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टीकमगढ़ : धूमधाम से नंदलाल को विदा कर मनाई गई कार्तिक पूर्णिमा

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Published : Nov 12, 2019, 9:22 PM IST

Updated : Nov 12, 2019, 9:39 PM IST

टीकमगढ़ में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर धूमधाम से भगवान कृष्ण की पूजा कर उन्हें विदा किया गया.

धूमधाम से मनाई कार्तिक पूर्णिमा

टीकमगढ़। पूरे जिले में आज कार्तिक पूर्णिमा की धूम देखने मिली. एक ओर जहां नदी, घाट और तालाबों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा. तो वहीं महिलाओं ने 56 भोग लगा और नदी में 108 दीपकों का दान कर, धूमधाम से भगवान कृष्ण की पूजा कर उन्हें विदा किया.

धूमधाम से मनाई कार्तिक पूर्णिमा


एक महीने तक महिलाएं रखती हैं व्रत

  • कार्तिक का व्रत एक महीने तक किया जाता है.
  • शरद पूर्णिमा से शुरू होता है ये व्रत.
  • सुबह पांच बजे उठकर नदी में नहाती हैं महिलाएं.
  • एक माह करती हैं माखनचोर नंदलाल की पूजा-अर्चना.
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण को विदा कर, खत्म होता है ये व्रत.

कार्तिक पूर्णिमा में होती है विशेष पूजा

  • 56 तरह के मीठे पकवान बनाती हैं महिलाएं.
  • नंदलाल का होता है आकर्षक शृंगार.
  • पूजा-अर्चना, हवन-आरती के बाद महिलाएं गाती हैं कार्तिक के विशेष गीत.
  • बाजे-गाजे और नृत्य कर धूमधाम से होती है नंदलाल की विदाई.
  • कार्तिक में सुबह जल्दी नहाने वाली महिलाएं मानी जाती हैं गोपी.
  • दीपदान कर मनाई जाती देव दिवाली.

टीकमगढ़। पूरे जिले में आज कार्तिक पूर्णिमा की धूम देखने मिली. एक ओर जहां नदी, घाट और तालाबों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा. तो वहीं महिलाओं ने 56 भोग लगा और नदी में 108 दीपकों का दान कर, धूमधाम से भगवान कृष्ण की पूजा कर उन्हें विदा किया.

धूमधाम से मनाई कार्तिक पूर्णिमा


एक महीने तक महिलाएं रखती हैं व्रत

  • कार्तिक का व्रत एक महीने तक किया जाता है.
  • शरद पूर्णिमा से शुरू होता है ये व्रत.
  • सुबह पांच बजे उठकर नदी में नहाती हैं महिलाएं.
  • एक माह करती हैं माखनचोर नंदलाल की पूजा-अर्चना.
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण को विदा कर, खत्म होता है ये व्रत.

कार्तिक पूर्णिमा में होती है विशेष पूजा

  • 56 तरह के मीठे पकवान बनाती हैं महिलाएं.
  • नंदलाल का होता है आकर्षक शृंगार.
  • पूजा-अर्चना, हवन-आरती के बाद महिलाएं गाती हैं कार्तिक के विशेष गीत.
  • बाजे-गाजे और नृत्य कर धूमधाम से होती है नंदलाल की विदाई.
  • कार्तिक में सुबह जल्दी नहाने वाली महिलाएं मानी जाती हैं गोपी.
  • दीपदान कर मनाई जाती देव दिवाली.
Intro:एंकर इंट्रो / टीकमगढ़ जिले में आज कार्तिक ब्रत का समापन देव दीवाली के रूप में मनाई गई कार्तिक स्न्नान करने बाली महिलाओ ने 56 प्रकार के भोग लगाकर आज माखनचोर को किया विदा


