टीकमगढ़। बुंदेलखंड में गाजर घास के प्रकोप से किसान परेशान हैं, इसकी वजह से फसलों की सही पैदावार नहीं हो पा रही है. इस समस्या को देखते हुए कृषि अनुसंधान केंद्र ने विदेश से बीटल कीड़े मंगवाए थे जो अब केंद्र पर उपलब्ध है, यह बीटल गाजर घास को खत्म कर इस समास्या से किसानों को निजात दिलाएंगे.
इसके उपचार के लिए टीकमगढ़ कृषि अनुसंधान केंद्र ने अमरीका से बीटल नाम के कीड़े मंगवाए लिए हैं जिन्हे अब खेतों में छोड़ने का अभियान जारी है. सिर्फ गाजर घास को खाने वाले बीटल की खास बात यह है की यह किसी और पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाते है. यह कीड़े सात माह में गाजर घास को जड़ से नष्ट कर देते है. इन कीड़ों की उम्र 25 दिन होती है, लेकिन यह 25 दिन में 2000 अंडे देकर नए कीड़े पैदाकर कर देते है, यह कीड़े चल भी सकते है और 25 मीटर तक उड़ भी सकते हैं.
अभी कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों को की टीम गावों में जाकर खुद किसानों के सामने गाजर घास में इन बीटल कीड़ों को छोड़ने का काम कर रही है उनका कहना है कि यह कीड़े गाजर घास को पूर्णता नष्ट कर देंगे, जिससे किसानों की फसल अच्छी होगी.
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एम के नायक ने बताया, कि जिला कृषि केंद्र में अभी 8000 बीटल कीड़े उपलब्ध हैं, जिसमे अभी पांच गांव कुंडेश्वर, करमारी, माडुमर, गणेशगंज, और अस्तोत्र गांव में भी इन कीड़ों को फसलों में छोड़ा जाएगा. यह किसानों को नि:शुल्क दिए जाएंगे.