श्योपुर। सरकारें व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का कितना भी प्रयास कर लें, लकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण कई बार जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. ऐसा ही कुछ होता दिखा श्योपुर जिला असपताल में, जहां अस्पताल की ओपीडी 8 बजे सूबह खुल गई, लेकिन डॉक्टर 12 बजे तक नहीं पहुचे. घंटों डॉक्टर का इंतजार करने के बाद दर्जनों मरीज बिना इलाज के ही लौट गए.
बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में डॉक्टर अपने आवास पर मरीजों को देखते हैं, जिस कारण से वह ओपीडी में समय पर नहीं पहुंच रहे हैं. डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से दूरदराज से आए और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को काफी परेशानी होती हैं. कई बार तो मरीज जिला अस्पताल की दहलीज पर ही दम तोड़ देता है, जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई भी सुधार देखने को नहीं मिलता.
उपचार के लिए आए मरीजों ने बताया कि वह 3 घंटे से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया है. कई लोग इनमें से 100 किलोमीटर दूर से आए हैं और वह बार-बार यहां तक आने में असमर्थ हैं. मरीजों के परिजनों ने बताया की मरीज इंतजार कर के लौट गए हैं, कुछ देर बाद वो भी लौट जाएंगे.
इस मामले में जब ईटीवी भारत ने सीएमएचओ डॉक्टर बीएल यादव से बात की तो उन्होंने मामले में जल्द ही बैठक करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन से भी बात करके ओपीडी में बैठने के लिए कुछ डॉक्टरों को परमानेंट आदेश दिया जाएगा. जिससे मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. इससे बाद भी लापरवाही बरत रहे डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि ओपीडी खोलने का समय सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक है, लेकिन जिला अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ओपीडी में पहुंचती ही नहीं है, जिससे जिला अस्पताल में उपचार के लिए आ रहे मरीजों को अधिकतर डॉक्टरों का घंटों इंतजार करना पड़ता है, कई बार तो बिना उपचार के ही लौटना पड़ता है. कई बार तो गंभीर मरीजों को भी डॉक्टरों की इस लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ता है.