सीधी। एक तरफ ग्रामीण इलाकों में अफवाहों के कारण लोग कोरोना वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ सीधी में एक ऐसा गांव है, जहां वैक्सीनेशन के लिए होड़ मची हुई है. जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित जनपद पंचायत क्षेत्र मझौली की दादर ग्राम पंचायत में लोग वैक्सीन लगवाने के लिए बहाने ढूढ़ते हैं. यहां प्रशासन की जागरूकता मुहिम रंग लाई है. दादर ग्राम में एक साथ 500 से अधिक लोगों ने टीका लगवाया, तो जनपद सीईओ ने ग्राम पंचायत को 5100 रुपए नगद पुरुस्कार के रूप में दिए.
प्रशासन की मेहनत हुई सफल
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर तमाम भ्रांतियां फैली हैं. लेकिन प्रशासन की जागरूकता मुहिम भी रंग ला रही है. लोग अब वैक्सीनेशन के लिए जा रहे हैं. सीधी में मझौली, कुसमी ही दो ऐसे जनपद क्षेत्र थे जो वैक्सीनेशन में सबसे पीछे थे. लेकिन सीधी जिला प्रशासन और कलेक्टर द्वारा वैक्सीनेशन जगरूकता मुहिम चलाई गई. जिसका नतीजा रहा कि अब यह दो क्षेत्र ऐसे हैं, जहां इन दिनों सबसे अधिक वैक्सीनेशन हो रहा है. इस क्षेत्र के रहवासियों का उत्साह और जुनून कुछ इस कदर है कि एक दिन में ही दादर गांव के 500 से अधिक रहवासियों ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगा ली. ग्राम पंचायत का हौसला अफजाई करने के लिए जनपद सीईओ श्रीनिवास द्विवेदी ने 51 सौ रुपए का नगद पुरस्कार भी दिया.
ग्राम पंचायत को 51सौ रुपए नगद पुरस्कार
जनपद सीईओ श्रीनिवास द्विवेदी बताते हैं कि इस क्षेत्र में वैक्सीनेशन जगरूकता को लेकर तमाम सरकारी कर्मचारी सहित अधिकारी और सामाजिक संगठनों के लोग दिन रात जगरूकता अभियान चला रहे हैं. यहां के आदिवासी रहवासियों को यह बताया जा रहा है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचने के लिए कोरोना टीका ही है. जिससे प्रेरित हुए दादर गांव के लोगों ने टीका की पहली डोज एक साथ मिलकर लगवाई. जिला पंचायत सीईओ आर.के शुक्ला ने कहा कि जनपद सीईओ की पुरस्कृत करने की पहल सराहनीय है.
वैसे तो जिले भर में एक लाख 20 हजार से अधिक लोग वैक्सीनेशन करा चुके हैं. लेकिन दादर ग्राम पंचायत ही जिले की वह ऐसी पहली ग्राम पंचायत बनी है जहां के रहवासियों ने जिला प्रसासन के प्रेरणा से प्रेरित होकर वैक्सीनेशन कराया.