श्योपुर। कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल ने कोरोना जांच पर सवाल खड़े करके जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा उन्हें दी गई दवाइयों को जानलेवा बताया है. विधायक यहीं नहीं रुके, उन्होंने जिला अस्पताल के डॉक्टरों और जिला प्रशासन के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए यह तक कह दिया कि अगर वह जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा दी गई दवाइयों को खाते तो 10 दिन के भीतर व्यावरा विधायक की तरह उनकी भी मौत हो जाती.
पिछले 14 सितंबर को श्योपुर के कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल की रिपोर्ट जिला अस्पताल ने कोरोना पॉजिटिव बताई थी. जिसके बाद विधायक अपने निवास पर आइसोलेट किए गए थे. फिलहाल उनकी कोरोना रिपोर्ट को आए 10 ही दिन बीते हैं, फिर भी वह गुरुवार को बड़ौदा पुलिस थाने में 55 से 60 किसानों के खिलाफ दर्ज की गई गई एफआईआर का विरोध करने पहुंचे गए थे.
इसी दौरान मीडिया कर्मियों ने उनसे जब इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने जिला अस्पताल की कोरोना वायरस जांच पर ना सिर्फ सवाल खड़े किए, बल्कि डॉक्टरों द्वारा दी गई दवाइयों से खुद की जान को भी खतरा बताया.
सिविल सर्जन डॉक्टर आरबी गोयल का कहना है कि विधायक जी द्वारा इस तरीके के आरोप लगाए गए हैं, लेकिन यह जांच पूर्ण रूप से सही है और काफी सावधानी से की जाती है. जांच तो मशीनों द्वारा की जा रही है, इसमें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. रही बात दवाइयों की तो, दवाइयां तो कोरोना वायरस को खत्म करने की और लोगों की इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने की हैं, इनसे इस तरीके की कोई क्षति नहीं पहुंचती है.