टीकमगढ़। कोरोना जैसी आपदा को अत्मनिर्भरता में बदलने के लिए कृषि वैज्ञानिक योग रंजन ने इस ओर एक कदम उठाया है. कोरोना संक्रमण से बचाव और सेहत को ध्यान में रखते हुए घर की छत पर ही सब्जियां उगा रहे हैं. इससे जहां सेहत को संजीवनी मिल रही, वहीं शुद्धता की सौ फीसद गारंटी को लेकर मन आश्वस्त भी है.
छत पर उगाई सब्जियां
कृषि वैज्ञानिक ने 60 बोरियों में मिट्टी भरकर सब्जियों की खेती शुरू कर दी, उसमें ही गोबर का खाद मिलाकर इन सभी बोरियों को छत पर रख दिया और इन बोरियों में ही टमाटर, लोकी, गिलकी, बरवटी, शिमला मिर्च, अदरक, ककड़ी ,धनिया, बैगन, शहीत तमाम प्रकार की सब्जियां उगाना शुरू कर दिया.
सेहत को मिलेगी सब्जियों से संजीवनी
30 दिनों की मेहनत करने के बदले तीन गुना तक सेहत को संजीवनी देने वाली सब्जियां मिले तो कोई क्यों न करे और फिर छत पर सब्जी उगाना काफी आसान है. खेतों में तो काफी पानी और खाद देना पड़ता है, लेकिन छत पर बोरियों में सब्जियों को काफी कम पानी लगता और खाद देना पड़ता है. मेहनत भी कम और शुद्धता की भी पूरी गारंटी है.
सब्जियां खरीदने के जोखिम से बचेंगे
कृषि वैज्ञानिक योग रंजन आज अपने छत पर लगी सब्जियों का खुद तो उपयोग करते ही है. साथ यह अपने कॉलोनी में भी लोगों को फ्री में सब्जियां बांटते है. इन सब्जियोंकी खेती में योग रंजन की पत्नी मीनाक्षी भी खूब मेहनत करती है.कोरोना की दुश्वारियों में कृषि वैज्ञानिक ने जो छत पर सब्जियां उगाने की नई राह निकाली वो लोगों को तो प्रेरित कर ही रही है वहीं इससे सब्जियां खरीदने के जोखिम से बचेंगे, साथ ही घर में ही उगी सब्जियों से शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ेगी.