सिंगरौली। जिले में 'काला हीरा' यानि कोयला अब जान का दुश्मन बनता जा रहा है. जिले में प्रदूषण के चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोग दमा जैसी दूसरी गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं, जिसके चलते कलेक्टर ने सख्त कदम उठाए हैं.
दरअसल, सिंगरौली जिले में प्रदूषण की समस्या से कुछ हद तक निजात दिलाने के लिए जिले में कलेक्टर ने एनसीएल ट्रांसपोर्टर रेलवे विभाग की त्रिपक्षीय वार्ता में प्रदूषण नियंत्रण करने एनजीटी के निर्देशों का पालन करने सहित कई सुझाव दिए, लेकिन कोल परिवहन से संबंधित सभी विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आए.
जिसके चलते कलेक्टर केवीएस चौधरी ने मोरवा कोल साइडिंग नंबर 3 पर प्रतिबंध लगा दिया. कलेक्टर के निर्देश मिलने के बाद एनसीएल ट्रांसपोर्टर रेलवे स्टेशन में हड़कंप मच गया है, वहीं रेलवे एनसीएल एवं ट्रांसपोर्ट को करोड़ों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.