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कृषि अनुसंधान केंद्र की पहल, गाजर घास को खत्म करने के लिए अमेरिका से लाए गए बीटल

टीकमगढ़ जिले में किसानों की समस्या को देखते हुए विदेश से गाजर घास को खत्म करने के लिए बीटल कीड़े मंगवा लिए गए हैं जो अब कृषि अनुसंधान केंद्र पर उपलब्ध है. ये बीटल कीड़े सात माह में गाजर घास खरपतवार को नष्ट कर सकते हैं.

बीटल करेगा गाजर घास को नष्ट
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Published : Sep 9, 2019, 6:02 PM IST

टीकमगढ़। बुंदेलखंड में गाजर घास के प्रकोप से किसान परेशान हैं, इसकी वजह से फसलों की सही पैदावार नहीं हो पा रही है. इस समस्या को देखते हुए कृषि अनुसंधान केंद्र ने विदेश से बीटल कीड़े मंगवाए थे जो अब केंद्र पर उपलब्ध है, यह बीटल गाजर घास को खत्म कर इस समास्या से किसानों को निजात दिलाएंगे.

बीटल करेगा गाजर घास को नष्ट
गाजर घास के प्रकोप से किसान परेसान हैं, इसके चलते फसलों की सही पैदावार नहीं हो पा रही है. गाजर घास नामक खरपतवार कि वजह से फसलों का सही उत्पादन नहीं हो रा रहा है. यह खरपतवार फसलों के साथ-साथ इंसानों को प्रभावित करता है, गाजर घास से चर्म रोग फैलने का खतरा बना रहता हैं.

इसके उपचार के लिए टीकमगढ़ कृषि अनुसंधान केंद्र ने अमरीका से बीटल नाम के कीड़े मंगवाए लिए हैं जिन्हे अब खेतों में छोड़ने का अभियान जारी है. सिर्फ गाजर घास को खाने वाले बीटल की खास बात यह है की यह किसी और पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाते है. यह कीड़े सात माह में गाजर घास को जड़ से नष्ट कर देते है. इन कीड़ों की उम्र 25 दिन होती है, लेकिन यह 25 दिन में 2000 अंडे देकर नए कीड़े पैदाकर कर देते है, यह कीड़े चल भी सकते है और 25 मीटर तक उड़ भी सकते हैं.

अभी कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों को की टीम गावों में जाकर खुद किसानों के सामने गाजर घास में इन बीटल कीड़ों को छोड़ने का काम कर रही है उनका कहना है कि यह कीड़े गाजर घास को पूर्णता नष्ट कर देंगे, जिससे किसानों की फसल अच्छी होगी.

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एम के नायक ने बताया, कि जिला कृषि केंद्र में अभी 8000 बीटल कीड़े उपलब्ध हैं, जिसमे अभी पांच गांव कुंडेश्वर, करमारी, माडुमर, गणेशगंज, और अस्तोत्र गांव में भी इन कीड़ों को फसलों में छोड़ा जाएगा. यह किसानों को नि:शुल्क दिए जाएंगे.

टीकमगढ़। बुंदेलखंड में गाजर घास के प्रकोप से किसान परेशान हैं, इसकी वजह से फसलों की सही पैदावार नहीं हो पा रही है. इस समस्या को देखते हुए कृषि अनुसंधान केंद्र ने विदेश से बीटल कीड़े मंगवाए थे जो अब केंद्र पर उपलब्ध है, यह बीटल गाजर घास को खत्म कर इस समास्या से किसानों को निजात दिलाएंगे.

बीटल करेगा गाजर घास को नष्ट
गाजर घास के प्रकोप से किसान परेसान हैं, इसके चलते फसलों की सही पैदावार नहीं हो पा रही है. गाजर घास नामक खरपतवार कि वजह से फसलों का सही उत्पादन नहीं हो रा रहा है. यह खरपतवार फसलों के साथ-साथ इंसानों को प्रभावित करता है, गाजर घास से चर्म रोग फैलने का खतरा बना रहता हैं.

इसके उपचार के लिए टीकमगढ़ कृषि अनुसंधान केंद्र ने अमरीका से बीटल नाम के कीड़े मंगवाए लिए हैं जिन्हे अब खेतों में छोड़ने का अभियान जारी है. सिर्फ गाजर घास को खाने वाले बीटल की खास बात यह है की यह किसी और पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाते है. यह कीड़े सात माह में गाजर घास को जड़ से नष्ट कर देते है. इन कीड़ों की उम्र 25 दिन होती है, लेकिन यह 25 दिन में 2000 अंडे देकर नए कीड़े पैदाकर कर देते है, यह कीड़े चल भी सकते है और 25 मीटर तक उड़ भी सकते हैं.

