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लॉकडाउन के चलते ओरछा में होटल व्यवसाय बंद, कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान

ओरछा रामराजा सरकार की नगरी होने के कारण बड़ा वेडिंग डेस्टिनेशन बन गया है. पूरे दुनिया भर से लोग यहां हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादियां करने आते हैं, लेकिन लॉकडाउन में लगभग 50 से 60 बढ़ी शादियां कैंसिल हो गई, जिससे यहां के होटल कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है.

Huge loss to the tourism industry
ओरछा को लगा लंबा बट्टा
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Published : May 10, 2020, 12:56 PM IST

टीकमगढ़। कोरोना महामारी शुरू होते ही सबसे पहले कोई उद्योग प्रभावित हुआ तो वह है पर्यटन और सबसे बाद में जो उद्योग मंदी से उबर कर आएगा वह भी पर्यटन ही है. ओरछा में शासन के निर्देशों से लॉकडाउन चालू होते ही तत्काल सारे होटल बंद कर दिए गए थे. यहां करीब 7-8 बड़े होटल और 50 से ऊपर छोटे विवाह घर गेस्ट हाउस हैं. ओरछा रामराजा सरकार की नगरी होने के कारण बड़ा वेडिंग डेस्टिनेशन बन गया है. पूरी दुनियाभर से लोग यहां हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादियां करने आते हैं. पिछले विगत 45 दिनों के लॉकडाउन में लगभग 50 से 60 बढ़ी शादियां कैंसिल हो गईं, जिसके कारण ओरछा की होटल इंडस्ट्री को 6 से 7 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.

मनीष सेंगर, होटल कोरोबारी

एडवांस वापस से हुआ नुकसान
जिन कारोबारियो ने लोगों से एडवांस लिया हुआ था वह भी लगभग वापस कर दिया. होटल व्यवसाई मनीष सेंगर की माने तो इन 45 दिनों में लगभग 50 से 60 शादियां कैंसिल हुई हैं जिससे ओरछा की होटल इंडस्ट्री को 6 से 7 करोड़ रुपए का नुकसान अनुमानित है और अगर यह लॉकडाउन आगे बढ़ा तो यह आंकड़ा और भी बढ़ेगा.उन्होंने बताया की ओरछा में लगभग 300 बड़ी शादियां होती हैं, इस हिसाब से यह नुकसान करीब 30 से 40 करोड़ रुपए जा सकता है.

विदेशी पर्यटक का 2 साल होगा इंतजार
विदेशी पर्यटक की आमद पूर्णता बंद है और विगत 2 साल तक दूर-दूर तक कहीं इसके आसार नहीं दिख रहे विदेशी और स्थानीय देशी पर्यटन का यह व्यापारिक नुकसान ओरछा के लिए करीब 60 से 70 करोड़ रुपए तक जा सकता है.

बंद हो जाएंगे कई होटल
पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों के लिए शासन की कोई भी नीति अभी तक स्पष्ट नहीं है. पर्यटन व्यवसायियों को भारी भरकम टैक्स शासन को देना पड़ता है, ऐसी में मांग की गई है कि शासन को दिए जाने वाले टैक्स और अन्य शुल्क में शासन इन में विशेष छूट दे. ताकि पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग और उनके परिवारों का भरण पोषण हो सके. शासन अगर इन व्यवसायियों की मदद नहीं करता है तो कई छोटे और बड़े होटल अपनी इकाइयों को छोटा कर देंगे या बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

मनीष सेंगर, होटल कोरोबारी

शादियों का सीजन गया खाली
ओरछा रामराजा सरकार की नगरी है लोग यहां आकर भगवान राम के आगे सातो जन्म के बंधन में बनते हैं हर वर्ग के लोग यहां आकर शादियां करते हैं. ओरछा में छोटे विवाह घर एवं बड़े-बड़े फाइव स्टार आलीशान होटल भी हैं. जो हर वर्ग के लोगों को सुविधाएं मुहैया कराते हैं. लॉकडाउन के चलते यह सारे विवाह घर, गेस्ट हाउस एवं होटल बंद पड़े हुए हैं. शादियों का सीजन होने के कारण ओरछा के लोगों में एक हर्ष का माहौल था कि उनका व्यापार बढ़ेगा लेकिन लॉकडाउन ने सब खत्म कर दिया.

