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अस्थियां विसर्जन को लेकर परिजन हो रहे परेशान, लॉक डाउन हटने का कर रहे इंतजार - Lock down

श्योपुर में लॉक डाउन की वजह से मृतकों की अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पा रहा है. जिससे पिछले 1 महीने में जिन लोगों की मौत हुई उनकी अस्थियों के कलश लॉक डाउन खत्म होने के इंतजार में शांति धाम पर लॉकर में रखी हुई है या फिर घरों के बाहर पेड़ों पर लड़की हुई है. जिससे उनके परिवार जन परेशान हो रहे हैं.

Families are worried about the ashes immersion in Sheopur
अस्थियां विसर्जन को लेकर परिजन हो रहे परेशान
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Published : Apr 26, 2020, 6:52 PM IST


श्योपुर। लॉक डाउन के दौरान जिले भर में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत बीमारी या दूसरे कारणों से हो चुकी है. जिसमें 20 से ज्यादा लोग हिंदू समाज के रहे हैं उनकी आकस्मिक मौत के बाद उनके चार से पांच परिजनों ने मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार तो परेशानी उठा कर जैसे-तैसे कर लिया, लेकिन अपने मृतक परिजनों की अस्थियों का विसर्जन अब तक नहीं कर सके हैं. हालात ऐसे हैं कि एक माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी मृतकों की अस्थियां सोरों या हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जन के लिए नहीं जा सकी हैं. साथ ही लोग तेरहवीं में ब्राह्मण भोज तक नहीं करा पा रहे हैं.

कैसे हो अस्थि विसर्जन
श्योपुर के बिजली कार्यालय के सामने रहने वाले 81 वर्षीय रमेश गोयल का 13 अप्रैल को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था, उसके परिवार के 5 लोगों ने उसकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार तो जैसी तैसी कर दिया लेकिन उसकी अस्थियों के विसर्जन से लेकर दूसरे काम अभी तक नहीं हो सकी हैं. शहर के बड़ौदा रोड पर स्थित शांति धाम की समिति के सदस्यों का कहना है कि जब से लॉक डाउन हुआ है तभी से लोग अंतिम संस्कार तो परेशानी उठा कर कर लेते हैं, लेकिन उनकी अस्थियां अभी तक विसर्जन के इंतजार में लॉकरो में और पेड़ों पर लटकी हुई है.


श्योपुर। लॉक डाउन के दौरान जिले भर में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत बीमारी या दूसरे कारणों से हो चुकी है. जिसमें 20 से ज्यादा लोग हिंदू समाज के रहे हैं उनकी आकस्मिक मौत के बाद उनके चार से पांच परिजनों ने मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार तो परेशानी उठा कर जैसे-तैसे कर लिया, लेकिन अपने मृतक परिजनों की अस्थियों का विसर्जन अब तक नहीं कर सके हैं. हालात ऐसे हैं कि एक माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी मृतकों की अस्थियां सोरों या हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जन के लिए नहीं जा सकी हैं. साथ ही लोग तेरहवीं में ब्राह्मण भोज तक नहीं करा पा रहे हैं.

कैसे हो अस्थि विसर्जन
श्योपुर के बिजली कार्यालय के सामने रहने वाले 81 वर्षीय रमेश गोयल का 13 अप्रैल को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था, उसके परिवार के 5 लोगों ने उसकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार तो जैसी तैसी कर दिया लेकिन उसकी अस्थियों के विसर्जन से लेकर दूसरे काम अभी तक नहीं हो सकी हैं. शहर के बड़ौदा रोड पर स्थित शांति धाम की समिति के सदस्यों का कहना है कि जब से लॉक डाउन हुआ है तभी से लोग अंतिम संस्कार तो परेशानी उठा कर कर लेते हैं, लेकिन उनकी अस्थियां अभी तक विसर्जन के इंतजार में लॉकरो में और पेड़ों पर लटकी हुई है.
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