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दो बीघा जमीन के मालिक हैं पंचायत अध्यक्ष दंपति - badarwas nagar panchayat

शिवपुरी की कोलारस में एक ऐसी दंपति है, जो पिछले 15 सालों से लगातार नगर पंचायत अध्यक्ष हैं. उसके बावजूद भी 2 बीघा जमीन और एक अधूरे घर के मालिक हैं. जानें शिवपुरी की परिहार दंपति को.

badarwas nagar panchayat
पंचायत अध्यक्ष दंपति
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Published : Dec 30, 2020, 7:40 PM IST

शिवपुरी। आज के युग में किसी पद पर आते ही ज्यादातर नेताओं का एकमात्र उद्देश्य भ्रष्टाचार और लूट-खसोट बन जाता है. आमतौर पर देखा जाता है कि किसी शासकीय संस्था में निर्वाचित अध्यक्ष एक ही कार्यकाल में अर्श से फर्श तक का सफर तय कर लेता है. लेकिन शिवपुरी जिले की बदरवास नगर पंचायत में पिछले 15 सालों से अध्यक्ष पद पर आसीन परिहार दंपति के पास घर के नाम पर एक आधी अधूरी इमारत है. और जीवन यापन करने के लिए दो बीघा जमीन. इसके अलावा उनके कोई संपत्ति नहीं है.

हैरान करने वाली बात ये है कि परिहार दंपति के दो पुत्र हैं, जिनमें से एक पेट्रोल पंप पर काम करता है. तो वहीं दूसरा साइकिल की दुकान पर पंचर जोड़ने का काम कर अपनी आजीविका चला रहा है. परिहार दंपति से जुड़ी इन बातों के चलते इनको देश में सबसे ईमानदार जनप्रतिनिधि कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी.

badarwas nagar panchayat
मजदूरी कर चला रहे हैं आजीविका

2005 से अध्यक्ष पद पर आसीन है दंपति

बदरवास नगर पंचायत का इतिहास देखा जाए तो साल 2005 में हुए नगर परिषद के चुनाव में प्रयाग बाई परिहार अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुई थीं. इसके बाद 2010 से 2015 तक प्रयाग बाई के पति बद्री प्रसाद परिहार नगर परिषद के अध्यक्ष के रूप में चुने गए. 2015 से 2020 तक एक बार फिर महिला अनुसूचित जाति की सीट पर प्रयाग बाई परिहार चुनाव जीतकर नगर परिषद की अध्यक्ष बनीं. बावजूद इसके यह परिवार आज भी सादा जीवन जी रहा है. एक छोटे से घर में जिसका पूरी तरह निर्माण भी नहीं किया गया है, वे उसमें निवास करते हैं और जीवन यापन करने के लिए इनके दो पुत्र मजदूरी करते हैं.

दो बीघा जमीन के मालिक हैं परिहार दंपति

परिहार दंपति के पास संपत्ति के नाम पर सिर्फ 2 बीघा जमीन है. जिससे वे अपना जीवन यापन करते हैं. जानकारी के मुताबिक इन्हें नगर परिषद से मिलने वाला मानदेय ही इनकी आजीविका चलाने का मुख्य साधन है.

बेटे मजदूरी कर चला रहे हैं आजीविका

किसी के माता-पिता नगर परिषद जैसी करोड़ों रुपए साल में खर्च करने वाली संस्था पर 15 सालों से आसीन हो और उनके बेटे मजदूरी कर जीवन यापन करें. यह बात सबको अचंभे में डाल देती है. प्रयाग भाई और बद्री परिहार का बड़ा बेटा मनोज परिहार बदरवास के ही पेट्रोल पंप पर काम करता है. सचिन परिहार जो उनका दूसरा बेटा है, वो बदरवास में ही एक साइकिल की दुकान पर मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है.

शिवपुरी। आज के युग में किसी पद पर आते ही ज्यादातर नेताओं का एकमात्र उद्देश्य भ्रष्टाचार और लूट-खसोट बन जाता है. आमतौर पर देखा जाता है कि किसी शासकीय संस्था में निर्वाचित अध्यक्ष एक ही कार्यकाल में अर्श से फर्श तक का सफर तय कर लेता है. लेकिन शिवपुरी जिले की बदरवास नगर पंचायत में पिछले 15 सालों से अध्यक्ष पद पर आसीन परिहार दंपति के पास घर के नाम पर एक आधी अधूरी इमारत है. और जीवन यापन करने के लिए दो बीघा जमीन. इसके अलावा उनके कोई संपत्ति नहीं है.

हैरान करने वाली बात ये है कि परिहार दंपति के दो पुत्र हैं, जिनमें से एक पेट्रोल पंप पर काम करता है. तो वहीं दूसरा साइकिल की दुकान पर पंचर जोड़ने का काम कर अपनी आजीविका चला रहा है. परिहार दंपति से जुड़ी इन बातों के चलते इनको देश में सबसे ईमानदार जनप्रतिनिधि कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी.

badarwas nagar panchayat
मजदूरी कर चला रहे हैं आजीविका

2005 से अध्यक्ष पद पर आसीन है दंपति

बदरवास नगर पंचायत का इतिहास देखा जाए तो साल 2005 में हुए नगर परिषद के चुनाव में प्रयाग बाई परिहार अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुई थीं. इसके बाद 2010 से 2015 तक प्रयाग बाई के पति बद्री प्रसाद परिहार नगर परिषद के अध्यक्ष के रूप में चुने गए. 2015 से 2020 तक एक बार फिर महिला अनुसूचित जाति की सीट पर प्रयाग बाई परिहार चुनाव जीतकर नगर परिषद की अध्यक्ष बनीं. बावजूद इसके यह परिवार आज भी सादा जीवन जी रहा है. एक छोटे से घर में जिसका पूरी तरह निर्माण भी नहीं किया गया है, वे उसमें निवास करते हैं और जीवन यापन करने के लिए इनके दो पुत्र मजदूरी करते हैं.

दो बीघा जमीन के मालिक हैं परिहार दंपति

परिहार दंपति के पास संपत्ति के नाम पर सिर्फ 2 बीघा जमीन है. जिससे वे अपना जीवन यापन करते हैं. जानकारी के मुताबिक इन्हें नगर परिषद से मिलने वाला मानदेय ही इनकी आजीविका चलाने का मुख्य साधन है.

बेटे मजदूरी कर चला रहे हैं आजीविका

किसी के माता-पिता नगर परिषद जैसी करोड़ों रुपए साल में खर्च करने वाली संस्था पर 15 सालों से आसीन हो और उनके बेटे मजदूरी कर जीवन यापन करें. यह बात सबको अचंभे में डाल देती है. प्रयाग भाई और बद्री परिहार का बड़ा बेटा मनोज परिहार बदरवास के ही पेट्रोल पंप पर काम करता है. सचिन परिहार जो उनका दूसरा बेटा है, वो बदरवास में ही एक साइकिल की दुकान पर मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है.

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