शिवपुरी। बीते 25 सितम्बर 2020 को सरिता की आत्महत्या मामले में एक ओर जहां पुलिस ने करीब एक महीने बाद मामले में आरोपी ससुरालीजन पति, देवर और देवरानी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला पंजीबद्ध कर लिया. वहीं दूसरी ओर इस घटना के बाद भी आरोपी ससुरालीजन पुलिस गिरफ्त से बाहर है. जिसको लेकर पीड़िता के परिजनों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है.
पति ने परिजनों के साथ मृतका को डराया-धमकाया
इस पूरे प्रकरण में मृतिका की परिजन ने बताया कि उसकी पुत्री सरिता का विवाह करैरा के शिक्षक अनिल गुप्ता निवासी ब्लॉक ऑफिस के सामने के साथ 16 साल पहले हुई थी. तब सरिता के विवाह में उसके पिता ने 10 लाख रूपये नगद, सोने-चांदी के जेवरात और दान-दहेज भी अपनी क्षमता अनुसार दिया था. लेकिन विवाह के 5-6 साल बाद से ही ससुराल के लोगों ने दहेज को लेकर आए दिन विवाहिता को प्रताड़ित करते थे.
पति अनिल गुप्ता के साथ देवर आशीष और देवरानी रेनु गुप्ता भी मारपीट और पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी और झूठे मामलों में सरिता और उसके परिजनों को फंसाने की धमकी देकर डराते-रहते थे. इसी बीच पति अनिल गुप्ता ने किसी अन्य महिला से अवैध संबंध बन गए और वह अपने खर्चों की पूर्ति को लेकर सरिता पर ही घर से दहेज लाने का दबाव बनाता और ना लाने पर उससे मारपीट करता था.