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आत्मनिर्भर सीधी के लिए 'आत्मा परियोजना', किसानों को दिए गए औषधीय पौधे

सीधी अपर कलेक्टर के निर्देश पर प्रगति संस्था द्वारा जिले के किसानों को आत्मा परियोजना सीधी के नवाचार अंतर्गत व RCFC जबलपुर के सहयोग से अश्वगंधा के बीज और गिलोय के पौध वितरित किया गये.

Medicinal plants distributed to farmers in Sidhi
आत्मा परियोजना सीधी
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Published : Jan 30, 2021, 10:38 AM IST

सीधी। किसानों में नवाचार और जिले को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सीधी जिला प्रशासन ने नई पहल की है. इसमें अपर कलेक्टर की अगुवाई में किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे किसान खुशहाल और समृद्ध बन सके. इसी कड़ी में शुक्रवार को ग्राम चंदोहिड़ोल में आत्मा परियोजना सीधी के अंतर्गत व RCFC जबलपुर के सहयोग से किसानों को अश्वगंधा बीज और गिलोय पौधे वितरित किया गये.

गिलोय के फायदे

गिलोय के पौधों को घरों में लगा कर दैनिक औषधी के रूप में सेवन करने से डेंगू , बुखार, पीलिया, रक्तविकार, डायबिटीज अन्य रोगों से लड़ने की रोगप्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है.

अश्वगंधा के फायदे

अश्वगंधा के सेवन से शारीरिक कमजोरी, तनाव, मानसिक विकार और अनेक आंतरिक रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है, वहीं दूसरी ओर इसके सेवन के साथ-साथ इनकी खेती करके दुगना लाभ कमाया जा सकता है.

सामान्य तौर पे गेंहू, धान से एक एकड़ से 25 से 30 हजार रुपये मिलता है, वहीं दूसरी ओर औसधिय खेती से एक एकड़ से 45 से 50 हजार का सुद्ध लाभ होता है

इस जागरूकता अभियान में RCFC जबलपुर के सीनियर कंसल्टेंट मनीष गोस्वामी, कृषि विभाग के SADO एलपी सिंह , ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी OP जयसवाल, प्रगति संस्था के प्रमुख विनोद साहू, आजीविका मिशन मझोली ब्लॉक के अधिकारी चद्रकांत बघेल, संस्था के जिला अधिकारी शिवेंद्र सिंह गहरवार, ग्राम सरपंच और महिला समूह के साथ ही कई किसान मौजूद रहे.

कार्यक्रम में किसानों को विशेषज्ञयों द्वारा औषधीय खेती के लाभ, लगाने की विधि आदि के बारे में विस्तार से बताया गया. वहीं इसके खेती के बारे नें भी किसानों को जागरुक किया गया और प्रोत्साहित भी किया गया.

किसानों को RCFC जबलपुर के अधिकारियों ने बताया कि अगर वो इसके खेती करते हैं तो किसानों के औषधिय उत्पाद को खरीदने के लिए भी जिले में ही महिला समूह का चयन कर खरीदी केंद्र बनाये जायेंगे, जिससे किसानों को अपने उत्पाद को बेचने में किसी समस्या से गुजरना न पड़े और लाभ सीधा कमा सके.

सीधी। किसानों में नवाचार और जिले को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सीधी जिला प्रशासन ने नई पहल की है. इसमें अपर कलेक्टर की अगुवाई में किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे किसान खुशहाल और समृद्ध बन सके. इसी कड़ी में शुक्रवार को ग्राम चंदोहिड़ोल में आत्मा परियोजना सीधी के अंतर्गत व RCFC जबलपुर के सहयोग से किसानों को अश्वगंधा बीज और गिलोय पौधे वितरित किया गये.

गिलोय के फायदे

गिलोय के पौधों को घरों में लगा कर दैनिक औषधी के रूप में सेवन करने से डेंगू , बुखार, पीलिया, रक्तविकार, डायबिटीज अन्य रोगों से लड़ने की रोगप्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है.

अश्वगंधा के फायदे

अश्वगंधा के सेवन से शारीरिक कमजोरी, तनाव, मानसिक विकार और अनेक आंतरिक रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है, वहीं दूसरी ओर इसके सेवन के साथ-साथ इनकी खेती करके दुगना लाभ कमाया जा सकता है.

सामान्य तौर पे गेंहू, धान से एक एकड़ से 25 से 30 हजार रुपये मिलता है, वहीं दूसरी ओर औसधिय खेती से एक एकड़ से 45 से 50 हजार का सुद्ध लाभ होता है

इस जागरूकता अभियान में RCFC जबलपुर के सीनियर कंसल्टेंट मनीष गोस्वामी, कृषि विभाग के SADO एलपी सिंह , ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी OP जयसवाल, प्रगति संस्था के प्रमुख विनोद साहू, आजीविका मिशन मझोली ब्लॉक के अधिकारी चद्रकांत बघेल, संस्था के जिला अधिकारी शिवेंद्र सिंह गहरवार, ग्राम सरपंच और महिला समूह के साथ ही कई किसान मौजूद रहे.

कार्यक्रम में किसानों को विशेषज्ञयों द्वारा औषधीय खेती के लाभ, लगाने की विधि आदि के बारे में विस्तार से बताया गया. वहीं इसके खेती के बारे नें भी किसानों को जागरुक किया गया और प्रोत्साहित भी किया गया.

किसानों को RCFC जबलपुर के अधिकारियों ने बताया कि अगर वो इसके खेती करते हैं तो किसानों के औषधिय उत्पाद को खरीदने के लिए भी जिले में ही महिला समूह का चयन कर खरीदी केंद्र बनाये जायेंगे, जिससे किसानों को अपने उत्पाद को बेचने में किसी समस्या से गुजरना न पड़े और लाभ सीधा कमा सके.

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