ETV Bharat / state

श्योपुर जिला अस्पताल प्रशासन की लापरवाही, मौत के बाद भी घंटों जनरल वार्ड में पड़े रहे शव

श्योपुर जिला अस्पताल में इलाज के दौरान तीन मरीजों की मौत के बाद भी शव जनरल और महिला वार्डों में भर्ती मरीजों के बीच रखे रहे. जहां इन मरीजों का पोस्टमार्टम तक नहीं करवाया गया.

District Hospital Administration Reckless in Sheopur
मौत के बाद भी घंटों जनरल वार्ड में पड़े रहे शव
author img

By

Published : May 23, 2020, 12:28 AM IST

श्योपुर। श्योपुर जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराए गए 3 मरीजों ने इलाज के दौरान 12 घंटे के भीतर दम तोड़ दिया, जिनमें दो महिलाएं है. इन मरीजों के शव काफी देर तक जनरल और महिला वार्डों में भर्ती मरीजों के बीच रखे रहे.

इस वजह से दूसरे मरीजों में हड़कंप मचा हुआ है. जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते एक साथ तीन मरीजों की मौत होने के बाद भी ना तो उनके कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए और ना ही उनके शवों का पोस्टमार्टम करवाया गया.

40 साल की जयश्री पत्नी काडूलाल बैरवा को बुधवार देर शाम उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. जिसने इलाज के दौरान 3 घंटे बाद रात करीब साढ़े 11 बजे दम तोड़ दिया.

इसी तरह 20 साल की गिरजा की तबियत खराब होने पर उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. इसी दौरान सुबह करीब 11 बजे महिला ने दम तोड़ दिया.

परिजन महिला की मौत की वजह पीलिया बता रहे है और वह यह भी आरोप लगा रहे है कि अगर महिला को ठीक तरह से इलाज मिल जाता तो उसकी मौत नहीं होती. वहीं 60 साल की बुजुर्ग की मौत भी गुरुवार की सुबह करीब 4 बजे हुई है.

फिर भी अस्पताल प्रबंधन इन मौतों को लेकर लापरवाह बना हुआ है. जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में इलाज, परामर्श और प्रसव के लिए रोजाना 250-300 के करीब प्रसूताओं की भीड़ पहुंच रही है लेकिन देखा जा रहा है कि मेटरनिटी वार्ड में सोशल डिस्टेंसिंग का कोई इंतजाम नहीं है.

इन हालातों में अगर कोई भी प्रसूता कोरोना पॉजिटिव निकली तो उसके संपर्क में कई महिलाएं आएंगी और जिले में कोरोना खतरा बन सकता है. पास के जिले भिंड़ और मुरैना में कोरोना का जबरदस्त विस्फोट हो रहा है, फिर भी जिला अस्पताल प्रबंधन लापरवाह बना हुआ है.

श्योपुर। श्योपुर जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराए गए 3 मरीजों ने इलाज के दौरान 12 घंटे के भीतर दम तोड़ दिया, जिनमें दो महिलाएं है. इन मरीजों के शव काफी देर तक जनरल और महिला वार्डों में भर्ती मरीजों के बीच रखे रहे.

इस वजह से दूसरे मरीजों में हड़कंप मचा हुआ है. जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते एक साथ तीन मरीजों की मौत होने के बाद भी ना तो उनके कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए और ना ही उनके शवों का पोस्टमार्टम करवाया गया.

40 साल की जयश्री पत्नी काडूलाल बैरवा को बुधवार देर शाम उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. जिसने इलाज के दौरान 3 घंटे बाद रात करीब साढ़े 11 बजे दम तोड़ दिया.

इसी तरह 20 साल की गिरजा की तबियत खराब होने पर उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. इसी दौरान सुबह करीब 11 बजे महिला ने दम तोड़ दिया.

परिजन महिला की मौत की वजह पीलिया बता रहे है और वह यह भी आरोप लगा रहे है कि अगर महिला को ठीक तरह से इलाज मिल जाता तो उसकी मौत नहीं होती. वहीं 60 साल की बुजुर्ग की मौत भी गुरुवार की सुबह करीब 4 बजे हुई है.

फिर भी अस्पताल प्रबंधन इन मौतों को लेकर लापरवाह बना हुआ है. जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में इलाज, परामर्श और प्रसव के लिए रोजाना 250-300 के करीब प्रसूताओं की भीड़ पहुंच रही है लेकिन देखा जा रहा है कि मेटरनिटी वार्ड में सोशल डिस्टेंसिंग का कोई इंतजाम नहीं है.

इन हालातों में अगर कोई भी प्रसूता कोरोना पॉजिटिव निकली तो उसके संपर्क में कई महिलाएं आएंगी और जिले में कोरोना खतरा बन सकता है. पास के जिले भिंड़ और मुरैना में कोरोना का जबरदस्त विस्फोट हो रहा है, फिर भी जिला अस्पताल प्रबंधन लापरवाह बना हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.