सिंगरौली। जिले में नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां फॉरेस्ट दफ्तर में कोरोना पीड़ित मरीजों के उपचार वाला पीपीई किट, ग्लब्स फेंका जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में कोरोना फैलने को लेकर भारी दहशत देखी जा रही है. कोरोना पीड़ित की एम्बुलेंस धोने और नाले में किट फेंकने पर हंगामा मचा है. इस मामले में पास ही निवासरत एसडीओ फॉरेस्ट जीएसडी सोनवाली काफी नाराज दिखे.
नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग कोरोना को दे रहे दावत
सिंगरौली जिले में बढ़ते कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगातार जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन जुटा हुआ है. जगह-जगह अनाउंसमेंट कर लोगों को जागरूक करने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही है, वहीं नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग का अमला कोरोना के खतरे को खुले आम दावत दे रहे हैं.
कई दफ्तरों और क्वॉर्टर के पास फेंका जा रहा पीपीटी किट
जिला पंचायत जाने वाली रोड में फॉरेस्ट ऑफिस और कर्मचारी कैंपस हैं, उसके विपरीत पुलिस के क्वार्टर हैं, जहां फैमिली रहती हैं और सामने पीडब्ल्यूडी ऑफिस है, साथ ही दूसरी छोर पर आदिवासी विकास विभाग का दफ्तर है.
उसी के सामने एक नाला बहता है, जिसका पानी आस पास के मवेशी जानवर पीते हैं. इसी नाले में कई दिनों से कोरोना पॉजिटिव वाले मरीजों और उनके देखभाल में लगे कर्मियों के एम्बुलेंस में तैनात कर्मी अपने पीपीटी किट, दस्ताने सभी इसी नाले में फेंक रहे हैं.
पूरा नाला पीपीटी किट से पट गया है, उसके बाद बीच रोड में नगर निगम की फायर बिग्रेड से दिन रात एम्बुलेंस की धुलाई कर रहे हैं. इतनी बड़ी लापरवाही और कोरोना के वायरस फैलने के खतरे को देखते हुए फॉरेस्ट के लोगों ने कई बार मना किया, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
फॉरेस्ट एसडीओ ने कलेक्टर से की शिकायत
इतनी बड़ी लापरवाही को देखते हुए एसडीओ फॉरेस्ट बैढन फॉरेस्ट स्टाफ मौके पर पहुंच कर विरोध करने लगा, जहां फॉरेस्ट विभाग के एसडीओ काफी नाराज दिखे, साथ ही उन्होंने इसकी कलेक्टर को लिखित में शिकायत की है.
जिस तरह स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम अमला आबादी के बीचो बीच नाले में पीपीटी किट फेंक रहे हैं, इससे बड़ा खतरा हो सकता है. नियामनुसार इसे सुरक्षित जगह पर डिस्पोज करना चाहिए.