Body:वाईट /01सुमन गंगेले कार्तिक स्नान करने बाली महिला टीकमगढ़

वाईट /02 ओ पी सिरधर मन्दिर पुजारी टीकमगढ़

वाईट /03 पुष्पलता शर्मा कार्तिक स्नान करने बाली महिला टीकमगढ़

वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिले में आज एक माह से चलने बाले कार्तिक स्नान और ब्रत ओर दान पुण्य ब्रत का आज समापन किया गया जिले में मंदिरों और जलाशयों के पास आज हजारो की संख्या में महिलाओं ने एकजुट होकर बड़े ही उत्साह के साथ पूजन पाठ किया आज सुबह से जल्दी ही महिलाओ ने स्नान कर भगवान श्री कृष्ण की पूजा पाठ की ओर आज फिर दोफहर मन्दिरों में जाकर बिसेसप्रकार की पूजा की जिसमे आज बड़े ही उत्साह के साथ महिलाओ ने कृष्ण भगवान को 56 प्रकार के व्यजनों से भोग लगाया गया जिसमें लोल कुचहिया, मुकुट, मालपुआ, ठ्ठुरा, तमाम प्रकार का मीठा सहित 56 प्रकार का भोग लगाया गया और नदी में 108 दीपक के दियो का दीपदान किया गया और इस दौरान व्यंजनो का ही घर बनाया गया और ओर उस घर के दरवाजों को जो महिलाये कार्तिक स्नान करती उनके भाई आते है !और जो मकान बनाया जाता पकवानों का उस मकान का दरवाजा महिलाओ के भाईयो ने खोले ओर आज सभी महिलाओ ने एक माह से कठिन टप बाला यह ब्रत तोड़ा गया और आज एक माह से निरंतर चलने बाला श्री कृष्ण का कठोर ब्रत का समापन किया गया महिलाओ का कहना रहा कि कार्तिक का ब्रत करने से महिलाओ की सभी इक्षाये पूरी होती है !और जो क्वारी लडकिया यह ब्रत करती है !उनको अच्छा वर मिलता है ऐसी मान्यता है !राधा रानी ने यह ब्रत किया था तो उनको पति के रूप में भगवान श्री कृष्ण मिले थे यह ब्रत सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी करने बाला फलदाई होता है !


Conclusion:टीकमगढ़ कार्तिक का यह ब्रत एक माह का होता है !जिसमे ब्रत रखने के पहिले महिलाये गांठ बांधती है !फिर इस ब्रत को करती है !जिसमे सुबह सुबह उठकर 5 बजे से नदियो में स्नान कर माखनचोर की पूजा अर्चना की जाती है यह ब्रत शरद पूणिमा से प्रारंभ होता है !और आज कार्तिक पूणिमा को खत्म होता है !यह ब्रत काफी कठिन होता है !आज महिलाओ ने अपने सपने घरों से 56 प्रकार के मिष्ठान बनाकर भगवान को भोग लगाया और माखनचोर का आकर्षक तरीके से श्रृंगार किया और फिर पूजा अर्चना ओर फिर हवन ओर आरती की गई सभी महिलाओ ने आज आकर्षक कार्तिक गीत गाकर अपने इष्टदेव माखनचोर को बिदा किया एक माह कठोर तपस्या करने के उपरांत ओर महिलाओ ने जी भरकर नृत्य भी किया महिलाओ का कहना रहा कि श्री कृष्ण भगवान को प्रसन्न करने का यह अनोखा ब्रत है !जिससे कृष्ण जी जल्दी प्रसन्न होते है !यह सभी कार्तिक नहाने बाली महिलाये गोपी के रूप में मानी जाती है !जो भगवान को प्रसन्न करने के लिए तरह तरह स उनको रिझाती है !कि उनके इष्टदेव प्रसन्न हो जावे पूरे माह यह महिलाये ब्रत कर कथा सुनती है !और भगवान की सेवा और आज कार्तिक ब्रत का बड़े ही उल्लाश के साथ किया गया समापन ओर महिलाओ ने आज कार्तिक पूणिमा को देव दीपाली के रूप में मनाया नदी में दीप दान कर
Last Updated : Nov 12, 2019, 9:39 PM IST
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