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मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं हैं बदहाल, डॉक्टरों की कमी मरीजों के लिए बनी 'प्रॉब्लम' - Wandering patients

श्योपुर के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है, जिसका खामिया मरीजों को भुगतना पड़ता है. दूर-दराज से आने वाले मरीज घंटों इंतजार के बाद मजबूर होकर वापस घर लौट जाते हैं.

श्योपुर में स्वास्थ सुविधाएं हैं बदहाल
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Published : Oct 12, 2019, 4:27 AM IST

श्योपुर। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राज्य सरकार जो दावे करती वो खोखले नजर आ रहे हैं. इसकी तस्दीक जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल कर रहा है. यहां डॉक्टरों की भारी कमी है, जिसका खामिया मरीजों को भुगतना पड़ता है. दूर-दराज से आने वाले मरीज घंटों इंतजार के बाद मजबूर होकर वापस घर लौट जाते हैं.

श्योपुर में स्वास्थ सुविधाएं हैं बदहाल

जिला अस्पताल में स्वाथ्य सुविधाओं की बदहाली की मार सबसे ज्यादा गरीब तबके पर पड़ रही है, क्योंकि वो इलाज के लिए सिर्फ सरकारी अस्पताल पर निर्भर रहते हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं कि वे प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर इलाज करा सकें.

आंकड़ों के हिसाब से स्थिति बदहाल
जिला अस्पताल में 30 विशेषज्ञ डॉक्टर होना चाहिए, जिनमें से फिलहाल यहां एक भी मौजूद नहीं है. इसके अलावा इमरजेंसी ड्यूटी संभालने के लिए 49 डॉक्टरों की जरूरत हैं, जिमसें से महज 18 ही डॉक्टर पदस्थ्य हैं, जबकि ओपीडी के अलावा दूसरे वार्डों में भर्ती मरीजों को संभालने के लिए एक भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं है.

राजस्थान जाते हैं मरीज
मरीजों से बातचीत में यह जानकारी सामने आई है कि श्योपुर जिले के अधिकतर मरीज राजस्थान के कोटा, सवाईमाधौपुर और बारां में जाकर अपना इलाज करवाते हैं. क्योंकि जिला अस्पताल में वो स्वास्थ्य सुविधा नहीं है, जो राजस्थान के जिला अस्पताल में उपलब्ध हो जाती है.

श्योपुर। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राज्य सरकार जो दावे करती वो खोखले नजर आ रहे हैं. इसकी तस्दीक जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल कर रहा है. यहां डॉक्टरों की भारी कमी है, जिसका खामिया मरीजों को भुगतना पड़ता है. दूर-दराज से आने वाले मरीज घंटों इंतजार के बाद मजबूर होकर वापस घर लौट जाते हैं.

श्योपुर में स्वास्थ सुविधाएं हैं बदहाल

जिला अस्पताल में स्वाथ्य सुविधाओं की बदहाली की मार सबसे ज्यादा गरीब तबके पर पड़ रही है, क्योंकि वो इलाज के लिए सिर्फ सरकारी अस्पताल पर निर्भर रहते हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं कि वे प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर इलाज करा सकें.

आंकड़ों के हिसाब से स्थिति बदहाल
जिला अस्पताल में 30 विशेषज्ञ डॉक्टर होना चाहिए, जिनमें से फिलहाल यहां एक भी मौजूद नहीं है. इसके अलावा इमरजेंसी ड्यूटी संभालने के लिए 49 डॉक्टरों की जरूरत हैं, जिमसें से महज 18 ही डॉक्टर पदस्थ्य हैं, जबकि ओपीडी के अलावा दूसरे वार्डों में भर्ती मरीजों को संभालने के लिए एक भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं है.

राजस्थान जाते हैं मरीज
मरीजों से बातचीत में यह जानकारी सामने आई है कि श्योपुर जिले के अधिकतर मरीज राजस्थान के कोटा, सवाईमाधौपुर और बारां में जाकर अपना इलाज करवाते हैं. क्योंकि जिला अस्पताल में वो स्वास्थ्य सुविधा नहीं है, जो राजस्थान के जिला अस्पताल में उपलब्ध हो जाती है.

Intro:ऐंकर
श्योपुर- डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे श्योपुर के जिला अस्पताल में इन दिनों उपचार न मिल पाने की वजह से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों की इतनी कमी है कि ड्यूटी पर पदस्थ डॉक्टर अगर इमरजेंसी और वार्डों की व्यवस्थाओं को संभालते है तो ओपीडी खाली हो जाती है। ......Body:जिससे मरीजों को घंटों तक डॉक्टरों के आने का इंतजार करने के बाद बिना इलाज करवाए ही घर बापस लौटना पड़ रहा है। हालातों से परेशान श्योपुर के ज्यादातर मरीज राजस्थान के कोटा, बांरां और सवाईमाधौपुर के अस्पतालों में पहुंचकर अपना इलाज करवाने लगे है। जिला अस्पताल के हालातों की अगर बात की जाए तो अस्पताल में 30 डॉक्टर विशेषज्ञ होना चाहिए, लेकिन अभी तक एक भी नहीं है। 49 डॉक्टरों में से महज 18 ही डॉक्टर है, जो अगर इमरजेंसी ड्यूटी संभालते है तो ओपीडी और वार्डों में भर्ती मरीजों को संभालने तक के लिए डॉक्टर नहीं होते है। ......Conclusion:मेंटरनिटी वार्ड में गर्भवती महिलाओं को घंटों तक इंतजार के बाद स्टॉफ नर्स से परामर्श लेकर लौटना पड़ रहा है। प्रदेश के अन्य जिलों से ट्रांसफर किए गए डॉक्टर दो महीने बाद भी यहां नहीं पहुंचे है बल्कि यहां के पांच डॉक्टर तबादले करवाकर और इस्तीफे देकर चले गए है। जिससे हालात दिनों-दिन बिगडने लगे है। लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पहुंचने वाले मरीजों का कहना है कि वह घंटों से इंतजार कर रहे है लेकिन ओपीडी में कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा है। जिससे वह परेशान है। बाईट लियाकत खान मरीज दीनू मरीज नोट- सीएमएचओ ग्रामीण इलाके के दौरे पर है। इस वजह से उनसे बात नहीं हो सकी है, विधायक भी बाहर है।
नॉट:सीएमएचओ बाहर होंने के कारण बाइट नही होपाई।
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