ETV Bharat / state

संजय गांधी टाइगर रिजर्व पहुंचा छत्तीसगढ़ के हाथियों का दल मचा रहा उत्पात

सीधी जिले के संजय गांधी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के आसपास के एरिया में छत्तीसगढ़ से आए हाथियों के झुंड ने उत्पात मचा रखा है. इन हाथियों के झुंड से बस्तियों के साथ टाइगर रिजर्व कैंप को भी नुकसान पहुंचा रहा है.

Sidhi
हाथियों का दल
author img

By

Published : Jan 8, 2021, 3:59 PM IST

सीधी। इन दिनों छत्तीसगढ़ के उत्पात मचाने वाले हाथी अब मध्य प्रदेश में बेखौफ होकर लोगों में दहशत मचा रहे हैं. ऐसे में सीधी के संजय गांधी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पूरा दल डेरा डाले हुए हैं. जिसके चलते गांव वाले अपनी जान माल बचाने के लिए परेशान है, जिस इलाके में हाथी घूम रहे हैं उसमें करीब 20 गांव आते हैं, और ये यहां की बस्तियों के साथ टाइगर रिजर्व कैंप को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

Sidhi
हाथियों का दल

छत्तीसगढ़ में उत्पात मचाने के बाद हाथी फिर से मध्यप्रदेश में आ धमके हैं. सीधी जिले के 20 से अधिक आदिवासी गांव के लोग इन हाथियों की दहशत में जीने को मजबूर हैं. यह सभी इलाके संजय गांधी टाइगर रिजर्व इलाके के आसपास के है, टाइगर रिजर्व के पौडी क्षेत्र में पिछले पांच साल से लगातार नए साल में यह हाथी यहां आ जाते हैं और उनके आते ही पूरा इलाका थर-थर कांपने लगता है. वन विभाग का अमला हो या आम जनता, सब के लिए सिरदर्द हाथी बन जाते हैं.

सात से आठ हाथियों का झुंड

इस झुंड में सात से आठ हाथी हैं, यह छत्तीसगढ़ से चलकर जंगल के रास्ते टाइगर रिजर्व पहुंचते हैं. हाथियों का दल जंगल में कच्चे बने मकानों और फसलों को तहस-नहस कर देता है. अगर इंसान सामने आ जाए तो उसे भी नहीं छोड़ते, इतना ही नहीं ये घर में रखा अनाज, कच्चा लहान सब कुछ नष्ट कर देते हैं. हाथी टाइगर रिजर्व को भी उजाड़ देते हैं.

Sidhi
हाथियों का दल

चार से पांच महीने रुकते है ये हाथी

वहीं अधिकारियों का कहना है कि टाइगर रिजर्व इलाके में बांस और पानी की व्यवस्था है इसलिए यह हाथी के रुकने के लिए अच्छी जगह मानी जाती है. हर साल हाथी यहां दिसंबर जनवरी के महीने में आते हैं और चार-पांच महीने रुकने के बाद फिर वापस छत्तीसगढ़ चले जाते हैं. इस पर बीजेपी विधायक कुंवर सिंह टेकाम का कहना है कि इलाके में हाथियों की दहशत है, वन विभाग हाथियों को छत्तीसगढ़ वापस भेजता है लेकिन अब प्रदेश सरकार को कोई ठोस कार्य योजना बनाना चाहिए ताकि हाथियों का यहां आना रोका जा सके.

बहरहाल पिछले पांच साल में हाथी अब तक सैकड़ों आदिवासियों के कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा चुके हैं, टाइगर रिजर्व की तीन कैंपों को उजाड़ चुके हैं. साथ ही दर्जन भर से अधिक लोगों को जख्मी कर दिया है इतना ही नहीं अनेक आदिवासिओं की मौत भी हो चुकी है, लेकिन इतना सब होने के बाद भी इन हाथियों को कंट्रोल करने का कोई उपाय नहीं हो पाया है. बल्कि वन विभाग इन्हें यही रोकने की फिराक में नजर आ रहे हैं.

सीधी। इन दिनों छत्तीसगढ़ के उत्पात मचाने वाले हाथी अब मध्य प्रदेश में बेखौफ होकर लोगों में दहशत मचा रहे हैं. ऐसे में सीधी के संजय गांधी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पूरा दल डेरा डाले हुए हैं. जिसके चलते गांव वाले अपनी जान माल बचाने के लिए परेशान है, जिस इलाके में हाथी घूम रहे हैं उसमें करीब 20 गांव आते हैं, और ये यहां की बस्तियों के साथ टाइगर रिजर्व कैंप को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

Sidhi
हाथियों का दल

छत्तीसगढ़ में उत्पात मचाने के बाद हाथी फिर से मध्यप्रदेश में आ धमके हैं. सीधी जिले के 20 से अधिक आदिवासी गांव के लोग इन हाथियों की दहशत में जीने को मजबूर हैं. यह सभी इलाके संजय गांधी टाइगर रिजर्व इलाके के आसपास के है, टाइगर रिजर्व के पौडी क्षेत्र में पिछले पांच साल से लगातार नए साल में यह हाथी यहां आ जाते हैं और उनके आते ही पूरा इलाका थर-थर कांपने लगता है. वन विभाग का अमला हो या आम जनता, सब के लिए सिरदर्द हाथी बन जाते हैं.

सात से आठ हाथियों का झुंड

इस झुंड में सात से आठ हाथी हैं, यह छत्तीसगढ़ से चलकर जंगल के रास्ते टाइगर रिजर्व पहुंचते हैं. हाथियों का दल जंगल में कच्चे बने मकानों और फसलों को तहस-नहस कर देता है. अगर इंसान सामने आ जाए तो उसे भी नहीं छोड़ते, इतना ही नहीं ये घर में रखा अनाज, कच्चा लहान सब कुछ नष्ट कर देते हैं. हाथी टाइगर रिजर्व को भी उजाड़ देते हैं.

Sidhi
हाथियों का दल

चार से पांच महीने रुकते है ये हाथी

वहीं अधिकारियों का कहना है कि टाइगर रिजर्व इलाके में बांस और पानी की व्यवस्था है इसलिए यह हाथी के रुकने के लिए अच्छी जगह मानी जाती है. हर साल हाथी यहां दिसंबर जनवरी के महीने में आते हैं और चार-पांच महीने रुकने के बाद फिर वापस छत्तीसगढ़ चले जाते हैं. इस पर बीजेपी विधायक कुंवर सिंह टेकाम का कहना है कि इलाके में हाथियों की दहशत है, वन विभाग हाथियों को छत्तीसगढ़ वापस भेजता है लेकिन अब प्रदेश सरकार को कोई ठोस कार्य योजना बनाना चाहिए ताकि हाथियों का यहां आना रोका जा सके.

बहरहाल पिछले पांच साल में हाथी अब तक सैकड़ों आदिवासियों के कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा चुके हैं, टाइगर रिजर्व की तीन कैंपों को उजाड़ चुके हैं. साथ ही दर्जन भर से अधिक लोगों को जख्मी कर दिया है इतना ही नहीं अनेक आदिवासिओं की मौत भी हो चुकी है, लेकिन इतना सब होने के बाद भी इन हाथियों को कंट्रोल करने का कोई उपाय नहीं हो पाया है. बल्कि वन विभाग इन्हें यही रोकने की फिराक में नजर आ रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.