शिवपुरी। जिले के लुकवासा कस्बे में सोमवार को एक बाबा ने युवक पर मंत्र पढ़कर पानी फेंक दिया, जिसके बाद युवक को एकाएक उल्टियां शुरू हो गईं. बाबा ने उल्टियां बंद कराने के नाम पर युवक से पैसे वसूल लिए तब कहीं जाकर युवक की उल्टियां बंद हुईं. अपने साथ हुई घटना के बारे में युवक ने जब मौके पर मौजूद लोगों को बताया तो लोगों ने बाबा को पकड़ लिया और जमकर फटकार लगाई. दोनों बाबाओं के असली भेष में आने के बाद उन्हें मौके से जाने दिया, दोंनो बाबा अपने आप को नाथ बाबा बता रहे थे जो डबरा के तालबेहट के रहने वाले हैं, दोनो बाबा मजदूरी के कार्ड धारी भी हैं.
पैसे देने से मना करने पर बाबा ने मंत्र फूंक कर फेंका पानी: जानकारी के अनुसार, लुकवासा निवासी एंबुलेंस चालक सुनील यादव सोमवार की सुबह अपनी एंबुलेंस को लेकर लुकवासा स्वास्थ्य केंद्र जा रहा था. तभी सड़क पर खड़े एक बाबा ने हाथ देकर सुनील को रोक लिया, वह खुद को गोरखनाथ बाबा बता रहा था. बाबा उससे पैसों की मांग करने लगा. इसी बीच बाबा ने अपने हाथ में पकड़े कमंडल में से पानी की कुछ बूंदें निकालकर सुनील यादव के ऊपर छिड़क दी. जैसे ही उसके ऊपर बदबूदार पानी डाला इसके बाद उसे उल्टियां होने लगी. बाबा ने उससे दो सौ रुपए की मांग करते हुए कहा कि अगर वह उसे दक्षिणा के तौर पर रुपए दे देगा तो उसकी उल्टी होना बंद हो जाएगी. सुनील ने बताया कि जैसे ही उसने दो सौ रुपए बाबा को दिए तो कुछ ही देर बाद उल्टियां होना बंद भी हो गई.
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भिक्षा मांगने का काम करते हैं दोनों बाबा: सुनील ने सारी बात वहां मौजूद लोगों को बताई. मौजूद लोगों ने उक्त बाबा को पकड़कर पूछताछ की तो बाबा ने बताया कि वह और उसका एक साथी बाबा नाथ बाबा है, उन्हें अघोरी विद्या आती हैं. वह क्षेत्रों में घूम घूम कर भिक्षा मांगने का काम करते हैं. भीड़ ने दोनों बाबाओं को पकड़कर जब सख्ती से पूछताछ की तो एक बाबा ने अपना नाम सुरेंद्र आदिवासी व दूसरे बाबा ने अपना नाम छोटू आदिवासी बताया. दोनों बाबाओं के पास मिले आधारकार्ड पर भी यही नाम थे. बाबा के थैले की तलाशी ली तो दोनों बाबाओं मजदूरी कार्ड के धारक थे, दोनों बाबा डबरा जिले के तालबेहट के रहने वाले थे. लोगों ने पुलिस को सूचना दी और पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.
पुलिस ने हिदायत देकर छोड़ा: लुकवासा चौकी प्रभारी हुकुम सिंह मीणा ने बताया कि कुछ ग्रामीणों ने एक बाबा को पकड़ लिया था. लेकिन जब उससे पूछताछ और तलाशी ली गई तो उसके पास कुछ संदिग्ध नहीं मिला. जिसके बाद बाबा को हिदायत देकर छोड़ दिया गया है. गनीमत रही की भीड़ ने दोनों बाबाओं के साथ मारपीट नहीं की.