टीकमगढ़। जिला अस्पताल में बना स्पेशल आईसीयू वार्ड सिर्फ नुमाइश बनकर रह गया है. आईसीयू वॉर्ड में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. जिसके चलते मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. 52 डाक्टरों के पद स्वीकृत होने के बाद यहां 23 डॉक्टर ही हैं.
अस्पताल के आईसीयू वॉर्ड के हालात ऐसे हैं कि न सफाई है और नही एसी का इंतजाम. पूरे वार्ड में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. मरीजों को पंखे के सहारे रहना पड़ता है. चादर भी पूरी तरह गंदे हैं. मरीजों के मुताबिक वार्ड में कोई भी डॉक्टर नहीं रहता. जबकि आईसीयू वार्ड में एक डॉक्टर की ड्यूटी 24 घंटे रहती है.
गंदगी के साथ वार्ड में जानवर भी घूमते नजर आते हैं. टीकमगढ़ जिले का यह सबसे बड़ा अस्पताल है. जिसमें हर दिन 500 से लेकर 800 मरीजों की ओपीडी होती है. यहां पर मरीजो को डॉक्टरों के अभाव में रहना पड़ता है. जबकि इस अस्पताल में 52 डाक्टरों के पद स्वीकृत है. लेकिन यहां पर मात्र 23 डॉक्टर हैं. जिससे मरीजो को काफी परेशानी होती है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.