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अतिथि शिक्षक ने कलेक्टर से लगाई आर्थिक मदद की गुहार, रो- रो कर सुनाई अपनी व्यथा

खराब आर्थिक हालत से परेशान एक अतिथि शिक्षक ने कलेक्टर से मदद कि गुहार लगाई है.

अतिथि शिक्षक ने कलेक्टर से लगाई आर्थिक मदद की गुहार
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Published : Sep 5, 2019, 12:05 AM IST

सीधी। सीधी में पिछले 12 साल से सेवा दे रहे एक अतिथि शिक्षक ने कलेक्टर से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. अपनी गुहार में शिक्षक ने कलेक्टर से आवेदन किया है कि पांच हजार रुपए की आय में उसके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है. साथ ही अतिथि शिक्षक का कहना है कि वो अपने बच्चों की फीस भी नहीं दे पा रहा है.

अतिथि शिक्षक ने कलेक्टर से लगाई आर्थिक मदद की गुहार
अतिथि शिक्षक का कहना है कि पिछले साल उसके पिता की मौत हो गई, जिसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई, शिक्षक ने अपनी व्यथा रो-रोकर बताई, लेकिन किसी भी प्रकार की मदद करने की बजाए कलेक्टर ने उसका आवेदन डीईओ को थमा दिया. शिक्षा जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की तरफ से ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, ग्रेड- 3 के तहत अतिथि शिक्षक को 5 हजार रुपए की पगार देने का प्रावधान है, इसके अलावा और कोई प्रावधान नहीं है.एक तरफ जहां पूरे देश में शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ एक शिक्षक अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है.

सीधी। सीधी में पिछले 12 साल से सेवा दे रहे एक अतिथि शिक्षक ने कलेक्टर से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. अपनी गुहार में शिक्षक ने कलेक्टर से आवेदन किया है कि पांच हजार रुपए की आय में उसके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है. साथ ही अतिथि शिक्षक का कहना है कि वो अपने बच्चों की फीस भी नहीं दे पा रहा है.

अतिथि शिक्षक ने कलेक्टर से लगाई आर्थिक मदद की गुहार
अतिथि शिक्षक का कहना है कि पिछले साल उसके पिता की मौत हो गई, जिसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई, शिक्षक ने अपनी व्यथा रो-रोकर बताई, लेकिन किसी भी प्रकार की मदद करने की बजाए कलेक्टर ने उसका आवेदन डीईओ को थमा दिया. शिक्षा जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की तरफ से ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, ग्रेड- 3 के तहत अतिथि शिक्षक को 5 हजार रुपए की पगार देने का प्रावधान है, इसके अलावा और कोई प्रावधान नहीं है.एक तरफ जहां पूरे देश में शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ एक शिक्षक अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है.
Intro:एंकर-- आज जहां पूरा देश शिक्षक दिवस मना रहा होता है वही सीधी में एक शिक्षक अपनी बेबसी को लेकर आंसू बहाने को मजबूर है गरीबी की वजह से आज कलेक्टर के पास पहुंचा जहां फूट-फूट कर रोने लगा माली हालत खराब होने की वजह से शिक्षक अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दे पा रहा जहां कलेक्टर से गुहार लगाई वहीं प्रशासन ने मदद करने से पहले ही हाथ खड़े कर दिए|


Body:वॉइस ओवर सीधी के शिव प्रसाद सिंह हैं जो अतिथि शिक्षक में 12 साल से सेवा दे रहे हैं और बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं लेकिन इनकी माली हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यह अपने तीन बच्चों को सही ढंग से पढ़ा लिखा नहीं पा रहे हैं 5000 मेहनताना मिलता है इतने थोड़े पैसों में शिक्षक के परिवार का गुजर-बसर नहीं हो पाता पिछले साल इनके पिता भी चल बसे थोड़ी बहुत किसानी है उसके लिए इनके पास पैसे नहीं है इन्हीं बातों से दुखी होकर आज शिक्षक कलेक्टर के पास गुहार लगाने पहुंची और अपनी व्यथा रो-रोकर बताने लगी थोड़ी देर के लिए वहां सन्नाटा पसर गया बाद में ही कलेक्टर ने आवेदन शिक्षा विभाग के डीईओ को थमा दिया जहां शिक्षा जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन या शासन की तरफ से कोई प्रावधान नहीं है कि इनकी कोई मदद की जाए ग्रेड 3 अतिथि शिक्षक में ₹5000 पगार देने का प्रावधान है उसके लिए हम क्या कर सकते हैं। बाइट(1) शिवप्रसाद सिंह शिक्षक। बाइट(2) एसके सिंह डी ई ओ सिरी


Conclusion:बहर हाल आज जहां पूरे देश में शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है वहीं सीधी का यह दिवस शिक्षक आंसू बहा रहा है माली हालत खराब होने की वजह से तनाव में रहकर यह शिक्षक कितने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पाता होगा समझा जा सकता है देखना अब होगा कि शासन इनकी आर्थिक हालत सुधारने में क्या सहयोग कर पाता है। पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश
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