सीधी। जिले में मानवता उस वक्त शर्मसार हो गई जब मृतक के शव को परिजनों को ठेले में रखकर अपने घर तक ले जाना पड़ा. मामला सीधी जिले के जिला अस्पताल का है. यहां अशोक कोल निवासी ग्राम बम्हनी की मौत हो गई थी. मौत के बाद उसे उसके निवास स्थान डेनिया तक ले जाना था, लेकिन कई घंटे इंतजार के बाद भी शव वाहन नहीं मिला.
सरकार की नाकामयाबी: इस मामले के आने के बाद से प्रदेश सरकार की विकास यात्रा को लेकर सवाल खड़े होने लगे है. स्थानीय लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश है. लोगों की मानें तो सरकार मंच से आदिवासी हित में काम करने का डंका तो बजा रही है, लेकिन निचले तबके में इस बदहाल व्यावस्था से सरकार की नाकामयाबी झलक रही है. इतना ही नहीं लोगों का आरोप है कि, विंध्य इलाके के सभी सरकारी अस्पतालों का यही हाल है. कई अस्पताल तो ऐसे हैं जो नाम मात्र के लिए बने हैं.
नहीं मिला शव वाहन: मौत के 4 घंटे तक बीत जाने के बाद भी जब शव वाहन नहीं मिला तो परिजनों ने ठेले में रखकर 2 किलोमीटर का सफर तय किया. जिला अस्पताल से डेनिया की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है, जो बीच बाजार से होकर गुजरती है. यहां शव को ठेले मे रखकर परिजन ले जाते हुए दिखाई दिए.पूरे मामले को लेकर माधुरी कोल जो कि अशोक कोल की मां है. उनका बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि, मैंने शव वाहन की मां की थी पर मुझे शव वाहन अस्पताल के द्वारा नहीं दिया गया.
पुलिस पर परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप, शव को रखकर किया चक्काजाम
वीडियो वायरल: जब इस बारे में सीएमएचओ सीधी डॉक्टर आईजे गुप्ता से जानकारी ली गई तो उन्होंने कुछ कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा है, अभी हमें वीडियो दिखा है. हमें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. हम डॉक्टरों से पूछ कर अवगत कराएंगे.