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डॉक्टर का इंजेक्शन मासूम की जान पर पड़ रहा भारी, स्वस्थ तो हुआ नहीं पकड़ ली एक और बीमारी

मध्यप्रदेश के श्योपुर में झोलाछाप डॉक्टर की गलती का खामियाजा पांच साल के बच्चे को भुगतना पड़ रहा है. झोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन से बच्चे का बुखार तो सहीं हुआ नहीं बल्कि एक नई बीमारी और लग गई.

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Published : Sep 9, 2019, 1:47 PM IST

श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला है. यहां कई फर्जी डॉक्टरों ने अपने प्राइवेट क्लीनिक और मेडिकल स्टोर खोल रखे हैं. जो लगातार लोगों की जान के दुश्मन बने हुए हैं. इनके खिलाफ न तो पुलिस और न हीं प्रशासन किसी तरह की कोई कार्रवाई करता है. लिहाजा झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे हैं.

झोलाछाप डॉक्टर ने लगाया मासूम को गलत इंजेक्शन

आवदा थाना क्षेत्र के राडेप गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. झोलाछाप डॉक्टर की गलती का खामियाजा पांच साल के बच्चे को भुगतना पड़ रहा है. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बुखार से पीड़ित बच्चे को इंजेक्शन लगाया था. जिसके बाद भी उसका बुखार कम नहीं हुआ, बल्कि उसे झटके आ रहे हैं.

बताया जा रहा है कि 5वीं में पढ़ने वाले छात्र को बुखार था. जिसका इलाज कराने के लिए परिजन उसे आवदा कस्बे में एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर ले गये. जहां झोलाछाप डॉक्टर ने उसे दो इंजेक्शन लगाए और कुछ दवाइयां देकर फीस वसूल ली. परिजनों की मानें तो इलाज कराने के बाद छात्र का बुखार तो ठीक नहीं हुआ, उसे झटके आने की बीमारी शुरु हो गई. छात्र के पूरे शरीर में ऐंठन होने लगी, जिसके चलते वह पूरे समय बेचैन रहता है.

परेशान परिजन मंगलवार को अपने बेटे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टरों ने जांच कर बच्चे की बीमारी को समझ से परे बताकर ग्वालियर रेफर कर दिया. परिजनों का कहना है कि जब से झोलाछाप डॉक्टर ने उनके बेटे को इंजेक्शन लगाया है तब से वह पढ़ना-लिखना तो दूर न ठीक से खा-पी रहा है और न ही बैठ पा रहा है.

मामले में जब सीएमएचओ एआर करोरिया से बात की गई तो उन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई का तो भरोसा दिया है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिरकार ये झोलाछाप डॉक्टर पनपते कहां से हैं.

श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला है. यहां कई फर्जी डॉक्टरों ने अपने प्राइवेट क्लीनिक और मेडिकल स्टोर खोल रखे हैं. जो लगातार लोगों की जान के दुश्मन बने हुए हैं. इनके खिलाफ न तो पुलिस और न हीं प्रशासन किसी तरह की कोई कार्रवाई करता है. लिहाजा झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे हैं.

झोलाछाप डॉक्टर ने लगाया मासूम को गलत इंजेक्शन

आवदा थाना क्षेत्र के राडेप गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. झोलाछाप डॉक्टर की गलती का खामियाजा पांच साल के बच्चे को भुगतना पड़ रहा है. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बुखार से पीड़ित बच्चे को इंजेक्शन लगाया था. जिसके बाद भी उसका बुखार कम नहीं हुआ, बल्कि उसे झटके आ रहे हैं.

बताया जा रहा है कि 5वीं में पढ़ने वाले छात्र को बुखार था. जिसका इलाज कराने के लिए परिजन उसे आवदा कस्बे में एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर ले गये. जहां झोलाछाप डॉक्टर ने उसे दो इंजेक्शन लगाए और कुछ दवाइयां देकर फीस वसूल ली. परिजनों की मानें तो इलाज कराने के बाद छात्र का बुखार तो ठीक नहीं हुआ, उसे झटके आने की बीमारी शुरु हो गई. छात्र के पूरे शरीर में ऐंठन होने लगी, जिसके चलते वह पूरे समय बेचैन रहता है.

परेशान परिजन मंगलवार को अपने बेटे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टरों ने जांच कर बच्चे की बीमारी को समझ से परे बताकर ग्वालियर रेफर कर दिया. परिजनों का कहना है कि जब से झोलाछाप डॉक्टर ने उनके बेटे को इंजेक्शन लगाया है तब से वह पढ़ना-लिखना तो दूर न ठीक से खा-पी रहा है और न ही बैठ पा रहा है.

मामले में जब सीएमएचओ एआर करोरिया से बात की गई तो उन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई का तो भरोसा दिया है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिरकार ये झोलाछाप डॉक्टर पनपते कहां से हैं.

Intro:एंकर
श्योपुर-झोलाछाप डॉक्टर ने बुखार से बीमार 5वी के छात्र को ऐसा इंजेक्शन लगाया कि उसका बुखार तो ठीक नहीं हुआ पर उसे झटकों की बीमारी लग गई। देखिए ये रिपोर्ट....

Body:वीओ-1
मामला आवदा थाना इलाके के राडेप गांव का है जहां सोनू आदिवासी निवासी राडेप को चार दिन पहले बुखार आने पर इलाज के लिए उसके परिजन उसे आवदा कस्बे के एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर इलाज के लिए लेकर पहुंचे जहां झोलाछाप ने उसे दो इंजेक्शन लगाए और कुछ दवाईयां देकर मनमानी फीस बसूलकर छात्र का बुखार जल्दी ठीक होने की बात कहकर वहां से रवाना कर दिया। परिजनों की मानें तो छात्र का बुखार तो ठीक नहीं हुआ पर उसे झटके आना शुरु हो गए। हालात ऐसे है कि छात्र हर सेकंड़ झटके मारने लगा उसके पैर की उंगलियों से लेकर हाथ, पैर और गर्दन भी पल-पल झटके खाने लगी। जिसे आप भी इन तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते है कि किस तरह से यह छात्र बैठे-बैठे ही झटके खा रहा है।Conclusion:
वीओ-02
परेशान परिजन मंगलवार को अपने बेटे सोनू को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टरों ने चेकअप कर बच्चे की बीमारी को समझ से परे बताकर उसे ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया है। परिजनों का कहना है कि उनका बेटा सोनू 5वी कक्षा में पुढता है। वह उसकी क्लाश के अन्य बच्चों से ज्यादा होशियार है। लेकिन जब से झोलाछाप डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगाया है। तब से वह पढना-लिखना तो दूर न ठीक से खा-पी रहा है और नहीं बैठ व नींद ले पा रहा है। जिले के सीएमएचओ डॉक्टर एआर करोरिया भी जिले भर के झोलाछापो के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई किए जाने की बात कह रहे है।
बाईट
डॉ एआर करोरिया सीएमएचओ
विष्णु जाट पीड़ित छात्र के पडौसी
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