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दो अग्निशमन केंद्रों के भरोसे पूरा जिला, सुविधा मिलने के पहले ही सब हो जाता है खाक

जिले में दो ही अग्निशमन केंद्र है, गांव में लोगों को किसी भी प्रकार की अग्निशमन की सुविधा शासन ने उपलब्ध ही नहीं कराई है. जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

फायर ब्रिगेड़
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Published : Jun 6, 2019, 11:06 PM IST

सिंगरौली। गर्मी के चलते कई जगहों पर आग लगने की घटनाओं में इजाफा हो जाता है, वहीं जिले में तीन विधानसभाओं में सिर्फ दो ही अग्निशमन केंद्र है. जिले में कहीं भी आग लगने पर लोगों को उम्मीद होती है कि अग्निशमन द्वारा आग पर काबू पाया जाएगा. वहीं महज दो ही अग्निशमन केंद्रों पर पुरे जिले की जिम्मेदारी है.

फायर ब्रिगेड़

देवसर विधानसभा के आखिरी गांव में लोगों को किसी भी प्रकार की अग्निशमन की सुविधा शासन ने उपलब्ध ही नहीं कराई है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार विधायक, सांसद और जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद ग्रामीणों को आग लगने पर कुएं और हैंडपंप का सहारा लेना पड़ता है. वहीं खेतों में आग लगने पर जब तक ग्रामीण आग पर काबू पाते है, तब तक सबकुछ जलकर खाक हो जाता है.

बता दे कि जिले के अग्निशमन केंद्र को सूचना मिलती भी है, तो सिंगरौली मुख्यालय से चितरंग और देवसर जाने में करीब 2 से 3 घंटे का समय लगता है. तब तक आग में जलकर सबकुछ खाक हो जाता है. मामले में कलेक्टर से बात करने पर कलेक्टर केवीएस चौधरी ने मामले में ध्यान देते हुए काम करने की बात कही.

सिंगरौली। गर्मी के चलते कई जगहों पर आग लगने की घटनाओं में इजाफा हो जाता है, वहीं जिले में तीन विधानसभाओं में सिर्फ दो ही अग्निशमन केंद्र है. जिले में कहीं भी आग लगने पर लोगों को उम्मीद होती है कि अग्निशमन द्वारा आग पर काबू पाया जाएगा. वहीं महज दो ही अग्निशमन केंद्रों पर पुरे जिले की जिम्मेदारी है.

फायर ब्रिगेड़

देवसर विधानसभा के आखिरी गांव में लोगों को किसी भी प्रकार की अग्निशमन की सुविधा शासन ने उपलब्ध ही नहीं कराई है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार विधायक, सांसद और जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद ग्रामीणों को आग लगने पर कुएं और हैंडपंप का सहारा लेना पड़ता है. वहीं खेतों में आग लगने पर जब तक ग्रामीण आग पर काबू पाते है, तब तक सबकुछ जलकर खाक हो जाता है.

बता दे कि जिले के अग्निशमन केंद्र को सूचना मिलती भी है, तो सिंगरौली मुख्यालय से चितरंग और देवसर जाने में करीब 2 से 3 घंटे का समय लगता है. तब तक आग में जलकर सबकुछ खाक हो जाता है. मामले में कलेक्टर से बात करने पर कलेक्टर केवीएस चौधरी ने मामले में ध्यान देते हुए काम करने की बात कही.

Intro:सिंगरौली जिले में कहीं भी आग लगने पर लोगों को आशा और विश्वास होता है कि शासन द्वारा बनाए गए अग्निशमन केंद्रों में संपर्क करने पर अग्निशमन के द्वारा आग पर काबू पाया जा सकता है लेकिन सिंगरौली जिले में सिर्फ नगर निगम के एरिया में अग्निशमन केंद्र हैं


Body:दरअसल सिंगरौली जिले मैं कुल 3 विधानसभा है जिसमें से सिंगरौली विधानसभा मैं दो अग्निशमन केंद्र है और सिंगरौली जिले के मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर की दूरी में स्थित चितरंगी विधानसभा व देवसर देवसर विधानसभा की अंतिम छोर जिला मुख्यालय से करीब 110 किलोमीटर की दूरी में स्थित गांव के लोगों को किसी भी प्रकार की अग्निशमन की सुविधा शासन द्वारा नहीं कराई गई जिसको लेकर ग्रामीणों के द्वारा कई बार विधायक सांसद व जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत भी कराएं इसके बावजूद भी वहां के लोगों को आग लगने पर गांव के लोगों को हल्ला गुहार लगाकर बुलाने के बाद आग बुझाने के लिvए हैंडपंप व कुएं से पानी निकाल कर आग बुझाने का सहारा लेना पड़ता है जब तक गांव में कभी खेत खलिहान में आग लगी तो आपस में हल्ला गुहार करने के बाद जब तक मैं गांव के लोग इकट्ठा हुए तब तक में जलकर राख हो जाता है



आपको बता दें कि सिंगरौली जिले के अग्नि सवन केंद्र को सूचना मिलती भी है तो सिंगरौली मुख्यालय से चितरंगी व देवसर sari जाने में करीब 2 से 3 घंटे का समय लगेगा जिसे अग्नि सवन केंद्र को पहुंचते-पहुंचते गांव का गांव जलकर राख हो जाएगा


वही जिला कलेक्टर केवीएस चौधरी से अग्निशमन को लेकर बातचीत किया गया तो उन्होंने कहा कि सरई व चितरंगी ग्रामीण क्षेत्रों में अग्निशमन केंद्र नहीं है और इस विषय पर कार्य किया जाएगा

बाइट तेज लाल

राम मडी साहू

जिला कलेक्टर के भी एस चौधरी की बाइट मेल से






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