श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला है. यहां कई फर्जी डॉक्टरों ने अपने प्राइवेट क्लीनिक और मेडिकल स्टोर खोल रखे हैं. जो लगातार लोगों की जान के दुश्मन बने हुए हैं. इनके खिलाफ न तो पुलिस और न हीं प्रशासन किसी तरह की कोई कार्रवाई करता है. लिहाजा झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे हैं.
आवदा थाना क्षेत्र के राडेप गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. झोलाछाप डॉक्टर की गलती का खामियाजा पांच साल के बच्चे को भुगतना पड़ रहा है. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बुखार से पीड़ित बच्चे को इंजेक्शन लगाया था. जिसके बाद भी उसका बुखार कम नहीं हुआ, बल्कि उसे झटके आ रहे हैं.
बताया जा रहा है कि 5वीं में पढ़ने वाले छात्र को बुखार था. जिसका इलाज कराने के लिए परिजन उसे आवदा कस्बे में एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर ले गये. जहां झोलाछाप डॉक्टर ने उसे दो इंजेक्शन लगाए और कुछ दवाइयां देकर फीस वसूल ली. परिजनों की मानें तो इलाज कराने के बाद छात्र का बुखार तो ठीक नहीं हुआ, उसे झटके आने की बीमारी शुरु हो गई. छात्र के पूरे शरीर में ऐंठन होने लगी, जिसके चलते वह पूरे समय बेचैन रहता है.
परेशान परिजन मंगलवार को अपने बेटे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टरों ने जांच कर बच्चे की बीमारी को समझ से परे बताकर ग्वालियर रेफर कर दिया. परिजनों का कहना है कि जब से झोलाछाप डॉक्टर ने उनके बेटे को इंजेक्शन लगाया है तब से वह पढ़ना-लिखना तो दूर न ठीक से खा-पी रहा है और न ही बैठ पा रहा है.
मामले में जब सीएमएचओ एआर करोरिया से बात की गई तो उन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई का तो भरोसा दिया है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिरकार ये झोलाछाप डॉक्टर पनपते कहां से हैं.