उज्जैन। जिला अस्पताल प्रबंधन एक बार फिर लापरवाही के कारण सुर्खियों में आ गया है. रविवार को हर रोज की तरह जिला अस्पताल की भोजन शाला से मरीजों को खाना परोसा गया. यह खाना हड्डी वार्ड में भर्ती एक मरीज को खाने के लिए दिया गया, जब मरीज ने खाने को खाना शुरू किया तो वह इल्ली देखकर दंग रह गया. जिसके बाद मरीज ने खाना लेने से मना कर दिया. खाने में इल्ली निकलने की जानकारी मिलते ही अस्पताल में हंगामा मच गया. सूचना मिलते ही मौके पर हड्डी रोग विशेषज्ञ के डॉक्टर और वार्ड बॉय पहुंचे. उन्होंने इसकी जानकारी खाद्य विभाग को दी. मौके पर खाद्य विभाग टीम ने खाने के नमूने लेकर उसे जांच के लिए भोपाल भेज दिया है. वहीं दूसरे दिन मंत्री मोहन यादव और एडीएम नरेंद्र सिंह सूर्यवंशी ने मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्यवाई का आश्वसन दिया है.
किचन प्रभारी को फटकार
संभाग स्तर के सबसे बड़े जिला अस्पताल में आए दिन ऐसी घटना होना सामान्य हो गई है. कभी अस्तपाल में पानी भर जाता है, तो कभी लिफ्ट में मरीज फंस जाते हैं. जिसके बाद रविवार को खाने में इल्ली निकलने से अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया. जानकारी के मुताबिक अस्पाताल में रविवार को मरीज नारायण प्रसाद बोड़ाना को खाना दिया गया था, लेकिन उसके खाने में इल्ली निकल आई, जिसके बाद वार्ड के किसी भी मरीज ने खाने लेने से साफ इनकार कर दिया. खाने में इल्ली निकलने की सूचना जैसे ही डॉक्टर महेश मरमट को जानकारी लगी, उन्होंने तत्काल किचन प्रभारी को बुलाया और जमकर फटकार लगाई. हालांकि खाद्य विभाग ने मौके पर पहुंचकर खाने के नमूने लेकर सैंपल भोपाल भेज दिए हैं.
मंत्री मोहन यादव ने मांगी रिपोर्ट
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने खाने में इल्ली निकलने के मामले में अस्पताल प्रबंधन से जानकारी मांगी है. मामले में एडीएम नरेंद्र सिंह सूर्यवंशी का कहना है कि खाने के सैंपल लिए गए हैं औऱ उन्हें जांच के लिए भोपाल की लैब में भेजा गया है. उन्होंने बताया कि जैसे ही मामले में जांच रिपोर्ट आएगी उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.
रोजाना 500 से 600 मरीजों का बनता है खाना
जिला अस्पताल की भोजनशाला में जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के अलावा चरक भवन में भर्ती प्रसूता व गर्भवती महिलाओं के लिए भी भोजन बनाया जाता है. भोजन शाला के कर्मचारियों का कहना है कि रोजाना सुबह व शाम 500 से 600 लोगों का खाना बनाया जाता है.