टीकमगढ़। जिले से 6 किलोमीटर दूर बने शिवमंदिर में ड्रेसकोड लागू है. यहां जितने भी कर्मचारी काम करते हैं, उन सभी में समानता और एकरूपता लाने और मंदिर की अलग पहचान बनाने के लिए मंदिर प्रबंधन ने यहां एक साल पहले ड्रेस कोड लागू किया था. मंदिर के सभी कर्मचारी, चौकीदार और सफाई कर्मी ड्रेस पहनकर काम करते हैं. जिससे बाहर से आए लोगों को भी मंदिर के बारे में जानकारी लेने में सहूलियत होती है.
टीकमगढ़ का अनोखा शिवमंदिर, यहां कर्मचारी ड्रेस कोड पहनकर करते हैं काम
टीकमगढ़ जिले में एक ऐसा अनोखा शिवमंदिर है, जहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू है. मंदिर प्रबंधन ने मंदिर को आनोखी पहचान दिलाने के लिए एक साल पहले ड्रेस कोड लागू किया था.
ड्रेस कोड पहनकर मंदिर के कर्मचारी करते हैं काम
टीकमगढ़। जिले से 6 किलोमीटर दूर बने शिवमंदिर में ड्रेसकोड लागू है. यहां जितने भी कर्मचारी काम करते हैं, उन सभी में समानता और एकरूपता लाने और मंदिर की अलग पहचान बनाने के लिए मंदिर प्रबंधन ने यहां एक साल पहले ड्रेस कोड लागू किया था. मंदिर के सभी कर्मचारी, चौकीदार और सफाई कर्मी ड्रेस पहनकर काम करते हैं. जिससे बाहर से आए लोगों को भी मंदिर के बारे में जानकारी लेने में सहूलियत होती है.
Intro:एंकर इंट्रो / टीकमगढ जिले में है !अनोखा ड्रेश कोर्ड बाला मन्दिर ऐसा मन्दिर आपको बुन्देलखण्ड में कही भी देखने को नही मिलेगा यहाँ पर सभी कर्मचारी ड्रेश पहिनकर कर करते है काम और सभी मे दिखती है !एक रूपता
Body:वाईट /01 देवेंद्र दीक्षित मैनेजर शिवमंदिर कुंडेश्वर
वाईट /02 अच्छे लाल कुशवाहा ड्रेसकोर्ड कर्मचारी शिवमंदिर कुंडेश्वर
वाईट /03 प्रेम विश्वकर्मा ड्रेसकोर्ड कर्मचारी शिवमंदिर कुंडेश्वर
वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिले में बुन्देलखण्ड का अनोखा ड्रेश कोर्ड बाला मन्दिर है !यहां पर सभी लोग अपनी अपनी ड्रेस पहिनकर मन्दिर आते है !और सभी ड्रेसकोर्ड के साथ ही मन्दिर में काम करते है !अभी तक आप लोगो ने तमाम मन्दिर देखे होंगे मगर ड्रेश कोर्ड बाले मन्दिर नही देखे होंगे लेकिन टीकमगढ़ जिले से 6 किलोमीटर की दूरी पर बना शिवमंदिर में ड्रेसकोर्ड लागू है !यहां पर जितने भी कर्मचारी काम करते है !उन सभी मे समानता और एक रूपता लाने और मन्दिर की अलग ही पहिचान बनाने के लिए मन्दिर प्रबंधन ने यहां पर 1 साल पहिले से ड्रेश कोर्ड लागू किया था और तभी से यहां पर मन्दिर में ड्रेसकोर्ड लागू है!और सभी मन्दिर के कर्मचारी चौकीदार, सफाई कर्मी, मन्दिर स्टाफ सभी लोग अपनी अपनी ड्रेस पहिनकर कर मन्दिर पर काम करते है !जिससे बाहर से आने बाले लोगो को भी मन्दिर को जानकारी लेने में सहूलियत होती है !और बाहरी दर्शनार्थियों को जो भी समस्या होती है !वह मन्दिर पर ड्रेश पहिने कर्मचारियो से बात कर अपनी समस्या बताते है !और मन्दिर की जानकारी भी पूंछते है !यह सब होता है ड्रेश कोर्ड से वही मन्दिर के कर्मचारियो का भी कहना रहा कि उनको ड्रेसकोर्ड से एक अलग ही पहिचान मिली है !जब वह कही बाहर टीकमगढ़ शहर जाते है !तो लोग उनको दूर से पहंचान लेते की यह तो मन्दिर के कर्मचारी है !और बाहर उनको भी किसी प्रकार की कोई समस्या नही होती है !टीकमगढ़ जिले के शिवमंदिर में जो ड्रेसकोर्ड लागू किया गया उसमे 2 प्रकार की ड्रेसकोर्ड लागू किये गए जिसमें गहरा नीला ओर लाइट नीले रंग की ड्रेस लागू की गई है !
