सीधी। एमपी के सीधी में हुए भीषण सड़क हादसे ने एक और बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली से लौटती हुई बसों में सवार जो लोग हादसे का शिकार हुए हैं वो असल में अपने गांव जानें वाले सही रास्ते पर नहीं थे. मोहनिया घाटी वाला रूट इन लोगों के लिए घुमावदार रूट था. इसको लेकर राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह ने अपने ही सरकार पर सवाल उठाए हैं. अजय प्रताप सिंह ने अपने ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों की मौत हुई है वह नहीं होनी चाहिए थी, क्योंकि जहां इन मृतकों का घर पड़ता है और जहां उनकी मृत्यु हुई है दोनों का रूट अलग है.
बस का रूट बदला: अजय प्रताप सिंह ने कहा कि अगर सतना से ग्राम चौराहा आना है तो उसके लिए हमें दूसरे छुहिया घाटी के रास्ते से आना पड़ेगा लेकिन उस से 40 किलोमीटर दूर मोहनिया घाटी क्यों गए थे. केंद्रीय मंत्री अमित शाह की रैली में गई इन बसों में सैकड़ों लोग सवार थे लेकिन ये सभी लोग जिस गांव के थे उसके लिए रास्ता छुहिया घाटी रूट से होकर जाता है. जबकी घटनास्थल वाले रूट यानी मोहनिया घाटी होते हुए लोगों को लगभग 40 किलोमीटर का सफर ज्यादा पड़ता है. राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह ने कहा कि हमें यह अभी तक जानकारी स्पष्ट नहीं हो पाई है कि किसके आदेश से रूट को बदला गया.
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जनपद पंचायत सीईओ ने दिया आदेश: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है. जो रामपुर नैकिन सीईओ तरुण रहंगडाले का एक व्हाट्सएप मैसेज है. जिसमें लिखा है कि "वापसी में लंच पैकेट मोहनिया घाटी टनल पर मिलेंगें. समस्त सचिव, ग्राम रोजगार सहायकों को सूचित किया जाता है कि समस्त बसें सतना कार्यक्रम से मोहनिया टनल पर लंच पैकेट लेते हुए वापस आएंगी. लंच की व्यवस्था की गई है कोई भी छुहिया घाटी तरफ से नहीं आएगा." जिससे यह साफ साबित होता है कि रामपुर नैकिन के जनपद पंचायत सीईओ ने ही बकायदा आदेश पारित किया था. बहरहाल पूरे मामले को लेकर राज्यसभा सांसद ने अपने ही सरकार पर सवाल उठाए हैं. सरकार की तरफ से भी जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है. अब देखने वाली बात यह है कि इस पर आगे क्या कार्रवाई होती है.