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बिना सुरक्षा उपकरण के कोल यार्ड में कराया जा रहा बाल श्रम, प्रशासन को नहीं खबर

बच्चे प्रदूषण और इस भीषण गर्मी में बरगवां कोल यार्ड में काम कर रहे हैं. ठेकेदार नियम-कानून दरकिनार कर बाल श्रमिकों का शोषण कर रहे हैं. कलेक्टर केवीएस चौधरी ने श्रम निरीक्षक को जांच के आदेश दिए है.

कोल यार्ड
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Published : May 26, 2019, 10:00 PM IST

सिंगरौली। बरगवां कोलार्ड में कम उम्र के बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है. अधिकारों की जानकारी नहीं होने के चलते बच्चे भी कोयला ढोने को मजबूर हैं. सरकार ने भले ही बाल श्रम रोकने के लिए तरह तरह के नियम-कानून बनाए हैं, लेकिन ये नियम-कानून धरातल पर पूरी तरह से लागू नहीं हो रहे हैं.

कोल यार्ड

जिले में नादान बच्चे प्रदूषण और इस भीषण गर्मी में बरगवां कोल यार्ड में काम कर रहे हैं. ठेकेदार नियम-कानून दरकिनार कर बाल श्रमिकों का शोषण कर रहे हैं. कोल यार्ड में काम कर रहे मजदूरों के पास सुरक्षा के नाम पर केवल कपड़े हैं. उनके पास ऐसा कोई भी उपकरण या सुरक्षा के इंतजाम नहीं है. जिससे वे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें. इन मजदूरों से बिना हेलमेट-जूते के काम कराया जा रहा है.

ठेकेदार से जब इस मामले में बात की गई तो वह बिना कुछ कहे वहां से चला गया. वहीं, कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि बात अभी उनके संज्ञान में आई है. उन्होंने फौरन श्रम निरीक्षक को जांच के आदेश दिए और कहा कि यदि बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर हैं तो उन्हें किसी हॉस्टल में रखवा दिया जाएगा.

सिंगरौली। बरगवां कोलार्ड में कम उम्र के बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है. अधिकारों की जानकारी नहीं होने के चलते बच्चे भी कोयला ढोने को मजबूर हैं. सरकार ने भले ही बाल श्रम रोकने के लिए तरह तरह के नियम-कानून बनाए हैं, लेकिन ये नियम-कानून धरातल पर पूरी तरह से लागू नहीं हो रहे हैं.

कोल यार्ड

जिले में नादान बच्चे प्रदूषण और इस भीषण गर्मी में बरगवां कोल यार्ड में काम कर रहे हैं. ठेकेदार नियम-कानून दरकिनार कर बाल श्रमिकों का शोषण कर रहे हैं. कोल यार्ड में काम कर रहे मजदूरों के पास सुरक्षा के नाम पर केवल कपड़े हैं. उनके पास ऐसा कोई भी उपकरण या सुरक्षा के इंतजाम नहीं है. जिससे वे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें. इन मजदूरों से बिना हेलमेट-जूते के काम कराया जा रहा है.

ठेकेदार से जब इस मामले में बात की गई तो वह बिना कुछ कहे वहां से चला गया. वहीं, कलेक्टर केवीएस चौधरी का कहना है कि बात अभी उनके संज्ञान में आई है. उन्होंने फौरन श्रम निरीक्षक को जांच के आदेश दिए और कहा कि यदि बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर हैं तो उन्हें किसी हॉस्टल में रखवा दिया जाएगा.

Intro:सिंगरौली सरकार ने भले ही बाल श्रमिक रोकने के लिए तरह तरह के नियम कायदे कानून बनाए हैं लेकिन यह नियम कानून धरातल पर पूरी तरह से लागू नहीं हो रहे हैं जिससे कम उम्र के बच्चों से मजदूरी कराने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है वस्त्रम विभाग के जिम्मेदार दफ्तर से बाहर निकलने का नाम नहीं ले रहे हैं


Body:दरअसल सिंगरौली जिले के बरगवां कोलार्ड में कम उम्र के बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है जिस उम्र में बच्चों के हाथ में किताब और पीठ पर बैग लगा होना चाहिए उस उम्र में यह नादान बच्चे प्रदूषण और इस कड़ाके की गर्मी में बरगवां कोल यार्ड में काम कर रहे हैं वहीं ठेकेदारों द्वारा नियम कानूनों को दरकिनार करते हुए बाल श्रमिकों का भरपूर शोषण कर रहे हैं व अपने अधिकारो कर्तव्य का भली-भांति जानकारी ना होने के कारण बच्चे भी कोयला उठाने को मजबूर हैं. बरगवां कोल यार्ड मैं कोयला का काम कर रहे मजदूरों के पास सुरक्षा के नाम पर शरीर पर कपड़े के अलावा उनके पास ऐसा कोई भी उपकरण या सुरक्षा के इंतजाम नहीं है जिससे वे अपने को सुरक्षित महसूस करें उधर कोल यार्ड के ठेकेदार का हौसला तो देखिए मजदूरों को किसी भी प्रकार का हेलमेट जूता सुरक्षा के लिए नहीं दिए जा रहे हैं


वही बरगवां कोल यार्ड में नाबालिक बच्चों से काम करवाए जाने के इस गंभीर विषय को लेकर जब ईटीवी भारत के द्वारा कलेक्टर केवीएस चौधरी से मुलाकात किया तो कलेक्टर बोले कि अभी बात तो मेरी संज्ञान में आई है फौरन श्रम निरीक्षक को जांच के आदेश दिए उन्होंने यह भी कहा कि यदि बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर हैं तो उन्होंने यहां लेया कर किसी हॉस्टल में रखवा दिया जाएगा


मेल से बाइट जिला कलेक्टर केवीएस चौधरी





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