टीकमगढ़। जिला कोर्ट ने पटवारी को रिश्वत लेने के आरोप में चार साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने अपराधी पर जुर्माना जुर्माना भी लगाया है. अपराधी पर किसान से चार हजार की घुस लेने का आरोप था जब मामले की जांच में आरोपी रिश्वत लेते हुए सही पाया गया तो जिला कोर्ट ने अपराध की चार साल की सजा सुनाई. जब कोर्ट ने रिश्वत के मामले में सजा सुनाई तो पटवारियों और राजस्व अमले में हड़कंप मच गया.
क्या है मामला
मामला 2018 का है. टीकमगढ़ के लिधौरा तहसील के स्याबनी सर्किल में पदस्थ पटवारी कन्हैया लाल लोधी ने एक किसान से 6 हजार की रिश्वत की मांग की थी. स्याबनी गांव के किसान रामचरण गुप्ता का जमीन का केस लिधौरा तहसील में चल रहा था लेकिन वह खारिज हो गया था. किसान की जमीन की तरमिन का मामला चल रहा था जो तहसील से खारिज हो गया था जिसे दोबारा चालू करवाने के एवज में इस पटवारी ने किसान रामचरण से छह हजार रुपया की मांग की थी लेकिन किसान यह रिश्वत देना नहीं चाहता था तो उसने इसकी शिकायत लोकायुक्त सागर से की और प्लान कर पटवारी से चार हजार में सौदा तय कर किसान ने में तहसील लिधौरा में पैसे दिए थे जिसे लोकायुक्त टीम सागर ने रंगे हाथों ट्रेप किया था और यह मामला कोर्ट में चल रहा था जिसमें कोर्ट ने पटवारी को सजा सुनाई गई है.
जज ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पटवारी को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी मानते हुए पटवारी कन्हैया लाल लोधी को चार साल की सजा सुनाई है और अलग-अलग अर्थदंड लगाया है. इसके साथ ही अपराधी को चार हजार रुपये से दण्डित किया गया है. इस मामले की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी आरसी चतुर्वेदी ने की.