शिवपुरी। महिला सशक्तिकरण की मंशा लेकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक करीब 4000 किलोमीटर की साईकिल यात्रा पर निकली साइकिल गर्ल्स मुस्कान रघुवंशी मंगलवार की शाम को शिवपुरी पहुंची. इस दौरान शिवपुरी में साइकिलिंग को बढ़ावा देने वाले पेडलर ग्रुप द्वारा उनकी अगवानी की गई. वहीं शहर के श्रीमंत माधवराव सिंधिया खेल परिसर में खेल विभाग द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल और शहर के गणमान्य नागरिकों द्वारा साइकिलिंग गर्ल्स का स्वागत कर उनका हौसला बढ़ाया. साइकिल यात्रा पर निकली मुस्कान को देशभर में भरपूर समर्थन मिल रहा है. यात्रा को मिल रहे समर्थन को देखकर साइकिल गर्ल का हौंसला सातवें आसमान पर है.
25 दिन में 4000 किलोमीटर दूरी तय करने का लक्ष्य: अशोकनगर जिले के ईसागढ़ ब्लॉक के महाना गांव निवासी कृषक रामकृष्ण सिंह रघुवंशी की बेटी मुस्कान ने कश्मीर से 15 किलोमीटर दूर स्थित सीआरपीएफ कैंप से 1 फरवरी को साइकिल यात्रा शुरू की है. 25 फरवरी तक उन्होंने कन्याकुमारी तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है. मुस्कान ने बताया उनका उद्देश्य साइकिलिंग के माध्यम से उन बेटियों को यह बताना है कि आप सपने देखो और उन्हें पूरा करो किसी के दबाव में ना आए अपने लक्ष्य को प्राप्त करें. पंजाब और हरियाणा जैसे विकसित प्रदेशों में भी कई महिलाएं और लड़कियां ऐसी हैं जिनके अंदर कुछ अलग करने का जोश और जुनून हैं. लेकिन सामाजिक बंधन के चलते वह चारदीवारी में बंद हैं. कुछ ऐसी ही महिलाओं से उन्होंने चर्चा कर उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा करने का काम किया है.
Gwalior News: मॉडलिंग का सपना छोड़ हजारों KM यात्रा पर निकलीं मुस्कान, जानें ये सफर क्यों है खास
19 दिन में पूरी की थी 3200 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा: मुस्कान रघुवंशी में बचपन से ही कुछ अलग करने का जज्बा था. अपने इस जज्बे को पढ़ाई के साथ साइकिलिंग के क्षेत्र में आजमाया और कुछ ही दिन में साइकिल मुस्कान की पहचान बन गई. इसके बाद मुस्कान ने विपरीत मौसम में 3200 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा 19 दिन में पूरी कर प्रदेश का नाम देश के पटल पर रोशन किया. साइकिल गर्ल्स मुस्कान ने बताया कि वह सुबह 8 बजे से साइकल यात्रा पर निकल पड़ती हैं. इस दौरान 18 से 25 किमी प्रति घंटे की गति से साइकल चलाते हुए हर दिन 150 से 160 किमी की दूरी तय की जाती है. मुस्कान ने बताया कि जम्मू से कश्मीर तक की यात्रा को 25 दिन में पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन अनजान प्रदेशों में मिल रहे समर्थन के चलते उन्हें विश्वास है कि वह एक दिन पहले ही यात्रा पूरी कर लेंगी.