सिंगरौली। आज विजयादशमी है. इस दिन भगवान राम ने लंका के अत्याचारी राजा रावण पर विजय प्राप्त की थी. देशभर में धूमधाम से दशहरा त्योहार मनाया जा रहा है. जगह-जगह रावण के पुतले बनाकर उसके दहन की तैयारी की जा रही है. वहीं रावण से जुड़े कुछ रोचक किस्से हैं, जो सिंगरौली की इस रहस्यमयी गुफाओं में कैद है. हम आपको बताएंगे उस रहस्यमयी गुफा के बारे में जहां लंका के राजा रावण ने मंदोदरी के साथ गंधर्व विवाह रचाया था. इस रहस्यमयी गुफा में आज भी वो प्रमाण मौजूद है, जो रामायण की कड़ियों को जोड़ती है. dussehra 2022, ravana gandharva vivah with mandodari
आज ऊर्जाधानी के नाम से मशहूर सिंगरौली का इतिहास सिर्फ काला पानी तक सीमित नहीं, बल्कि सिंगरौली का इतिहास तो 6वीं-7वीं शताब्दी में एक समृद्ध क्षेत्र के रूप में रहा है. यहां के जंगल के एक गुफा में रावण ने मंदोदरी के साथ गंधर्व विवाह रचाया था. वैसे सुनने में सिंगरौली का यह इतिहास चौंकाने वाला जरूर लग रहा होगा, लेकिन असलियत यही है. क्योंकि यह सत्यता सामने आयी है, भारतीय पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण में.
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रावण और मंदोदरी ने रचाया था गुफा में विवाह: सिंगरौली जिला मुख्यालय बैढ़न से 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित माड़ा में 10 किलोमीटर दूरी में फैला विशाल जंगल है. ऐसी मान्यता है कि इसी जंगल की एक गुफा में रावण ने मंदोदरी के साथ विवाह रचाया था. रावण माड़ा गुफा में नटराजन की नृत्य करती मूर्ति, पत्थर ढोते वानरों के चित्र, देवी देवताओं के चित्र के साथ बने रहन सहन कक्ष भी प्राचीन सभ्यता की कहानी कहते नजर आते हैं. वैसे तो माड़ा के जंगल में अनेकों गुफाएं हैं, लेकिन रामायण काल से जोड़ने वाली कड़ी को रावण गुफा कहते हैं. वन विभाग के सिंगरौली डीएफओ वी मधु राज बताते हैं की माड़ा की मुख्य गुफा में वास्तु शास्त्र के महामंडप की चित्रकारी के निशान मिलते हैं. मंडप के पीछे चार प्रवेश द्वार वाला केन्द्रीय गर्भ गृह है. यह सरंचनात्मक मंदिर वास्तुकला को दर्शाता है. काफी विद्वानों ने यहां वास्तु कला का अध्ययन किया है. उल्लेखनीय है कि माड़ा गुफाओं का विशेष महत्व है. यहां की रावण गुफा में भी कई निशान मिले हैं जो रामायण काल में कई कड़ियों को जोड़ते हैं.
पहाड़ियों, नदियों और घाटियों से घिरा सिंगरौली: सिंगरौली भारत के मध्य में वन क्षेत्र में स्थित है और पहाड़ियों, नदियों और घाटियों से घिरा हुआ है. इन पहाड़ियों के बीच में माड़ा गुफाएं व घाटियां स्थित है. ये गुफाएं न केवल रॉक कट स्थापत्य कला के सुंदर उदाहरण हैं बल्कि प्रतिमा-चित्रण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं. इन गुफाओं में गुफाओं की एक शृंखला है, जिन्हें विवाह माड़ा, गणेश माड़ा, जलजलिया माड़ा आदि विभिन्न नामों से जाना जाता है. (dussehra 2022) (ravana gandharva vivah with mandodari) (ravana gandharva vivah with mandodari in mada cave)