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बड़वानी के महाराज ने कुलदेवी मां कालिका के मंदिर में किया हवन- पूजन

बड़वानी नगरी के महाराज व उनके परिवार ने रियासतकालीन कुलदेवी मां कालिका के मन्दिर में पूजापाठ कर हवन किया.

बड़वानी के महाराज का कुलदेवी मंदिर
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Published : Oct 7, 2019, 6:39 PM IST

बड़वानी। जिले में स्थित मां कालिका मंदिर रियासत कालीन मंदिर है. इस मंदिर में विराजित माता की प्रतिमा काफी पुरानी है. ये मंदिर राजपरिवार की कुलदेवी का मंदिर है. हर नवरात्रि में परिवार के लोग यहां आकर हवन और पूजने करते हैं. वैसे ही हर साल की तरह इस साल भी राजपरिवार में मां कालका मंदिर हवन किया.

बड़वानी के महाराज का कुलदेवी मंदिर

रियासतकालीन इस मंदिर में मां कालिका स्वयंभू होकर पीपल के तने में विराजित हैं. माना जाता है कि माता ने बड़वानी रियासत के महाराज को सपने में दर्शन देकर कुंए से बाहर निकालने की बात कही थी. इसके बाद कुंए में खुदाई कर प्रतिमा को बाहर निकाल कर पीपल के पास छोटे से मन्दिर में स्थापित किया पर कुछ समय बाद प्रतिमा अपने आप पीपल के तने में विराजित हो गई.

इसके बाद राजपरिवार ने यथास्थान (पीपल के तने में) मंदिर बना कर पूजा शुरू कर दी. तब से अब तक वही माता की पूजा की जाती है. वर्तमान में राजपरिवार इंदौर में निवासरत है, रियासत के महाराज मानवेन्द्र सिंह सिसोदिया ने यह हवन किया.

बड़वानी। जिले में स्थित मां कालिका मंदिर रियासत कालीन मंदिर है. इस मंदिर में विराजित माता की प्रतिमा काफी पुरानी है. ये मंदिर राजपरिवार की कुलदेवी का मंदिर है. हर नवरात्रि में परिवार के लोग यहां आकर हवन और पूजने करते हैं. वैसे ही हर साल की तरह इस साल भी राजपरिवार में मां कालका मंदिर हवन किया.

बड़वानी के महाराज का कुलदेवी मंदिर

रियासतकालीन इस मंदिर में मां कालिका स्वयंभू होकर पीपल के तने में विराजित हैं. माना जाता है कि माता ने बड़वानी रियासत के महाराज को सपने में दर्शन देकर कुंए से बाहर निकालने की बात कही थी. इसके बाद कुंए में खुदाई कर प्रतिमा को बाहर निकाल कर पीपल के पास छोटे से मन्दिर में स्थापित किया पर कुछ समय बाद प्रतिमा अपने आप पीपल के तने में विराजित हो गई.

इसके बाद राजपरिवार ने यथास्थान (पीपल के तने में) मंदिर बना कर पूजा शुरू कर दी. तब से अब तक वही माता की पूजा की जाती है. वर्तमान में राजपरिवार इंदौर में निवासरत है, रियासत के महाराज मानवेन्द्र सिंह सिसोदिया ने यह हवन किया.

Intro:बड़वानी जिला मुख्यालय पर स्थित मां कालिका मन्दिर जो रियासत कालीन मन्दिर होकर रियासत के महाराजा की कुलदेवी विराजित है यहाँ नवरात्रि में राजपरिवार की और से प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी हवन सम्पन हुआ। Body:हालांकि वर्तमान में राजपरिवार इंदौर में निवासरत है, हवन में आहुति बड़वानी रियासत के महाराज मानवेन्द्रसिंह सिसोदिया द्वारा डाली गई। इस अवसर पर राजपूरोहित रामलाल पूरोहित, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, मंदिर पूजारी अशोक पंडित सहित महाराज के परिवाजन शामिल हुए , हवन से पहले महाराज द्वारा कालका माता मंदिर में पूजा अर्चना सम्पन्न की। रियासतकालीन इस मंदिर में मां कालिका स्वयंभू होकर पीपल की गौड़ में विराजित है और चमत्कारिक है । बड़वानी रियासत के महाराज को स्वप्न में दर्शन देकर कुंए से बाहर निकालने की बात कही इसके बाद कुंए में खुदाई करने पर प्रतिमा को बाहर निकाल कर पीपल के समीप छोटे से मन्दिर में स्थापित किया किन्तु माता पुनः पीपल के तने में विराजमान हो जाती इस तरह महाराज ने यथास्थान पर ही पूजापाठ शुरू कर दी।
बाइट01-रामलाल पुरोहित-राजपुरोहित

Conclusion:रियासतकालीन बड़वानी नगरी में महाराज व उनके परिवार द्वारा इंदौर से आकर कुलदेवी मां कालिका के मन्दिर में पूजापाठ कर हवन किया गया।
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