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मणिपुर हिंसा में फंसे MP के छात्र, परिजनों ने लगाई शिवराज सरकार से गुहार

मणिपुर हिंसा में कई राज्यों के छात्र वहां फंसे हुए हैं, जिसे लेकर परिजनों की चिंता बढ़ रही है. एमपी के 32 छात्र भी मणिपुर में फंसे हुए हैं. जहां शिवपुरी के एक और बैतूल जिले के भी 2 छात्र फंसे हुए हैं. जिन्हें सुरक्षित वापस लाने की अपील उनके परिजन कर रहे हैं.

Manipur Imphal violence
मणिपुर हिंसा
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Published : May 8, 2023, 6:26 PM IST

भाई की गुजारिश

शिवपुरी/ बैतूल। मणिपुर में आरक्षण को लेकर भड़की हिंसा में मध्यप्रदेश के 32 छात्र वहां फंसे हुए हैं. यहां एमपी में उनके परिजन अपने बच्चों को लेकर परेशान हैं और सरकार से उन्हें निकालने की मांग कर रहे हैं. इन्हीं में शिवपुरी का एक और बैतूल जिले के 2 छात्र फंसे हुए हैं. शिवपुरी के मनोज पाल के परिजन और साथियों प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है तो वहीं बैतूल के एक छात्र के पिता ने कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस से मुलाकात कर बेटे को सुरक्षित एमपी लाने की मांग की है.

Manoj Pal
मनोज पाल

शिवपुरी का छात्र मणिपुर में फंसा: मणिपुर के इंफाल में फंसे मनोज ने फोन पर बताया कि मैं और मेरे साथी नेशनल स्पोर्ट यूनिवर्सिटी के एक हॉस्टल में फंसे हुए हैं. हमारी अब तक मध्यप्रदेश सरकार ने सुध तक नहीं ली है. मनोज ने बताया कि रविवार-सोमवार की रात को सैनिकों द्वारा पूरे हॉस्टल की लाइट बंद कर दी गई. पिछले कई दिनों से इंटरनेट सुविधा भी बंद कर दी गई है. मोबाइल नेटवर्क में भी समस्या आ रही है. मनोज के बड़े भाई सुरेंद्र पाल ने बताया कि कई दिन गुजर जाने के बाद भी मनोज सहित एमपी के कई छात्र अब तक इंफाल से नहीं लाए गए हैं. इसके चलते हम सभी को मनोज की चिंता सता रही है. मामले में करैरा विधानसभा क्षेत्र के नरवर जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रियंका गौरव पाल ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखकर सभी छात्रों को जल्द इंफाल से लाने की अपील की है.

पिता ने लगाई गुहार

बैतूल से फंसे 2 छात्र: वहीं शिवपुरी के अलावा बैतूल जिले के भी दो छात्र मणिपुर हिंसा में फंसे हुए हैं. एक छात्र के पिता ने सोमवार को कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस से मुलाकात कर अपने बेटे को सुरक्षित लाने की गुहार लगाई है. कलेक्टर ने छात्र के पिता को आश्वसत किया है कि सरकार के प्रयास से उनका बेटा जल्द ही लौट आएगा. भीमपुर ब्लॉक के रम्भा निवासी सुरेश आर्य ने कलेक्टर को बताया कि मेरा बेटा सचिन आर्य जो एक राष्ट्रीय खिलाड़ी है. इसका चयन नेशनल स्पोर्टस युनिवर्सिटी इम्फाल (मणीपुर) में स्पोर्ट कोटे से हुआ था. वह बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है. पिता ने बताया कि उनका बेटा फिल्हाल युनिवर्सिटी कैम्पस के छात्रावास में है. बीते 7 दिन से जारी हिंसा की वजह से बाजार बंद है. बाहरी कोई मदद छात्रावास तक नहीं पहुंच रही है. खाने-पीने का सामान भी खत्म होने की कगार पर है. युनिवर्सिटी के आस-पास हो रहे धमाकों की वजह से छात्रावास में रहने वाले सभी छात्र बुरी तरह से डरे हुये हैं. पिता ने दोनों ही छात्रों को सुरक्षित बैतूल लाने की अपील की है. मामले में इधर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने कहा कि हमारी राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से चर्चा चल रही है. जल्द ही सरकार दोनों छात्रों को ले आएगी.

Alok Kumar
आलोक कुमार

सीएम ने की एन बीरेन सिंह से बात: बता दें खंडवा जिले के भी तीन छात्र मणिपुर में फंसे हुए हैं. वहीं मामले में सीएम चौहान ने छात्रों की भलाई और सुरक्षा के संबंध में अपने मणिपुर समकक्ष एन बीरेन सिंह से बात की है. चौहान के करीबी एक अधिकारी ने बताया कि वे सुरक्षित हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या मप्र सरकार मणिपुर से 32 लोगों को एयरलिफ्ट करके वापस लाने की योजना बना रही है.

  • कुछ खबर यहां पढ़ें
  1. शिवराज ने मणिपुर CM से की बात, हिंसा में फंसे MP के लोग को सुरक्षित, ज्यादातर छात्र
  2. MP: मेडिकल की पढ़ाई करने गई छात्रा का चाइना में निधन, शव भारत लाने के लिए BJP विधायक ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र
  3. सूडान में फंसे MP के 7 लोग सुरक्षित दिल्ली पहुंचे, CM शिवराज ने PM मोदी को सराहा

क्यों हो रही मणिपुर में हिंसा: गौरतलब है कि मणिपुर में दो समुदायों (कुकी और मैतेई) के बीच संघर्ष बढ़ गया. अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदायों की मांग के विरोध में मणिपुर के 10 पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च' का आयोजन किया गया. पुलिस के अनुसार, तोरबंग में मार्च के दौरान हथियारबंद लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के सदस्यों पर हमला किया. जवाबी हमले किए, जिससे पूरे राज्य में हिंसा फैल गई.

