सीधी। प्रदेश के शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है. शासन-प्रशासन सीधी को स्वच्छ बता रहे हैं, लेकिन इन दावों की पोल यहां की वास्तविक स्थिति खोल देती हैं. शहर के मड़रिया इलाके में औद्योगिक संस्थान (आईटीआई कालेज) के सामने कचरे का अंबार लगा हुआ है, जिससे छात्र और शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी यह अभियान सफल नहीं हो पाया है. कागजों में आंकड़ा दिखाकर प्रशासन ने अपनी पीठ तो थपथपा ली, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और है. वार्ड क्रमांक 21 के रिहायशी इलाके में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. यहां कचरा फेंकने से लोगों में बीमारियां पनप रही हैं, लोगों का जीना दूभर हो गया है.
इसी इलाके में औद्योगिक संस्थान (आईटीआई कालेज) भी है, जिसमें पढ़ने आने वाले छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. संस्थान प्रबंधन का कहना है कि वे कई बार नगरपालिका प्रशासन को इस बारे में पत्र लिख चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी नगरपालिका इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.