टीकमगढ़। प्रदेश के मामा शिवराज सिंह चौहान का अमेरिका से अच्छी सड़क प्रदेश में दिखाने के दावे से भ्रष्टाचार की बू उठ रही है. सुशासन के नाम पर टीकमगढ़ जिले में सड़कों के नाम पर पैसा निकालकर ऐसे खातों में डाला जा रहा, जिनका धरातल पर कोई वजूद ही नहीं है. पंचायत सरपंच खुद ही फर्जी फॉर्म भर कागजों में सड़क निर्माण कर पैसा खा रहे हैं. जबकि हकीकत में विकास की सड़क गायब है. सरपंच से लेकर बड़े-बड़े अफसरों ने पैसा डकार लिया है, लेकिन प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी रोड बदहाल है.
छिदारी ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पंचायत ने एक ही रोड का दो बार सीसी निर्माण कराकर 17 लाख रुपए की राशि को डकार लिया. वहीं पंचायत के सरपंच ही ठेकेदार बनकर भ्रष्टाचार वाली सड़क बनवाकर पैसा खाने का इंतजाम कर चुके हैं. वहीं मामला सामने आने के बाद अधिकारी मामले की जांच कराने का आश्वासन दे रहे हैं.
ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में भी गोलमाल
ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना भी जिले में भ्रष्टाचार का केंद्र बनकर रह गई है. योजना में लापरवाहियों का सिलसिला अब तक जारी है. कहीं मजदूरों की जगह मशीनों से काम हो रहा है तो कहीं बिना काम के ही लाखों रुपए निकाल लिए गए हैं. वहीं जिले के अनेक पूर्व सरपंचों और सचिवों पर अब तक रिकवरी की लाखों रुपए की राशि बकाया पड़ी हुई है और अधिकारी केवल नोटिस जारी कर अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं.
सड़क निर्माण में हुआ खेल
ग्राम पंचायत छिदारी में 2018 में हनुमान मंदिर से छिदारी तिगैला तक 500 मीटर सीसी रोड का निर्माण कराया गया. यह निर्माण मनरेगा के तहत बताया जा रहा है. इस काम के लिए पंचायत के दस्तावेजों में 10 लाख रुपए का व्यय बताया गया है. वहीं साल 2020 के जनवरी माह में भी इस सड़क पर 275 मीटर सीसी सड़क का निर्माण किया गया है. इसके लिए भी पंचायत से 7 लाख रुपए का भुगतान किया गया है, जबकि यह सड़क 2017 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई गई थी.