शिवपुरी। शहर की समाजसेवी संस्था बीपीएम जय हिन्द मिशन एवं संत रैदास लोक न्यास ट्रस्ट और युवाओं के संयुक्त तत्वावधान में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहर के फतेहपुर रोड पर स्थित डॉ. आंबेडकर पार्क में स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री, संविधान के शिल्पकार, भारत रत्न, बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए और उन्हें नमन कर उनका महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया, इस दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाबा साहब की पुण्यतिथि पर मास्क का वितरण भी किया गया.
देवास में भी मनाई गई पुण्यतिथि
संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को देवास जिले के कन्नौद में 'महापरिनिर्वाण दिवस' के रूप में मनाया. भारतीय संविधान के निर्माता, समाज सुधारक बाबा साहेब अंबेडकर ने छह दिसंबर 1956 को अंतिम सांस ली थी. एडवोकेट ओम प्रकाश बाकलीवाल के द्वारा बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के भारत निर्माण के योगदान में किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला गया और बताया गया कि आज हमारे देश की उन्नति में बाबा साहेब का बहुत बड़ा योगदान है. इस अवसर पर कन्नौद नगर के गणमान्य नागरिकों ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
आगर मालवा के गांधी उपवन में हुई संगोष्ठी
डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर स्थानीय गांधी उपवन में आंबेडकर की विचारधारा पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन किया गया, इस दौरान सबसे डॉ. आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और संगोष्ठी को संबोधित किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बामसेफ के एचएन रेकवाल ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. आंबेडकर के किये गए कार्यों को पूरा देश कभी नहीं भूला सकता. उनके द्वारा बनाये गए संविधान पर पूरी दुनिया गर्व करती है. वहीं निचले तबके के लोगों को ऊपर उठाने व उन्हें शिक्षित बनाने के लिए उनका अहम योगदान रहा.
मुरैना में आंबेडकर पार्क पहुंकर मनाया महापरिनिर्वाण दिवस
पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना और निवर्तमान महापौर अशोक अर्गल अपने कार्यकर्ताओं के साथ सिंघलवस्ती आंबेडकर पार्क पहुंकर महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रंद्धाजलि अर्पित की विधायक कंषाना ने बाबा साहेब को नमन करते हुए वहां उपस्थित भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा, ''संविधान के शिल्पकार भारतरत्न डॉ. बाबा साहेब ने संविधान के रूप में देश को एक पवित्र ग्रंथ भेंट किया, जो सर्वोच्च मार्गदर्शक है. बाबासाहेब के विचार और आदर्श करोड़ों लोगों को लगातार प्रेरणा देते हैं. हम हमारे रास्ते में खड़ी बुराइयों की पहचान करने और उन्हें मिटाने में ढिलाई नहीं करेंगे. देश की सेवा करने का यही एक रास्ता है, मैं इससे बेहतर रास्ता नहीं जानता. उन्होंने हमारे राष्ट्र के लिए जो भी सपने देखे हैं उन्हें पूरा करने के लिए हमारी केंद्र और प्रदेश सरकारें प्रतिबद्ध हैं.''