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महाशिवरात्रि विशेषः भगवान शिव का चमत्कारिक मंदिर, हर साल बढ़ रहा है शिवलिंग का आकार - god

महाशिवरात्रि पर्व पर कुंडेश्वर मंदिर की अनूठी परंपरा निभाई जाती है, जो सालों से चली आ रही है. दरअसल महाशिवरात्रि के पर्व पर देर रात यहां भोलेबाबा की शादी मां पार्वती के साथ की जाती है, जिसकी सबसे खास विशेषता यह है कि भगवान शिव की शादी बुंदेलखंडी रस्मों से संपन्न कराई जाती है.

महाशिवरात्रि विशेषः
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Published : Mar 4, 2019, 6:17 PM IST

टीकमगढ़। जिले के कुंडेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व हर साल की तरह इस साल भी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि ये शिवलिंग हजारों साल पहले भूगर्भ से प्रकट हुआ था. इस शिवलिंग के बारे में एक और चमत्कारिक बात यह है कि इसका हर साल आकार बढ़ता जा रहा है, जो आज भी निरंतर जारी है.

महाशिवरात्रि विशेषः

कुंडेश्वर धाम शिव मंदिर के शिवलिंग की यूं तो कई विशेषताएं बताई जाती हैं, लेकिन इसकी एक खास बात इसका पंचमुखी शिवलिंग है. बुंदेलखंड अंचल में इसे कलयुग का कैलाश भी कहते हैं. कहा जाता है कि कुंडेश्वर शिवलिंग के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

महाशिवरात्रि पर्व पर कुंडेश्वर मंदिर की अनूठी परंपरा निभाई जाती है, जो सालों से चली आ रही है. दरअसल महाशिवरात्रि के पर्व पर देर रात यहां भोलेबाबा की शादी मां पार्वती के साथ की जाती है, जिसकी सबसे खास विशेषता यह है कि भगवान शिव की शादी बुंदेलखंडी रस्मों से संपन्न कराई जाती है. इस परंपरा के गाजे-बाजे के साथ भोले बाबा की बारात भी निकाली जाती है. इस दौरान भगवान शिव का 52 किलो चांदी के आभूषणों से विशेष शृंगार भी किया जाता है.

वहीं रतलाम के बिलपांक गांव में भी इसी तरह का एक अति प्रचीन विरूपाक्ष शिव मंदिर है. यहां आने वाले भक्तों में मान्यता है कि निसंतान दंपति को विरूपाक्ष महादेव के दर्शन मात्र से संतान की प्राप्ति हो जाती है. इसके अलावा यहां पिछले 76 सालों महाशिवरात्रि के पर्व पर महारूद्र यज्ञ का भी आयोजन किया जा रहा है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण मौर्य और परमार काल के दौरान किया गया था.

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टीकमगढ़। जिले के कुंडेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व हर साल की तरह इस साल भी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि ये शिवलिंग हजारों साल पहले भूगर्भ से प्रकट हुआ था. इस शिवलिंग के बारे में एक और चमत्कारिक बात यह है कि इसका हर साल आकार बढ़ता जा रहा है, जो आज भी निरंतर जारी है.

महाशिवरात्रि विशेषः

कुंडेश्वर धाम शिव मंदिर के शिवलिंग की यूं तो कई विशेषताएं बताई जाती हैं, लेकिन इसकी एक खास बात इसका पंचमुखी शिवलिंग है. बुंदेलखंड अंचल में इसे कलयुग का कैलाश भी कहते हैं. कहा जाता है कि कुंडेश्वर शिवलिंग के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

महाशिवरात्रि पर्व पर कुंडेश्वर मंदिर की अनूठी परंपरा निभाई जाती है, जो सालों से चली आ रही है. दरअसल महाशिवरात्रि के पर्व पर देर रात यहां भोलेबाबा की शादी मां पार्वती के साथ की जाती है, जिसकी सबसे खास विशेषता यह है कि भगवान शिव की शादी बुंदेलखंडी रस्मों से संपन्न कराई जाती है. इस परंपरा के गाजे-बाजे के साथ भोले बाबा की बारात भी निकाली जाती है. इस दौरान भगवान शिव का 52 किलो चांदी के आभूषणों से विशेष शृंगार भी किया जाता है.