भाई की गुजारिश

शिवपुरी/ बैतूल। मणिपुर में आरक्षण को लेकर भड़की हिंसा में मध्यप्रदेश के 32 छात्र वहां फंसे हुए हैं. यहां एमपी में उनके परिजन अपने बच्चों को लेकर परेशान हैं और सरकार से उन्हें निकालने की मांग कर रहे हैं. इन्हीं में शिवपुरी का एक और बैतूल जिले के 2 छात्र फंसे हुए हैं. शिवपुरी के मनोज पाल के परिजन और साथियों प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है तो वहीं बैतूल के एक छात्र के पिता ने कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस से मुलाकात कर बेटे को सुरक्षित एमपी लाने की मांग की है.

Manoj Pal
मनोज पाल

शिवपुरी का छात्र मणिपुर में फंसा: मणिपुर के इंफाल में फंसे मनोज ने फोन पर बताया कि मैं और मेरे साथी नेशनल स्पोर्ट यूनिवर्सिटी के एक हॉस्टल में फंसे हुए हैं. हमारी अब तक मध्यप्रदेश सरकार ने सुध तक नहीं ली है. मनोज ने बताया कि रविवार-सोमवार की रात को सैनिकों द्वारा पूरे हॉस्टल की लाइट बंद कर दी गई. पिछले कई दिनों से इंटरनेट सुविधा भी बंद कर दी गई है. मोबाइल नेटवर्क में भी समस्या आ रही है. मनोज के बड़े भाई सुरेंद्र पाल ने बताया कि कई दिन गुजर जाने के बाद भी मनोज सहित एमपी के कई छात्र अब तक इंफाल से नहीं लाए गए हैं. इसके चलते हम सभी को मनोज की चिंता सता रही है. मामले में करैरा विधानसभा क्षेत्र के नरवर जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रियंका गौरव पाल ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखकर सभी छात्रों को जल्द इंफाल से लाने की अपील की है.

पिता ने लगाई गुहार

बैतूल से फंसे 2 छात्र: वहीं शिवपुरी के अलावा बैतूल जिले के भी दो छात्र मणिपुर हिंसा में फंसे हुए हैं. एक छात्र के पिता ने सोमवार को कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस से मुलाकात कर अपने बेटे को सुरक्षित लाने की गुहार लगाई है. कलेक्टर ने छात्र के पिता को आश्वसत किया है कि सरकार के प्रयास से उनका बेटा जल्द ही लौट आएगा. भीमपुर ब्लॉक के रम्भा निवासी सुरेश आर्य ने कलेक्टर को बताया कि मेरा बेटा सचिन आर्य जो एक राष्ट्रीय खिलाड़ी है. इसका चयन नेशनल स्पोर्टस युनिवर्सिटी इम्फाल (मणीपुर) में स्पोर्ट कोटे से हुआ था. वह बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है. पिता ने बताया कि उनका बेटा फिल्हाल युनिवर्सिटी कैम्पस के छात्रावास में है. बीते 7 दिन से जारी हिंसा की वजह से बाजार बंद है. बाहरी कोई मदद छात्रावास तक नहीं पहुंच रही है. खाने-पीने का सामान भी खत्म होने की कगार पर है. युनिवर्सिटी के आस-पास हो रहे धमाकों की वजह से छात्रावास में रहने वाले सभी छात्र बुरी तरह से डरे हुये हैं. पिता ने दोनों ही छात्रों को सुरक्षित बैतूल लाने की अपील की है. मामले में इधर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने कहा कि हमारी राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से चर्चा चल रही है. जल्द ही सरकार दोनों छात्रों को ले आएगी.

Alok Kumar
आलोक कुमार

सीएम ने की एन बीरेन सिंह से बात: बता दें खंडवा जिले के भी तीन छात्र मणिपुर में फंसे हुए हैं. वहीं मामले में सीएम चौहान ने छात्रों की भलाई और सुरक्षा के संबंध में अपने मणिपुर समकक्ष एन बीरेन सिंह से बात की है. चौहान के करीबी एक अधिकारी ने बताया कि वे सुरक्षित हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या मप्र सरकार मणिपुर से 32 लोगों को एयरलिफ्ट करके वापस लाने की योजना बना रही है.

  • कुछ खबर यहां पढ़ें
  1. शिवराज ने मणिपुर CM से की बात, हिंसा में फंसे MP के लोग को सुरक्षित, ज्यादातर छात्र
  2. MP: मेडिकल की पढ़ाई करने गई छात्रा का चाइना में निधन, शव भारत लाने के लिए BJP विधायक ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र
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क्यों हो रही मणिपुर में हिंसा: गौरतलब है कि मणिपुर में दो समुदायों (कुकी और मैतेई) के बीच संघर्ष बढ़ गया. अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदायों की मांग के विरोध में मणिपुर के 10 पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च' का आयोजन किया गया. पुलिस के अनुसार, तोरबंग में मार्च के दौरान हथियारबंद लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के सदस्यों पर हमला किया. जवाबी हमले किए, जिससे पूरे राज्य में हिंसा फैल गई.

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