श्योपुर। कूनाे नेशनल पार्क (Sheopur Kuno National Park) में सेपरेट बाड़ाें में बंद चीताें काे करीब 41 दिन हाे गए हैं, लेकिन अभी इन्हें बड़े बाड़े में नहीं छाेड़ा जा सका है. (Cheetahs will not Shift in big enclosure) इसको लेकर चीता टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई, लेकिन बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला. दरअसल बड़े बाडे़ में कई कमियां होने की वजह से चीतों को रिलीज करने पर सहमति नहीं बन सकी. आज शुक्रवार को कूनों नेशनल पार्क में विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे और बड़े बाड़े का निरीक्षण करेंगे. (Cheetah Task Force Meeting Ineffective) पहले यह तय हुआ था कि एक महीने का क्वारंटीन पीरियड होगा, इस दौरान चीतों की हरेक गतिविधि पर वन विभाग और विशेषज्ञ नजर रखेंगे. नए वातावरण में किस तरह से चीते रिएक्ट करेंगे यह भी देखा जाएगा. मगर अभी तक इनका मिलन नहीं हो सका है. (MP Cheetah Project)
PM नरेंद्र मोदी ने MP के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को विशेष बाड़े में छोड़ा
चीतों को छोटे बाड़ों में किया क्वॉरेंटाइन: भारतीय बनने की राह में आगे बढ़ रहे चीतों खुले में या बड़े बाड़े में छोड़े जाने पर कोठ ठोस निर्णय नहीं होने के पीछे कई बड़े कारण हैं जो चौकाने वाले हैं. नामीबियाई एक्सपर्ट वोल्ट ने इसको लेकर आपत्ति जताई है. बाड़े का इंटरनल फेंसिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा नहीं हुआ है, कई जगह तार निकल रहे हैं. जिन्हें ठीक किए जाने का सुझाव दिया गया है. अभी चीतों को छोटे बाड़ों में ही क्वॉरेंटाइन रखा गया है. 30 की बजाए 41 दिन का समय पूरा हो चुका है लेकिन अब तक चीतों को बड़े बाड़ें में शिफ्ट नहीं किया जा सका है. सवाल यह उठता है कि आखिर ये काम इतने लंबे समय से क्यों अटके पड़े हैं जबकि तैयारियों के पूरा होने का दावा उसी वक्त किया गया था जब पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर इन्हे भारत लाया गया था. (Cheetah in India)
विदेशी चीतों की निगरानी के लिए 9 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन
केंद्र सरकार ने किया था चीता टास्क फोर्स का गठन: पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने 72वें जन्मदिन पर नामीबिया से आए 8 चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर में कूनो नेशनल पार्क के एनक्लोजर में छोड़ा था. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान और अन्य उपयुक्त निर्दिष्ट क्षेत्रों में चीतों की निगरानी के लिए नौ सदस्यीय कार्यबल का गठन किया था. यह कार्य बल चीतों की प्रगति की समीक्षा करेगा और उनके अनुकूलन एवं स्वास्थ्य की स्थिति की निगरानी करेगा. साथ ही यह पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास पर सुझाव और सलाह भी देगा. पिछले महीने अपने मासिक रेडियो प्रसारण 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कार्यबल तय करेगा कि लोग राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को कब देख सकते हैं.
आखिर कब होगा बिग कैट चीता के दर्शन: बड़ी बिल्ली की प्रजाति के यह चीते भारत में लुफ्त होने के 74 साल बाद लाए गए. इन्हे लेकर कई तरह की कॉन्ट्रोवर्सी भी हुई. मगर अब एक नई किस्म की कॉन्ट्रोवर्सी हो रही है कि आखिर क्या कारण हैं कि 41 दिन के बाद भी चीतों को आम लोगों के दीदार के लिए सामने नहीं लाया जा रहा. हालांकि इसके पीछे कारण तकनीकी है (Cheetah Task Force Meeting Ineffective) जो रखरखाव से जुड़ा है. आज कूनों नेशनल पार्क (Sheopur Kuno National Park) में विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे और बड़े बाड़े का निरीक्षण करेंगे इसके बाद ही कुछ साफ हो पाएगा कि इन चीतों की स्पीड में दौड़ते लोग कब तक देख पाएंगे. (MP Cheetah Project)