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अटल टिंकरिंग लैब का मंत्री इंदर सिंह परमार ने किया शुभारंभ, ऑनलाइन शिक्षा नीति को लेकर दिया बयान - Inder Singh Parmar controversial statement

उज्जैन जिले के खाचरोद पहुंचे प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सरस्वती शिशु विद्यालय की अटल टिंकरिंग लैब का शुभारंभ किया. इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए विवादित बयान दे दिया. पढ़िए पूरी खबर..

Atal Tickering Lab inaugurated
अटल टिकरिंग लैब का शुभारंभ
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Published : Nov 8, 2020, 10:34 PM IST

उज्जैन। जिले के लौटी स्कूल में सम्मान समारोह संपन्न होने के बाद खाचरोद पहुंचे प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सरस्वती शिशु विद्यालय में अटल टिंकरिंग लैब का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए ऐसा बयान दे दिया, जैसे मानो उन्हें केवल शासकीय स्कूलों की ही चिंता है.

इंदर सिंह परमार ने दिया विवादित बयान

मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, 'कोरोना काल में सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं, जैसे किसान और छोटे बड़े उद्योगपति, लेकिन इनकी भरपाई करना सरकार के बस की बात नहीं है. समाज की यह जिम्मेदारी है कि, वह खुद अपने पैरों पर खड़े हो सकें.'

पढ़े: किराड़ी के इंदर एन्क्लेव में बीच सड़क पर रखा ट्रांसफॉर्मर, बना मुसीबत का सबब

हालांकि, मंत्री इंदर सिंह परमार ने स्कूल शिक्षा नीति को लेकर और भी बाते कहीं. उन्होंने कहा, 'सरकार ने इस वर्ष 10 हजार ऐसे विद्यालयों को चुना है, जो शासकीय और समाज द्वारा संचालित किए जाते हैं, जिन्हें सुविधा युक्त बनाया जाएगा.' ऑनलाइन शिक्षा नीति को लेकर उन्होंने कहा, 'ये शिक्षा का विकल्प ना अभी और ना ही भविष्य में कभी हो सकता है. एक मजबूरी के चलते ये कदम लिया गया था.'

इस दौरान मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, 'कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए 9वीं से 12वीं के स्कूल खोलने जा रहे हैं.' वहीं स्कूल फीस की मनमानी को लेकर आए-दिन हो रहे बवाल पर मंत्री ने कहा, 'कोर्ट के आदेश हैं कि ट्यूशन फीस ही ली जाए. उसके बावजूद भी अगर कोई शिकायत मिलती है, तो समस्त कलेक्टरों को इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसी के साथ फीस एक्ट भी तैयार कर लिया गया है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा.

उज्जैन। जिले के लौटी स्कूल में सम्मान समारोह संपन्न होने के बाद खाचरोद पहुंचे प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सरस्वती शिशु विद्यालय में अटल टिंकरिंग लैब का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए ऐसा बयान दे दिया, जैसे मानो उन्हें केवल शासकीय स्कूलों की ही चिंता है.

इंदर सिंह परमार ने दिया विवादित बयान

मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, 'कोरोना काल में सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं, जैसे किसान और छोटे बड़े उद्योगपति, लेकिन इनकी भरपाई करना सरकार के बस की बात नहीं है. समाज की यह जिम्मेदारी है कि, वह खुद अपने पैरों पर खड़े हो सकें.'

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हालांकि, मंत्री इंदर सिंह परमार ने स्कूल शिक्षा नीति को लेकर और भी बाते कहीं. उन्होंने कहा, 'सरकार ने इस वर्ष 10 हजार ऐसे विद्यालयों को चुना है, जो शासकीय और समाज द्वारा संचालित किए जाते हैं, जिन्हें सुविधा युक्त बनाया जाएगा.' ऑनलाइन शिक्षा नीति को लेकर उन्होंने कहा, 'ये शिक्षा का विकल्प ना अभी और ना ही भविष्य में कभी हो सकता है. एक मजबूरी के चलते ये कदम लिया गया था.'

इस दौरान मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, 'कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए 9वीं से 12वीं के स्कूल खोलने जा रहे हैं.' वहीं स्कूल फीस की मनमानी को लेकर आए-दिन हो रहे बवाल पर मंत्री ने कहा, 'कोर्ट के आदेश हैं कि ट्यूशन फीस ही ली जाए. उसके बावजूद भी अगर कोई शिकायत मिलती है, तो समस्त कलेक्टरों को इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसी के साथ फीस एक्ट भी तैयार कर लिया गया है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा.

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