Conclusion:टीकमगढ़ जिले के इस मंदिर में 8 सफ़ाई कर्मी जो मन्दिर परिसर ओर मन्दिर गर्भ गृह में काम करते है !वह गहरे नीले रंग की ड्रेश पहिनते है !और इसके अलाबा 4 चौकीदार है !जिनकी ड्रेश लाइट नीले रंग की है!वही मेला ग्राउंड में 3 सफाई कर्मी है उनकी ड्रेश मेहंदी कलर की है !इस प्रकार इन सभी 15 कर्मचारियो को ड्रेश नेमप्लेट, सिटी, बेच आदि दिए गये है !और यह सभी कर्मचारी बड़े ही उत्साह के साथ मन्दिर पर डियूटी करते है !और अपनी नई पहिचान को लेकर बेहद उत्साहित रहते है !यह मंदिर ड्रेसकोर्ड को चलते अपने आप मे एक मिसाल बना हुआ है!बेसे इस मंदिर में शिवलिंग सैकड़ों साल पहिले जमीन से प्रकट हुआ था जो पंच मुखी शिवलिंग है !जो हर साल मोटा होता है !ओर लम्बा भी होता है !जो एक चमत्कारिक शिवलिंग है !जिसे देखने देश विदेश से लोग देखने आते है !और लोगो की समस्याये दूर होती है !
Body:वाईट /01 देवेंद्र दीक्षित मैनेजर शिवमंदिर कुंडेश्वर
वाईट /02 अच्छे लाल कुशवाहा ड्रेसकोर्ड कर्मचारी शिवमंदिर कुंडेश्वर
वाईट /03 प्रेम विश्वकर्मा ड्रेसकोर्ड कर्मचारी शिवमंदिर कुंडेश्वर
वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिले में बुन्देलखण्ड का अनोखा ड्रेश कोर्ड बाला मन्दिर है !यहां पर सभी लोग अपनी अपनी ड्रेस पहिनकर मन्दिर आते है !और सभी ड्रेसकोर्ड के साथ ही मन्दिर में काम करते है !अभी तक आप लोगो ने तमाम मन्दिर देखे होंगे मगर ड्रेश कोर्ड बाले मन्दिर नही देखे होंगे लेकिन टीकमगढ़ जिले से 6 किलोमीटर की दूरी पर बना शिवमंदिर में ड्रेसकोर्ड लागू है !यहां पर जितने भी कर्मचारी काम करते है !उन सभी मे समानता और एक रूपता लाने और मन्दिर की अलग ही पहिचान बनाने के लिए मन्दिर प्रबंधन ने यहां पर 1 साल पहिले से ड्रेश कोर्ड लागू किया था और तभी से यहां पर मन्दिर में ड्रेसकोर्ड लागू है!और सभी मन्दिर के कर्मचारी चौकीदार, सफाई कर्मी, मन्दिर स्टाफ सभी लोग अपनी अपनी ड्रेस पहिनकर कर मन्दिर पर काम करते है !जिससे बाहर से आने बाले लोगो को भी मन्दिर को जानकारी लेने में सहूलियत होती है !और बाहरी दर्शनार्थियों को जो भी समस्या होती है !वह मन्दिर पर ड्रेश पहिने कर्मचारियो से बात कर अपनी समस्या बताते है !और मन्दिर की जानकारी भी पूंछते है !यह सब होता है ड्रेश कोर्ड से वही मन्दिर के कर्मचारियो का भी कहना रहा कि उनको ड्रेसकोर्ड से एक अलग ही पहिचान मिली है !जब वह कही बाहर टीकमगढ़ शहर जाते है !तो लोग उनको दूर से पहंचान लेते की यह तो मन्दिर के कर्मचारी है !और बाहर उनको भी किसी प्रकार की कोई समस्या नही होती है !टीकमगढ़ जिले के शिवमंदिर में जो ड्रेसकोर्ड लागू किया गया उसमे 2 प्रकार की ड्रेसकोर्ड लागू किये गए जिसमें गहरा नीला ओर लाइट नीले रंग की ड्रेस लागू की गई है !
Conclusion:टीकमगढ़ जिले के इस मंदिर में 8 सफ़ाई कर्मी जो मन्दिर परिसर ओर मन्दिर गर्भ गृह में काम करते है !वह गहरे नीले रंग की ड्रेश पहिनते है !और इसके अलाबा 4 चौकीदार है !जिनकी ड्रेश लाइट नीले रंग की है!वही मेला ग्राउंड में 3 सफाई कर्मी है उनकी ड्रेश मेहंदी कलर की है !इस प्रकार इन सभी 15 कर्मचारियो को ड्रेश नेमप्लेट, सिटी, बेच आदि दिए गये है !और यह सभी कर्मचारी बड़े ही उत्साह के साथ मन्दिर पर डियूटी करते है !और अपनी नई पहिचान को लेकर बेहद उत्साहित रहते है !यह मंदिर ड्रेसकोर्ड को चलते अपने आप मे एक मिसाल बना हुआ है!बेसे इस मंदिर में शिवलिंग सैकड़ों साल पहिले जमीन से प्रकट हुआ था जो पंच मुखी शिवलिंग है !जो हर साल मोटा होता है !ओर लम्बा भी होता है !जो एक चमत्कारिक शिवलिंग है !जिसे देखने देश विदेश से लोग देखने आते है !और लोगो की समस्याये दूर होती है !
Last Updated : Dec 18, 2019, 1:56 PM IST