अभी कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों को की टीम गावों में जाकर खुद किसानों के सामने गाजर घास में इन बीटल कीड़ों को छोड़ने का काम कर रही है उनका कहना है कि यह कीड़े गाजर घास को पूर्णता नष्ट कर देंगे, जिससे किसानों की फसल अच्छी होगी.

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एम के नायक ने बताया, कि जिला कृषि केंद्र में अभी 8000 बीटल कीड़े उपलब्ध हैं, जिसमे अभी पांच गांव कुंडेश्वर, करमारी, माडुमर, गणेशगंज, और अस्तोत्र गांव में भी इन कीड़ों को फसलों में छोड़ा जाएगा. यह किसानों को नि:शुल्क दिए जाएंगे.

Intro:एंकर इन्ट्रो / टीकमगढ़ जिले में किसानों की समस्या को देखते हुए विदेश से बुलाये गए गाजर घास को खत्म करने के लिए बीटल कीड़े देश मे नही था गाजर घास का कोई इलाज


Body:वाइट् /01 डॉक्टर एम के नायक , कीट बैज्ञानिक कृषि अनुसंधान केंद्र टीकमगढ़

वाइट् /02 अंशुल व्यास किसान कुंडेश्वर

वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिला शहीत समुंचे बुन्देलखण्ड में गाजर घास के प्रकोप से किसान परेसान था और इसके चलते उसकी फसलों की सही पैदावार नही हो पाती थी जबकि कुसं मेहनत काफी करता था और पैसा भी खूब लगाता था लेकिन गाजर घास का यह खरपतवार के कारण फसले उत्पादन नही दे पाती थी जिससे किसान काफी परेसान था पर यह गाजर घास फसलों के साथ साथ इंसानों को प्रभावीत करती थी चर्म रोग फैलाकर जिससे किसान दोहरी मार झेलता था और उसका कोई उपचार नही था भारत देश मे यह गाजर घास काफी बेशर्म होती है जो बगैर पानी के जमीन के सम्पर्क में आने पर काफी फेल जाती है और यदि इसके बीज को कोई जानवर खा भी लेता है तो उसके बीज मल द्वार से निकल कर फिर से जमीन में अंकुरित हो जाते है जिसको लेकर टीकमगढ़ कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा अमरीकन मेक्सिको से बीटल नाम के यह कीड़े बुलाये गए है जो सिर्फ गाजर घास को ही खाते है और यह कीड़े किसी ओर पौधों को नुकसान नही पहुंचाते है यह कीड़े 7 माह में गाजर घास को जड़ से नष्ट कर देते है !मगर इन कीड़ो की उम्र 25 दिन होती है लेकिन यह 25 दिन में 20000 अंडे देकर नये बीटल पैदाकर मरते है यह बीटल चलते भी है और 25 मीटर तक उड़ भी लेते है


Conclusion:टीकमगढ़ जिले में अभी 8000 बीटल कीड़े बुलाये गए है जिसमे अभी कृषि अनुसंधान केंद्र टीकमगढ़ द्वारा जो 5 गांव कुंडेश्वर, करमारी, माडुमर, गणेशगंज, ओर अस्तोत्र गांव में पहिले इन कीड़ो को छोड़ा जावेगा ओर प्रत्येक गांव में 100 कीड़े छोड़े जावेंगे जिसमे 500 मादा ओर 500 नर बीटल कीड़े छोड़े जावेंगे इसके वाद जिले के सभी गांवों में किसानों को यह बीटल सो सो पालने को दिए जावेंगे जिसमे नर और मादा होंगे और यह किसानों को निषुल्क दिए जावेंगे लेकिन अभी कृषि अनुसंधान केंद्र के बैज्ञानिको की टीम गोद लिए गावो में जाकर खुद किसानों के सामने गाजर घास में इन मैकिसको के बीटल कीड़ो को छोड़ने का अभियान जारी है !और कृषि बैज्ञानिको का कहना रहा कि यह कीड़े गाजर घास को पूर्णता नष्ट कर देंगे जिससे किसानों की फसल अच्छी होगी
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