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साइलो केंद्रों से नहीं उठा गेहूं का भंडारण, कैसे होगी नई खरीदी ?

श्योपुर के वेयरहाउस और साइलो केंद्रों पर रखे पिछले वर्षों के गेहूं अभी तक नहीं उठाया गया है. वहीं दूसरी ओर आगामी कुछ दिनों में शुरू होने वाली गेहूं की खरीदी की प्रक्रिया कैसे होगी. इस बात को लेकर कांग्रेस विधायक ने सवाल उठाए हैं.

साइलो केंद्रों से नहीं उठा गेहूं का भंडारण
साइलो केंद्रों से नहीं उठा गेहूं का भंडारण
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Published : Mar 30, 2021, 3:12 PM IST

श्योपुर। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए बनाए गई साइलो केंद्रों पर खरीदी की जाती है, लेकिन श्योपुर में प्रशासन द्वारा अभी तक वेयरहाउस और साइलो केंद्रों पर रखे हुए पिछले वर्षों के गेहूं का उठाव तक नहीं हो सका है. इसके अलावा साहिलों केंद्रों का रास्ता भी ठीक नहीं कराया गया है. ऐसी परिस्थितियों में सवाल यह है कि आगामी कुछ दिनों में शुरू होने वाली गेहूं की खरीदी की प्रक्रिया को प्रशासन कैसे शुरू कराएगा.

साइलो केंद्रों से नहीं उठा गेहूं का भंडारण
  • अभी तक नहीं उठा दो साल पुराना गेहूं

श्योपुर जिले में 2 साइलो केंद्र हैं, पहला नागदा और दूसरा सल्मान्या, इन केंद्रों से दो साल पुराना गेहूं भी अभी तक नहीं उठाया गया है. यही वजह है कि नागदा सायलो केंद्र पर अभी भी एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं भंडारण हैं. वहीं, सल्मान्या के सायलो केंद्र से गेहूं का उठाव किया जा रहा है, लेकिन रफ्तार धीमी होने की वजह से जब तक गेहूं की खरीदी शुरू होगी. तब तक यहां से 50% गेहूं भी नहीं उठाया सकेगा.

  • मैनेजर पवन कुमार ने कही ये बात

अन्य बेयर हाउस की स्थिति भी ऐसी ही है, कुछ में जगह है तो कुछ फूल भरे हुए हैं. ऐसी स्थिति में खरीद प्रक्रिया अगर शुरू होती है. तो खरीदे जाने वाले गेहूं को खुले आसमां के नीचे रखना पड़ेगा. इस बारे में नागदा से मैनेजर पवन कुमार का कहना है कि खरीदी के दौरान दिक्कत नहीं आएगी. पहले के माल का भंडारण अभी तक नहीं उठा हो, लेकिन खरीदी शुरू होने तक सारे इंतजाम हो जाएंगे.

  • जिले में हैं 72 केंद्र

गेहूं खरीदी के लिए प्रशासन द्वारा पिछले वर्ष जिले भर में 72 केंद्र बनाए गए थे. इन केंद्रों में से 20 से 25 केंद्रों को छोड़कर ज्यादातर केंद्र खुले आसमां के नीचे खेतों में और मैदानों में संचालित किए गए. जिसके कारण बारिश में किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं भीग कर बर्बाद हो गया था. इस वर्ष भी खुले आसमां के नीचे ज्यादातर खरीदी केंद्रों पर खरीदी की जाएगी. साथ ही कराहल ओछापुरा और बड़ौदा में ओपन कैंपों पर लाखों मीट्रिक टन गेहूं को रखने का कार्य किया जाएगा. ऐसे में अगर खरीदी के दौरान बारिश होती है. तो हर साल की तरह इस बार भी किसानों से खरीदे जाने वाला हजारों क्विंटल गेहूं बर्बाद हो जाएगा.

लुटेरों की टोली से बचना चाहिए- राकेश टिकैत

  • प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

गेहूं खरीदी की तैयारी के बारे में कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेंद्र जाट तो गेहूं खरीदी के पूरे इंतजाम बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी.

श्योपुर। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए बनाए गई साइलो केंद्रों पर खरीदी की जाती है, लेकिन श्योपुर में प्रशासन द्वारा अभी तक वेयरहाउस और साइलो केंद्रों पर रखे हुए पिछले वर्षों के गेहूं का उठाव तक नहीं हो सका है. इसके अलावा साहिलों केंद्रों का रास्ता भी ठीक नहीं कराया गया है. ऐसी परिस्थितियों में सवाल यह है कि आगामी कुछ दिनों में शुरू होने वाली गेहूं की खरीदी की प्रक्रिया को प्रशासन कैसे शुरू कराएगा.

साइलो केंद्रों से नहीं उठा गेहूं का भंडारण
  • अभी तक नहीं उठा दो साल पुराना गेहूं

श्योपुर जिले में 2 साइलो केंद्र हैं, पहला नागदा और दूसरा सल्मान्या, इन केंद्रों से दो साल पुराना गेहूं भी अभी तक नहीं उठाया गया है. यही वजह है कि नागदा सायलो केंद्र पर अभी भी एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं भंडारण हैं. वहीं, सल्मान्या के सायलो केंद्र से गेहूं का उठाव किया जा रहा है, लेकिन रफ्तार धीमी होने की वजह से जब तक गेहूं की खरीदी शुरू होगी. तब तक यहां से 50% गेहूं भी नहीं उठाया सकेगा.

  • मैनेजर पवन कुमार ने कही ये बात

अन्य बेयर हाउस की स्थिति भी ऐसी ही है, कुछ में जगह है तो कुछ फूल भरे हुए हैं. ऐसी स्थिति में खरीद प्रक्रिया अगर शुरू होती है. तो खरीदे जाने वाले गेहूं को खुले आसमां के नीचे रखना पड़ेगा. इस बारे में नागदा से मैनेजर पवन कुमार का कहना है कि खरीदी के दौरान दिक्कत नहीं आएगी. पहले के माल का भंडारण अभी तक नहीं उठा हो, लेकिन खरीदी शुरू होने तक सारे इंतजाम हो जाएंगे.

  • जिले में हैं 72 केंद्र

गेहूं खरीदी के लिए प्रशासन द्वारा पिछले वर्ष जिले भर में 72 केंद्र बनाए गए थे. इन केंद्रों में से 20 से 25 केंद्रों को छोड़कर ज्यादातर केंद्र खुले आसमां के नीचे खेतों में और मैदानों में संचालित किए गए. जिसके कारण बारिश में किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं भीग कर बर्बाद हो गया था. इस वर्ष भी खुले आसमां के नीचे ज्यादातर खरीदी केंद्रों पर खरीदी की जाएगी. साथ ही कराहल ओछापुरा और बड़ौदा में ओपन कैंपों पर लाखों मीट्रिक टन गेहूं को रखने का कार्य किया जाएगा. ऐसे में अगर खरीदी के दौरान बारिश होती है. तो हर साल की तरह इस बार भी किसानों से खरीदे जाने वाला हजारों क्विंटल गेहूं बर्बाद हो जाएगा.

लुटेरों की टोली से बचना चाहिए- राकेश टिकैत

  • प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

गेहूं खरीदी की तैयारी के बारे में कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेंद्र जाट तो गेहूं खरीदी के पूरे इंतजाम बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी.

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