सीधी। जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है. जहां एक मां अपने दो बच्चों को बीच रास्ते में बेसहारा छोड़कर अपने प्रेमी के साथ भाग गई. बच्चों की उम्र महज 8 और 6 साल है. जिनमें से छोटा बच्चा पहले से ही संक्रमित था, मां के छोड़ जाने के बाद 8 साल के भाई ने अपने छोटे भाई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज चल रहा है. जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.
'मां' की आशिकी ने मासूमों को किया 'अनाथ', बीच रास्ते में छोड़कर प्रेमी के साथ हुई फरार - two kids
यूं तो इश्क आशिक को पागल बना देता है, पर यहां एक महिला इश्क में इस कदर पागल हुई कि अपने ही दो बच्चों को बीच रास्ते में छोड़कर प्रेमी के साथ फरार हो गयी, जबकि छोटा बच्चा जिंदगी की जंग लड़ रहा है.
मां की आशिकी ने मासूमों को किया 'अनाथ', बीच रास्ते में छोड़कर प्रेमी के साथ हुई फरार
सीधी। जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है. जहां एक मां अपने दो बच्चों को बीच रास्ते में बेसहारा छोड़कर अपने प्रेमी के साथ भाग गई. बच्चों की उम्र महज 8 और 6 साल है. जिनमें से छोटा बच्चा पहले से ही संक्रमित था, मां के छोड़ जाने के बाद 8 साल के भाई ने अपने छोटे भाई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज चल रहा है. जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.
Intro:एंकर-- मां का दर्जा भगवान के बराबर माना जाता है लेकिन यदि मां ममता को शर्मसार कर दे तो इसे क्या कहेंगे आप ऐसी ही एक घटना उस वक्त सामने आई जब जिला अस्पताल ले जाते वक्त मा बीच रास्ते में दोनों बच्चों को छोड़कर किसी प्रेमी के साथ फरार हो गई 8 साल की मासूम ने अपने 6 साल के भाई को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया जहां बालक की हालत नाजुक बनी हुई है मौके पर महिला बाल विकास अधिकारी पहुंचे हैं जहां उन्होंने बच्चों को मदद देने का भरोसा दिलाया है।
Body:वाइस ओवर(1) सीधी में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है जहां एक महिला ने अपने दो बच्चों को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ प्रेम रास रचाने के लिए बच्चों को बीच रास्ते में छोड़ कर चली गई बच्ची ने बताया कि सुई गांव से मां के साथ छोटे भाई को अस्पताल ला रहे थे तभी रास्ते में मां बस से उतरकर इसी के साथ चली गई पिता दूसरे शहर में काम करते हैं साल 2 साल में कभी आते हैं मासूम बच्चा अपने भाई को लेकर जिला अस्पताल लाया जहां उसे भर्ती कराया गया है बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है बच्चे के सर में कीड़े पड़ चुके हैं लगातार बच्चे को बचाने में लगे हुए हैं डाक्टरों का कहना है कि बच्ची की हालत अधिक खराब है बेहतर इलाज सीधी में संभव नहीं है दूसरे शहर ले जाना पड़ेगा बच्ची को इंफेक्शन हुआ है ठीक होने में 3 से 4 माह का समय लग सकता है।
वही मौके पर महिला बाल विकास अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने दोनों अनाथ बच्चों को रीवा संप्रेक्षण गृह भेजने की बात कही है वही कहा कि जब तक इन बच्चों के परिजन नहीं आते तब तक महिला बाल विकास विभाग के अधीन यह बच्ची रहेंगे और वही इन बच्चों की शिक्षा दीक्षा दी जाएगी जब तक पूरा इलाज नहीं हो जाता तब तक इन्हें प्रशासन पूरी मदद करेगा।
बाइट(1)सोनू (बच्चा)
बाइट(2)आलम खान(डॉक्टर)
बाइट(3)अवधेश प्रताप सिंह(महिला बाल विकास)
Conclusion:बरहाल एक मासूम बच्चा अपने भाई को जिंदगी देने की जद्दोजहद कर रहा है मां प्रेमी के साथ भाग गई मां का दर्जा भगवान जैसा होता है जिसे जीवनदायिनी भी कहते हैं लेकिन इस मा ने अपनी ममता को शर्मसार कर दिया है जिससे समाज तो आहत हुआ ही है साथ ही दो मासूम बच्चों की जिंदगी दांव पर लग चुकी है देखना होगा प्रशासन बच्चों की क्या मदद कर पाता है।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश
Body:वाइस ओवर(1) सीधी में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है जहां एक महिला ने अपने दो बच्चों को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ प्रेम रास रचाने के लिए बच्चों को बीच रास्ते में छोड़ कर चली गई बच्ची ने बताया कि सुई गांव से मां के साथ छोटे भाई को अस्पताल ला रहे थे तभी रास्ते में मां बस से उतरकर इसी के साथ चली गई पिता दूसरे शहर में काम करते हैं साल 2 साल में कभी आते हैं मासूम बच्चा अपने भाई को लेकर जिला अस्पताल लाया जहां उसे भर्ती कराया गया है बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है बच्चे के सर में कीड़े पड़ चुके हैं लगातार बच्चे को बचाने में लगे हुए हैं डाक्टरों का कहना है कि बच्ची की हालत अधिक खराब है बेहतर इलाज सीधी में संभव नहीं है दूसरे शहर ले जाना पड़ेगा बच्ची को इंफेक्शन हुआ है ठीक होने में 3 से 4 माह का समय लग सकता है।
वही मौके पर महिला बाल विकास अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने दोनों अनाथ बच्चों को रीवा संप्रेक्षण गृह भेजने की बात कही है वही कहा कि जब तक इन बच्चों के परिजन नहीं आते तब तक महिला बाल विकास विभाग के अधीन यह बच्ची रहेंगे और वही इन बच्चों की शिक्षा दीक्षा दी जाएगी जब तक पूरा इलाज नहीं हो जाता तब तक इन्हें प्रशासन पूरी मदद करेगा।
बाइट(1)सोनू (बच्चा)
बाइट(2)आलम खान(डॉक्टर)
बाइट(3)अवधेश प्रताप सिंह(महिला बाल विकास)
Conclusion:बरहाल एक मासूम बच्चा अपने भाई को जिंदगी देने की जद्दोजहद कर रहा है मां प्रेमी के साथ भाग गई मां का दर्जा भगवान जैसा होता है जिसे जीवनदायिनी भी कहते हैं लेकिन इस मा ने अपनी ममता को शर्मसार कर दिया है जिससे समाज तो आहत हुआ ही है साथ ही दो मासूम बच्चों की जिंदगी दांव पर लग चुकी है देखना होगा प्रशासन बच्चों की क्या मदद कर पाता है।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश
Last Updated : Aug 4, 2019, 4:31 PM IST