शिवपुरी। जिले की एक निजी अस्पताल में रविवार को आपरेशन के दौरान एक मरीज की मौत हो गई. जिसके बाद डॉक्टर अस्पताल के पिछले दरवाजे से भाग खड़े हुए और एक-एक करके अस्पताल का पूरा स्टाफ भी वहां से भाग गया. मरीज के परिजनों का आरोप है कि डाक्टरों ने उन्हें बहोशी की दवा का ओवर डोज दे दिया, जिसके कारण अचानक से मरीज की मौत हुई. जानकारी के अनुसार सिपाही मोहल्ला इमामबाड़ा निवासी 58 वर्षीय इरशाद के पैर में करीब दस दिन पहले एक सड़क हादसे में फ्रैक्चर हो गया था. उपचार के लिए इरशाद को निजी अस्पताल में ले जाया गया था जहां मरीज को प्लास्टर चढ़ा दिया गया. इसके बाद निर्धारित समय पर ड्रेसिंग कराने के लिए वह अस्पताल आते रहे.
भाग खड़े हुए डॉक्टर: मृतक के भाई फैय्याज ने बताया कि शनिवार को भर्ती करने के बाद आपरेशन से पूर्व होने वाली सभी जांचें करवाई गईं, रविवार की दोपहर आपरेशन करने के लिए बोला गया. भाई ने बताया कि अस्पताल में जिला अस्पताल में पदस्थ एनेस्थीसिया विशेषज्ञ को भी बुलाया गया. उन्होंने मरीज को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया और वहीं से मरीज की तबियत बिगड़ना शुरू हो गई. फैय्याज के अनुसार करीब डेढ़ घंटे बाद डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की पल्स नहीं आ रही है. परिजनों का आरोप है कि इरशाद कुर्रेशी की मौत अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुई है.
MP Sehore News निजी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान महिला की मौत के बाद परिजनों का हंगामा
मामले ने तूल पकड़ा तो मौके पर पुलिस पहुंच गई और परिजनों को मामले की शिकायत करवाने के लिए थाने ले गई. फिजिकल थाना प्रभारी कृपाल सिंह राठौर ने बताया कि एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान एक मरीज की मौत होने की सूचना मिली थी. लेकिन बाद में इस मामले में मृतक के परिजनों अस्पताल संचालक के बीच समझौता हो गया. परिजनों ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है.