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आफत में सीधी के किसान, कहीं कम बारिश तो कहीं कीड़े चट कर गए खेतों में लगी फसलें

सीधी जिले में किसानों की आफत लगातार बढ़ती ही जा रही है, कहीं कम बरसात तो कहीं, कीड़े लग जाने की वजह से धान की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है, लेकिन कृषि अधिकारी सिर्फ 5 प्रतिशत ही नुकसान की बात कह रहे हैं. पढ़िए पूरी ख़बर...

crops destroyed
फसलें हो रही बर्बाद, किसान परेशान
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Published : Oct 25, 2020, 6:37 AM IST

सीधी। किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, जहां एक ओर प्रदेश में कहीं-कहीं अच्छी बरसात देखने को मिली, तो वहीं दूसरी तरफ अनेक जगहों पर बारिश कम होने से किसानों के सामने आफत खड़ी हो गई है. अगर बात करें जिले की, तो यहां कहीं-कहीं पर अल्प वर्षा होने से किसान चिंतित हैं.

फसलें हो रही बर्बाद, किसान परेशान

जिले में धान, मूंग उड़द, तीली, मक्का, सोयाबीन जैसी खरीफ फसलें बोई जाती हैं, जिसमें 80 प्रतिशत धान का रकवा होता है. परिवार के भरण-पोषण के लिए किसान फसल पर निर्भर होता है. ऐसे में प्रकृति साथ न दे, तो किसानों की आफत बढ़ जाती है.

सुविधाओं के अभाव में फसलों को हुआ नुकसान

अनेक जगहों पर धान की बुवाई की गई, जिसमें पीले रंग के कीड़े लग गए हैं, जो धान की बालियों को चट कर जा रहे हैं. इस समस्या को लेकर किसान बताते हैं कि, किसी ने 4 एकड़, तो किसी ने 11 एकड़ में धान लगाई थी. शुरू में फसल ठीक रही, पर धीरे-धीरे धान में बालियां लगने से फसल नष्ट हो गई. वहीं किसान मनहोर साकेत का कहना है कि, कम वर्षा होने से धान की फसल सूख रही है. सिंचाई के साधन नहीं होने से प्रकृति पर निर्भर होना पड़ता है. सिर्फ इतना ही नहीं कीटनाशक दवाई की उपलब्धता नहीं होने से फसलों में कीड़े लग रहे हैं, जिससे भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

कृषि अधिकारी दे रहे ये दलील

इस मामले में जिला कृषि अधिकारी राजेश सिंह चौहान का कहना है कि, खरीफ सीजन में मुख्य रूप से धान की फसल की बोनी होती है, जो 80 प्रतिशत एरिया कवर करती है. इसमें 40 क्विंटल धान की प्रति एकड़ पैदावार होती है. वहीं अभी जिले में लगभग एक सौ 18 हजार हैक्टर में धान लगाई गई है, जिसमें कहीं-कहीं नुकसान हुआ था, तो कहीं कीड़े लग गए थे, लेकिन कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर नुकसान की भरपाई कर दी गई है. हालांकि किसानों को सिर्फ 5 प्रतिशत ही नुकसान झेलना पड़ा है.


अब क्या करें किसान ?
बहरहाल, जिले में किसानों को कीड़े और कम वर्षा की वजह से काफी नुकसान हुआ है. धान के अलावा तीली, अरहर और उड़द जैसी फसलों को कीड़े चट कर गए हैं. वहीं अवधान में कीड़े लग जाने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है, लेकिन सूध लेने के बजाए जिम्मेदार अधिकारी अलग-अलग दलीलें दे रहे हैं.

टिड्डियों की वजह से भी हुआ था फसलों को नुकसान

यहां किसान जहां कम बारिश और कीड़ों से परेशान हैं, तो वहीं इससे पहले टिड्डियों के हमले से किसानों की फसलों को खासा नुकसान हुआ था. इन टिड्डियों के दल ने अत्याधिक फसलों को चट कर दिया था, जिससे कृषकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था.

