शिवपुरी। रविवार को चंंबल हादसे जान गवाने वाले 2 लोगों के शव को चिलावद गांव लाया गया है. शव पहुंचते ही गांव चीख पुकार मच गई. गमगीन माहौल में परिवार के सदस्य बिलखते नजर आए. गांव कुशवाह परिवार के 2 सदस्यों का अंतिम संस्कार किया गया. इधर एनडीआरएफ और प्रशासन द्वारा अब भी लापता 2 लोगों की तलाश की जा रही है. जिले के कोलारस विधानसभा के तेंदूआ थाना क्षेत्र के चिलावद गांव के एक ही परिवार के 17 लोग राजस्थान के करौली दर्शन के लिए 14 मार्च को पैदल यात्रा पर निकले थे. 18 मार्च को टेंटरा थाना क्षेत्र में पड़ने वाली चंबल नदी को पार करते हुए परिवार के 7 सदस्य चंबल के तेज बहाव में बह गए. अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.
गांव से निकले पैदल: चिलावद गांव के रहने वाले 35 साल के चेंऊ कुशवाह ने बताया कि नवरात्रि में कैलामाता के दर्शन करने जाने के लिए पैदल जाने की सहमति बनी थी. पहली बार करौली की कैलामाता के दरबार में जाने की खुशी सभी को थी. परिवार के कुछ सदस्य मुराद मांगने के उद्देश्य से पैदल यात्रा पर जा रहे थे. 14 मार्च की सुबह 9 बजे देवकीनंदन कुशवाह (50), अलोखा कुशवाह(45), दीपक (25), रूकमणि कुशवाह (20), लवकुश , संतरा कुशवाह (40), सुनील (22), रश्मि (19), चेंऊ (35), कल्लो (30), बृजमोहन (20), धनीराम (25), राकेश (36), संपत (32), रामश्री कुशवाह (25) निवासीगण चिलावदा, जानकी लाल , दीपक माता के जयकारों के चिलावद गांव से रवाना हुए थे. गांव के अन्य लोग गांव के बाहर तक छोड़ने आए थे.
चंबल के तेज बहाव में उतरे: चेंऊ कुशवाह ने बताया कि चिलावद गांव से निकलने बाद रात्रि विश्राम करने के लिए सभी शिवपुरी के बैरगवां रुके थे. इसके बाद सुबह 7 बजे फिर आगे बढ़ गए थे. दूसरी रात विजयपुर के छिमछिमा हनुमान मंदिर पर रुके थे. यहां तक पहुंचने के बाद भी किसी को थकान तक नहीं हुई थी. इसके बाद दो रात्रि विश्राम रास्ते मे पड़ने वाले गांव में किए थे. 17 मार्च की सुबह सात बजे टेंटरा थाना क्षेत्र के चंबल किनारे थे. चेंऊ कुशवाह ने बताया कि चंबल नदी में तेज धार बह रही थी, मैं और मेरे साथ एक दो ही लोग ऐसे थे जो पहले भी करौली धाम की यात्रा पैदल कर चुके थे. हमने पहले सभी एक दूसरे का हाथ थामने और किसी भी हालात हाथ न छोड़ने की नसीहत दी थी.
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गढ्ढा आया और फिर: देवकीनंदन ने 10 साल के लड़के को अपने कंधे पर बिठा लिया था. सभी लोग एक दूसरे का हाथ पकड़कर गंगा मैया और चंबल मैया के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे. जैसे चंबल के बीच मझधार में पहुंचे तभी एक रेत का गड्ढा नदी में आ गया. इसके बाद महिलाओं का संतुलन बिगड़ गया और हाथ छूटते ही परिवार के 7 सदस्य तेज धार में बह गए. जबकि बाकी लोग जैसे तैसे नदी से बाहर आने में सफल हो सके. कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने भी घटना को लेकर शोक संवेदना जाहिर की है. रघुवंशी ने बताया कि बीते रोज घटना के बाद लापता परिवार के सदस्यों का रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया था. अभी भी परिवार के 2 सदस्य लापता हैं. जिसके लिए प्रशासन हर स्तर पर पूरी कोशिस कर रहा है.