टीकमगढ़। कोरोना महामारी शुरू होते ही सबसे पहले कोई उद्योग प्रभावित हुआ तो वह है पर्यटन और सबसे बाद में जो उद्योग मंदी से उबर कर आएगा वह भी पर्यटन ही है. ओरछा में शासन के निर्देशों से लॉकडाउन चालू होते ही तत्काल सारे होटल बंद कर दिए गए थे. यहां करीब 7-8 बड़े होटल और 50 से ऊपर छोटे विवाह घर गेस्ट हाउस हैं. ओरछा रामराजा सरकार की नगरी होने के कारण बड़ा वेडिंग डेस्टिनेशन बन गया है. पूरी दुनियाभर से लोग यहां हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादियां करने आते हैं. पिछले विगत 45 दिनों के लॉकडाउन में लगभग 50 से 60 बढ़ी शादियां कैंसिल हो गईं, जिसके कारण ओरछा की होटल इंडस्ट्री को 6 से 7 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.

मनीष सेंगर, होटल कोरोबारी

एडवांस वापस से हुआ नुकसान
जिन कारोबारियो ने लोगों से एडवांस लिया हुआ था वह भी लगभग वापस कर दिया. होटल व्यवसाई मनीष सेंगर की माने तो इन 45 दिनों में लगभग 50 से 60 शादियां कैंसिल हुई हैं जिससे ओरछा की होटल इंडस्ट्री को 6 से 7 करोड़ रुपए का नुकसान अनुमानित है और अगर यह लॉकडाउन आगे बढ़ा तो यह आंकड़ा और भी बढ़ेगा.उन्होंने बताया की ओरछा में लगभग 300 बड़ी शादियां होती हैं, इस हिसाब से यह नुकसान करीब 30 से 40 करोड़ रुपए जा सकता है.

विदेशी पर्यटक का 2 साल होगा इंतजार
विदेशी पर्यटक की आमद पूर्णता बंद है और विगत 2 साल तक दूर-दूर तक कहीं इसके आसार नहीं दिख रहे विदेशी और स्थानीय देशी पर्यटन का यह व्यापारिक नुकसान ओरछा के लिए करीब 60 से 70 करोड़ रुपए तक जा सकता है.

बंद हो जाएंगे कई होटल
पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों के लिए शासन की कोई भी नीति अभी तक स्पष्ट नहीं है. पर्यटन व्यवसायियों को भारी भरकम टैक्स शासन को देना पड़ता है, ऐसी में मांग की गई है कि शासन को दिए जाने वाले टैक्स और अन्य शुल्क में शासन इन में विशेष छूट दे. ताकि पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग और उनके परिवारों का भरण पोषण हो सके. शासन अगर इन व्यवसायियों की मदद नहीं करता है तो कई छोटे और बड़े होटल अपनी इकाइयों को छोटा कर देंगे या बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

मनीष सेंगर, होटल कोरोबारी

शादियों का सीजन गया खाली
ओरछा रामराजा सरकार की नगरी है लोग यहां आकर भगवान राम के आगे सातो जन्म के बंधन में बनते हैं हर वर्ग के लोग यहां आकर शादियां करते हैं. ओरछा में छोटे विवाह घर एवं बड़े-बड़े फाइव स्टार आलीशान होटल भी हैं. जो हर वर्ग के लोगों को सुविधाएं मुहैया कराते हैं. लॉकडाउन के चलते यह सारे विवाह घर, गेस्ट हाउस एवं होटल बंद पड़े हुए हैं. शादियों का सीजन होने के कारण ओरछा के लोगों में एक हर्ष का माहौल था कि उनका व्यापार बढ़ेगा लेकिन लॉकडाउन ने सब खत्म कर दिया.

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