इन जगहों पर हुआ इतना नुकसान

क्षेत्र के नामआंकड़ा (प्रतिशत)
चुरहट 30-35
सिमरिया40
रामपुर40
बेहरी25-30
सिहावल30-35
सीधी 20-25

सीधी। किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, जहां एक ओर प्रदेश में कहीं-कहीं अच्छी बरसात देखने को मिली, तो वहीं दूसरी तरफ अनेक जगहों पर बारिश कम होने से किसानों के सामने आफत खड़ी हो गई है. अगर बात करें जिले की, तो यहां कहीं-कहीं पर अल्प वर्षा होने से किसान चिंतित हैं.

फसलें हो रही बर्बाद, किसान परेशान

जिले में धान, मूंग उड़द, तीली, मक्का, सोयाबीन जैसी खरीफ फसलें बोई जाती हैं, जिसमें 80 प्रतिशत धान का रकवा होता है. परिवार के भरण-पोषण के लिए किसान फसल पर निर्भर होता है. ऐसे में प्रकृति साथ न दे, तो किसानों की आफत बढ़ जाती है.

सुविधाओं के अभाव में फसलों को हुआ नुकसान

अनेक जगहों पर धान की बुवाई की गई, जिसमें पीले रंग के कीड़े लग गए हैं, जो धान की बालियों को चट कर जा रहे हैं. इस समस्या को लेकर किसान बताते हैं कि, किसी ने 4 एकड़, तो किसी ने 11 एकड़ में धान लगाई थी. शुरू में फसल ठीक रही, पर धीरे-धीरे धान में बालियां लगने से फसल नष्ट हो गई. वहीं किसान मनहोर साकेत का कहना है कि, कम वर्षा होने से धान की फसल सूख रही है. सिंचाई के साधन नहीं होने से प्रकृति पर निर्भर होना पड़ता है. सिर्फ इतना ही नहीं कीटनाशक दवाई की उपलब्धता नहीं होने से फसलों में कीड़े लग रहे हैं, जिससे भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

कृषि अधिकारी दे रहे ये दलील

इस मामले में जिला कृषि अधिकारी राजेश सिंह चौहान का कहना है कि, खरीफ सीजन में मुख्य रूप से धान की फसल की बोनी होती है, जो 80 प्रतिशत एरिया कवर करती है. इसमें 40 क्विंटल धान की प्रति एकड़ पैदावार होती है. वहीं अभी जिले में लगभग एक सौ 18 हजार हैक्टर में धान लगाई गई है, जिसमें कहीं-कहीं नुकसान हुआ था, तो कहीं कीड़े लग गए थे, लेकिन कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर नुकसान की भरपाई कर दी गई है. हालांकि किसानों को सिर्फ 5 प्रतिशत ही नुकसान झेलना पड़ा है.


अब क्या करें किसान ?
बहरहाल, जिले में किसानों को कीड़े और कम वर्षा की वजह से काफी नुकसान हुआ है. धान के अलावा तीली, अरहर और उड़द जैसी फसलों को कीड़े चट कर गए हैं. वहीं अवधान में कीड़े लग जाने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है, लेकिन सूध लेने के बजाए जिम्मेदार अधिकारी अलग-अलग दलीलें दे रहे हैं.

टिड्डियों की वजह से भी हुआ था फसलों को नुकसान

यहां किसान जहां कम बारिश और कीड़ों से परेशान हैं, तो वहीं इससे पहले टिड्डियों के हमले से किसानों की फसलों को खासा नुकसान हुआ था. इन टिड्डियों के दल ने अत्याधिक फसलों को चट कर दिया था, जिससे कृषकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था.

इन जगहों पर हुआ इतना नुकसान

क्षेत्र के नामआंकड़ा (प्रतिशत)
चुरहट 30-35
सिमरिया40
रामपुर40
बेहरी25-30
सिहावल30-35
सीधी 20-25
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