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श्योपुर में बसों के संचालन पर ब्रेक, यूनियन के कर्मचारियों ने किया विरोध - stop operation of buses in Sheopur

लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी श्योपुर कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने मुरैना-ग्वालियर सहित अन्य दूसरे जिलों के रूटों की यात्री बसों के संचालन पर अभी भी रोक लगा रखी है. जिससे परेशान बस यूनियन के ड्राइवर, कंडक्टर और अन्य स्टाफ ने सोमवार को प्रशासन के खिलाफ बस स्टैंड पर धरना देकर शहर भर में विरोध रैली निकाली.

Bus union employees protested
बस यूनियन कर्मचारियों ने किया विरोध
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Published : Aug 17, 2020, 3:46 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 5:07 PM IST

श्योपुर। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी श्योपुर कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने मुरैना-ग्वालियर सहित अन्य दूसरे जिलों के रूटों की यात्री बसों के संचालन पर अभी भी रोक लगा रखी है. जिससे परेशान बस यूनियन के ड्राइवर, कंडक्टर और अन्य स्टाफ के लोग सोमवार को प्रशासन के खिलाफ लामबंद हो गए. जिन्होंने बस स्टैंड पर धरना देकर शहर भर में विरोध रैली निकाली, साथ ही जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर तहसीलदार को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है.

बस यूनियन कर्मचारियों ने किया विरोध

कलेक्टर पर लगा मनमानी करने का आरोप

बस यूनियन के स्टाफ के लोगों का आरोप है कि प्रदेश के किसी भी जिले में बसों के संचालन पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है, लेकिन श्योपुर कलेक्टर ने मनमानी पूर्वक बसों पर रोक लगा दी है. जिससे बस स्टाफ के लोग पिछले कई महीनों से बेरोजगार घूम रहे हैं. ऐसे में उनके परिवारों का गुजारा भी नहीं हो पा रहा है.

बाहरी राज्यों के वाहन पर नहीं लगी रोक

बस यूनियन के कर्मचारियों का कहना है कि अपनी समस्या को लेकर करीब पांच बार कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, लेकिन वह मनमानी पूर्वक बसों के संचालन पर रोक लगाकर बैठे हैं. उनका आरोप है कि जिन जिलों में सबसे ज्यादा कोरोना फैल रहा है, वहां किसी तरह की रोक नहीं है.

Memorandum submitted to tehsildar
तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

साथ ही कहा कि श्योपुर जिले में बाहरी राज्यों से आ रहे वाहनों पर कोई रोक नहीं है, फिर भी शहर में बसों के संचालन पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने ये भी आरोप लगाए है कि बस यूनियन में कोई महिला स्टाफ नहीं है, फिर भी फर्जी तरीके से कुछ महिलाओं के नाम चढ़ाकर प्रशासन राशन का घोटाला भी कर रहे है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

बस यूनियन ऑपरेटर आलोक भारद्वाज का कहना है कि जब दूसरे जिलों में बसें चल रही हैं, तो फिर श्योपुर जिले में प्रतिबंध क्यों लगा रखा है. ये हमें परेशान करने के लिए प्रशासन के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं. अगर बसों की रोक जल्द नहीं हटाई गई तो बस यूनियन उग्र आंदोलन करेगी, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन के अधिकारियों की होगी.

बस यूनियन कर्मचारी परेशान

यूनियन अध्यक्ष शाहरुख का कहना है कि जिले में चोरी छुपे बसें दूसरे राज्यों से रोजाना आ-जा रही हैं. ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियां और निजी वाहनों पर भी किसी तरह की रोक नहीं है, लेकिन यात्री बसों पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है. जिससे परिवार की भूखे मरने की नौबत आ गई है.

इस मामले में जिला कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मुरैना ग्वालिलयर जिलों में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए यात्री बसों के संचालन पर रोक लगा रखी है. उन्होंने कहा कि श्योपुर जिले में बसों का संचालन तीन दिन में चालू कर दिया जाएगा. मुरैना-ग्वालियर के रूटों की बसों पर फिलहाल रोक रहेगी.

श्योपुर। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी श्योपुर कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने मुरैना-ग्वालियर सहित अन्य दूसरे जिलों के रूटों की यात्री बसों के संचालन पर अभी भी रोक लगा रखी है. जिससे परेशान बस यूनियन के ड्राइवर, कंडक्टर और अन्य स्टाफ के लोग सोमवार को प्रशासन के खिलाफ लामबंद हो गए. जिन्होंने बस स्टैंड पर धरना देकर शहर भर में विरोध रैली निकाली, साथ ही जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर तहसीलदार को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है.

बस यूनियन कर्मचारियों ने किया विरोध

कलेक्टर पर लगा मनमानी करने का आरोप

बस यूनियन के स्टाफ के लोगों का आरोप है कि प्रदेश के किसी भी जिले में बसों के संचालन पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है, लेकिन श्योपुर कलेक्टर ने मनमानी पूर्वक बसों पर रोक लगा दी है. जिससे बस स्टाफ के लोग पिछले कई महीनों से बेरोजगार घूम रहे हैं. ऐसे में उनके परिवारों का गुजारा भी नहीं हो पा रहा है.

बाहरी राज्यों के वाहन पर नहीं लगी रोक

बस यूनियन के कर्मचारियों का कहना है कि अपनी समस्या को लेकर करीब पांच बार कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, लेकिन वह मनमानी पूर्वक बसों के संचालन पर रोक लगाकर बैठे हैं. उनका आरोप है कि जिन जिलों में सबसे ज्यादा कोरोना फैल रहा है, वहां किसी तरह की रोक नहीं है.

Memorandum submitted to tehsildar
तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

साथ ही कहा कि श्योपुर जिले में बाहरी राज्यों से आ रहे वाहनों पर कोई रोक नहीं है, फिर भी शहर में बसों के संचालन पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने ये भी आरोप लगाए है कि बस यूनियन में कोई महिला स्टाफ नहीं है, फिर भी फर्जी तरीके से कुछ महिलाओं के नाम चढ़ाकर प्रशासन राशन का घोटाला भी कर रहे है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

बस यूनियन ऑपरेटर आलोक भारद्वाज का कहना है कि जब दूसरे जिलों में बसें चल रही हैं, तो फिर श्योपुर जिले में प्रतिबंध क्यों लगा रखा है. ये हमें परेशान करने के लिए प्रशासन के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं. अगर बसों की रोक जल्द नहीं हटाई गई तो बस यूनियन उग्र आंदोलन करेगी, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन के अधिकारियों की होगी.

बस यूनियन कर्मचारी परेशान

यूनियन अध्यक्ष शाहरुख का कहना है कि जिले में चोरी छुपे बसें दूसरे राज्यों से रोजाना आ-जा रही हैं. ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियां और निजी वाहनों पर भी किसी तरह की रोक नहीं है, लेकिन यात्री बसों पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है. जिससे परिवार की भूखे मरने की नौबत आ गई है.

इस मामले में जिला कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मुरैना ग्वालिलयर जिलों में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए यात्री बसों के संचालन पर रोक लगा रखी है. उन्होंने कहा कि श्योपुर जिले में बसों का संचालन तीन दिन में चालू कर दिया जाएगा. मुरैना-ग्वालियर के रूटों की बसों पर फिलहाल रोक रहेगी.

Last Updated : Aug 17, 2020, 5:07 PM IST
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