वहीं रतलाम के बिलपांक गांव में भी इसी तरह का एक अति प्रचीन विरूपाक्ष शिव मंदिर है. यहां आने वाले भक्तों में मान्यता है कि निसंतान दंपति को विरूपाक्ष महादेव के दर्शन मात्र से संतान की प्राप्ति हो जाती है. इसके अलावा यहां पिछले 76 सालों महाशिवरात्रि के पर्व पर महारूद्र यज्ञ का भी आयोजन किया जा रहा है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण मौर्य और परमार काल के दौरान किया गया था.

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Intro:टीकमगढ़ जिले में शिवविबाह की तैयारियां जोरों पर


Body:एंकर इंट्रो / टीकमगढ़ जिले में आज शिवरात्रि पर्व पर भोले नाथ की की शादी की तेयारीया जोरो पर है और मन्दिर को भी दुल्हन की तरह सजाया गया है और चप्पे चप्पे पर पुलिस है तैनात

वाईट /1 पुष्पेंद्र द्विवेदी मन्दिर पुजारी

वाईट /2 सुनीता तिवारी भक्तगण टीकमगढ़

वाईट / नेपाल यादव भक्तगण कुंडेश्वर

one 2 one /1 जिला पुलिस अधीक्षक के साथ

वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिले में आज प्रत्येक साल की भांति इस साल भी महाशिवरात्रि का महापर्व बड़े ही उल्लाश के साथ मनाया जाता है जिसमे शिवधाम कुंडेश्वर मन्दिर में बुन्देलखण्ड का सबसे बड़ा आयोजन मनाया जाता है जिसमे यह आयोजन देखने समुंचे बुन्देलखण्ड से हजारो लोग आते है क्योंकि यह मंदिर में बना शिवलिंग अद्भुत ओर चमत्कारिक है जो प्रति साल बढ़ता ओर मोटा होता है जो हजारो साल पहिले जमीन से प्रकट हुआ था नजो पंच मुखी है जिसे कलयुग का कैलाश कहा जाता गए जिनके दर्शनो मात्र से कस्टो से मुक्ति मिलती है आज यहापर रात को भोलेबाबा की शादी माता पार्वती के साथ बुन्देलखण्डी बेवाहिक रश्मो के साथ होगी जिसमे मन्दिर परिसर में विसाल बारात का आयोजन होगा और फिर भोले नाथ की सादि रचाई जाबेगी


Conclusion:टीकमगढ़ जिसको लेकर आज मन्दिर में सुरक्षा व्यबस्था को लेकर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात किए गए और यहां पर सेकड़ो की संख्या में पुलिस जवान लगाए गए है और मन्दिर में भक्तो की सुबिधा के लिए अलग अलग रेलिंग लगाकर दर्शनों की व्यबस्था बनाई गई है और मन्दिर में कई पोवाईट बनाकर पुलिस के हवाले किये है जिससे रात में लोगो को कोई दिक्कत न हो और इस आयोजन में कोई बारदात न हो और उससे निपटने पुलिस बल चौकस है आज के दिन भोले नाथ की पूजा करना काफी फलदाई माना जाता है और आज जलबिसेख ओर दूध और दही से भोले नाथ के स्नान करवाने से कस्टो से मुक्ति मिलती है आज भोले नाथ का 52 किलो चांदी के आभूषणो से बिसेस श्रृंगार होगा और आज भोले नाथ दूल्हा ओर माता पार्वती दुल्हन के रूप में दिखेंगी ओर गाजे बाजे से बारात निकाली जावेगी जिसकी तैयारियां पूरी हुई है
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