्रिया के अनुसार बाबा महाकाल को दक्षिण मुखी पूजा प्राप्त है. सुबह भस्म आरती की जाती है. महाशिवरात्रि के बाद हजारों श्रद्धालुओं को मंदिर समिति के पंडित-पुजारियों द्वारा बाबा महाकाल के विवाह उपरांत रिसेप्शन भी दिया जाता है.

बाबा महाकाल का श्रृंगार

आज से महाकाल का विवाहोत्सव, शिवरात्रि की तैयारियां शुरू

9 दिन तक बाबा महाकाल का होगा पूजन
शिवनवरात्र में पहले दिन कोटि तीर्थ कुंड स्थित कोटेश्वर महादेव पर शिव पंचमी का पूजन किया गया. बाबा का अभिषेक सुबह 8 बजे से 9 बजे तक किया गया. प्रति वर्ष अनुसार, इस वर्ष भी 11 ब्राह्मण और दो सहायक पुजारियों को एक-एक शॉल प्रदाय की गई. कोटेश्वर महादेव के पूजन आरती के बाद महाकाल का अभिषेक और 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशीनी रुद्राभिषेक किया गया. इसके उपरांत भोग आरती की गई. देर शाम भगवान महाकाल का संध्या पूजन कर चंदन और भांग का सिंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड, माल छत्र से बाबा को अद्भुत रूप दिया गया. देव श्याम बाबा के आंगन में हरि कीर्तन भी किए गए, जिसका भरपूर आनंद श्रद्धालुओं ने उठाया.

बाबा महाकाल का होगा श्रृंगार
4 मार्च को शेषनाग का श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
5 मार्च को घटा टॉप श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
6 मार्च को छविना श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
7 मार्च को होल्कर श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
8 मार्च को मनमहेश श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
9 मार्च को उमा महेश श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
10 मार्च को शिव तांडव श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
11 मार्च को महाशिवरात्रि पर सतत जलधारा रहेगी.
12 मार्च सप्तमधाम श्रृंगार: कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.
13 मार्च को कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र.

Last Updated : Mar 3, 2021, 9:10 PM IST
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